कितने कॉलेजों में महिला सेल? यूजीसी ने हड़काया तो बीआरएबीयू की नींद खुली; रिपोर्ट तलब
यूजीसी के पास शिकायत पहुंची है कि कॉलेजों में यौन उत्पीड़न को लेकर जारी गाइडलाइन का पालन नहीं किया जा रहा है। इसे लेकर यूजीसी ने यह सख्ती की है।

बीआरएबीयू के कितने कॉलेजों में वूमेन सेल गठित है, इसकी जांच होगी। विवि अंतर्गत आनेवाले सभी कॉलेजों में जांच कराकर यूजीसी ने रिपोर्ट मांगी है। वर्ष 2024-25 के लिए सभी कॉलेजों को आठ बिन्दुओं पर जांच रिपोर्ट देनी है। विवि को जिम्मा मिला है कि वह कमेटी गठित कर कॉलेजों में इसकी जांच कराएं। यूजीसी के पास शिकायत पहुंची है कि कॉलेजों में यौन उत्पीड़न को लेकर जारी गाइडलाइन का पालन नहीं किया जा रहा है। इसे लेकर यूजीसी ने यह सख्ती की है। रिपोर्ट नहीं देने वाले कॉलेजों पर कार्रवाई होगी। कॉलेजों में महिला कर्मियों से लेकर छात्राओं को सुरक्षित वातावरण देने को लेकर यह पहल की गई है।
नाम, पते, फोन नंबर देने होंगे
विश्वविद्यालय की ओर से कहा गया है कि यौन उत्पीड़न से बचाव को लेकर कॉलेजों में आंतरिक शिकायत समिति बनी है या नहीं, अगर बनी है तो उनके सदस्यों के नाम, पते व फोन नंबर भेजें। कॉलेजों के नोटिस बोर्ड पर शिकायत समिति का पूरा ब्योरा मौजूद है या नहीं, इसकी भी जांच होगी। संकट की स्थिति में महिलाओं की सुविधा के लिए जारी हेल्पलाइन नंबर, प्रमुख स्थानों पर बैनर-पोस्टर लगा है या नहीं, इसकी भी जांच होगी।
आंतरिक शिकायत समिति के साथ ही विशेष महिला सेल का गठन कितने कॉलेजों में किया गया है, इसका भी ब्योरा देना है। लैंगिक संवेदनशीलता पर कितने कॉलेज में अबतक क्या पहल की गई, इसकी भी कमेटी जांच करेगी। बताया गया है कि जांच रिपोर्ट के आधार पर उन कॉलेजों पर कार्रवाई की जाएगी जहां लापरवाही बरती गई है। यूजीसी ने साफ कर दिया है कि कॉलेज में महिलाओं के अनुकूल वातावरण का निर्माण करना है।
दरअसल कॉलेज और विश्वविद्यालय में काम करने वाली महिलाओं और छात्राओं को लेकर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग काफी संवेदनशील है। महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराध या किसी घटना से उनका मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित होता है। इस पर रोक लगाने के लिए यूजीसी ने वीमेन सेल का प्रावधान किया है। लेकिन कई संस्थाओं में यूजीसी के गाइडलाइन का पालन नहीं किया जा रहा है।