सरकारी स्कूलों में सफाईकर्मियों को नहीं मिल रहा मानदेय
- 100 से अधिक सफाईकर्मी कार्यरत, कई महीने से बकाया है भुगतानरी स्कूलों में कार्यरत सफाईकर्मी इन दिनों भारी संकट से गुजर रहे हैं। कारण यह है कि उन्हें महीनों से मानदेय नहीं मिला है।लेकिन विभाग और...

- 100 से अधिक सफाईकर्मी कार्यरत, कई महीने से बकाया है भुगतान - प्रति शौचालय 50 रुपए की तय दर, लेकिन मिल रहा एकमुश्त हजार रुपए - डीईओ व बीईओ को कई बार दी गई शिकायत, लेकिन नहीं हुई सुनवाई गोपालगंज /पंचदेवरी, एक संवाददाता। पंचदेवरी प्रखंड के सरकारी स्कूलों में कार्यरत सफाईकर्मी इन दिनों भारी संकट से गुजर रहे हैं। कारण यह है कि उन्हें महीनों से मानदेय नहीं मिला है।लेकिन विभाग और एजेंसी से कोई ठोस पहल नहीं हो रही। विभाग द्वारा स्कूलों में शौचालय और परिसर की सफाई के लिए एक एनजीओ के माध्यम से एजेंसी नियुक्त की गई है।
एजेंसी को निर्देश है कि प्रत्येक शौचालय के लिए प्राइमरी व मिडिल स्कूल में 50 रुपए और उच्च विद्यालय व प्लस टू में 100 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से भुगतान करे। लेकिन, हकीकत यह है कि एजेंसी हर कर्मी को केवल एकमुश्त 1000 रुपए ही देती है, चाहे उसने एक, दो या तीन शौचालय की सफाई क्यों न की हो। मध्य विद्यालय नेहरूआ कला के प्रधानाध्यापक सुनील शर्मा, उत्क्रमित मध्य विद्यालय मझवलिया के प्रधानाध्यापक सुरेंद्र चौधरी सहित कई प्रधानाध्यापकों ने बताया कि एजेंसी छह महीने से सफाई सामग्री तक नहीं दे रही। न झाड़ू, न फिनाइल, न ही क्लीनर। ऐसे में कर्मियों को खुद की जेब से खरीदारी करनी पड़ रही है। उच्चतर हाई स्कूल, प्राथमिक और मध्य विद्यालयों में काम करने वाले हरेन्द्र प्रसाद, सावित्री देवी, रीना देवी, मंजू देवी, रोशनी देवी, चंदन मलिक, हीरा मांझी, मथुरा मांझी आदि सफाईकर्मियों ने बताया कि तीन से चार महीने से मानदेय नहीं मिला है। कई बार बीईओ से शिकायत की गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। बकाया भुगतान को लेकर सफाईकर्मियों ने जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीडीओ) को लिखित आवेदन सौंपा है। इसमें कहा गया है कि 100 से अधिक सफाईकर्मी प्रखंड के विभिन्न स्कूलों में शौचालय, वर्गकक्ष और स्कूल परिसर की नियमित सफाई कर रहे हैं, लेकिन समय पर मानदेय नहीं मिलने से हालात दिन-ब-दिन बिगड़ते जा रहे हैं। सफाईकर्मियों की उपेक्षा से स्कूलों में स्वच्छता प्रभावित हो रही है।
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