Jalaluddin become special teacher very next day of his retirement amazing feat in Bihar रिटायरमेंट के अगले दिन ही विशिष्ट शिक्षक बन गए जलालुद्दीन, बिहार में गजब कारनामा, Bihar Hindi News - Hindustan
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रिटायरमेंट के अगले दिन ही विशिष्ट शिक्षक बन गए जलालुद्दीन, बिहार में गजब कारनामा

अररिया जिले में शारीरिक शिक्षक पद से रिटायरमेंट के ठीक अगले दिन ही जलालुद्दीन नाम के टीचर की विशिष्ट शिक्षक के पद पर जॉइनिंग हो गई। जब यह मामला सामने आया तो शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया।

Jayesh Jetawat हिन्दुस्तान, वरीय संवाददाता, अररियाTue, 14 Jan 2025 12:32 PM
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रिटायरमेंट के अगले दिन ही विशिष्ट शिक्षक बन गए जलालुद्दीन, बिहार में गजब कारनामा

बिहार के अररिया जिले से गजब का मामला सामने आया है। जिस दिन शारीरिक शिक्षक को रिटायर होना था उसके ठीक अगले दिन उसने विशिष्ट शिक्षक के रूप में योगदान ले लिया। जब मामला सामने आया तो शिक्षा विभाग के अधिकारियों के हाथ-पैर कांपने लगे। मानो जैसे इन्हें सांप सूंघ गया हो। आनन-फानन में हेडमास्टर से स्पष्टीकरण पूछा गया। मामला कुर्साकांटा प्रखंड के मवि रहटमीना का बताया गया है। शिक्षक का नाम मोहम्मद जलालुद्दीन है।

शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार 2006 में मो जलालुद्दीन की शारीरिक शिक्षक के रूप में बहाली हुई थी। इनकी जन्म तारीख 1 जनवरी 1965 है। नियम के तहत वे 31 दिसंबर 2024 को ही रिटायर हो गए, लेकिन रिटायर होने की जगह उन्होंने एक जनवरी 2025 को विशिष्ट शिक्षक के रूप में योगदान भी कर लिया और अब तक कार्यरत हैं। मामला सामने आने के बाद शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों के होश उड़ गए।

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आनन-फानन में स्थापना डीपीओ रवि रंजन ने सोमवार को मो. जलालुद्दीन के योगदान को अस्वीकृत करते हुए प्रभारी प्रधानाध्यापक को स्पष्टीकरण पूछा है। डीपीओ ने पूछा है कि 31 दिसंबर को सेवानिवृत हो चुके शिक्षक किस परिस्थिति में योगदान लिया गया। साथ ही संतोषप्रद जवाब न देने की स्थिति में अनुशासनात्मक कार्रवाई की बात कही गई है। इसी पत्र में जिले के सभी प्रधानाध्यापकों से इस तरह के अन्य मामलों को स्पष्ट करने को कहा गया है।

सूत्र बताते हैं कि विद्यालय के एक शिक्षक बहुत दिन तक जिला कार्यालय में प्रतिनियुक्त रहे हैं, उनकी मिलीभगत से ऐसा होने की आशंका है। अब विभाग भले ही प्रभारी प्रधानाध्यापक से सवाल-जवाब करे, मगर हैरत की बात यह कि किसके सहयोग से योगदान हुआ, आखिर किस मंशा से सेवानिवृत शिक्षक ने योगदान ले लिया। कहीं इसके पीछे गिरोह तो नहीं। जिले में और भी ऐसे मामले तो नहीं हैं। कई सवाल और भी हैं जो अनुत्तरित हैं, आखिर नियुक्ति पत्र वितरण कैसे हुआ, बीपीएम एवं बीईओ क्या कर रहे थे।

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विशिष्ट शिक्षकों के कागजात को डीईओ कार्यालय में जमा करने का आदेश जारी हुआ था। यहां भी ठीक ढंग से जांच नहीं हुई। तीनों स्तर पर अनदेखी हुई। शिक्षक संघ ने तो पूरे मामले की संजीदगी से जांच कर कार्रवाई की मांग की है।

क्या कहते हैं पदाधिकारी?

शिक्षा विभाग के स्थापना डीपीओ रवि रंजन ने बताया कि 31 दिसंबर को सेवानिवृत हो चुके शारीरिक शिक्षक मो. जलालुद्दीन द्वारा एक जनवरी को विशिष्ट शिक्षक के रूप में योगदान देने का मामला सामने आया। तत्काल योगदान अस्वीकृत करते हुए प्रभारी प्रधानाध्यापक से जवाब मांगा गया है। इस मामले में अन्य दोषियों की पहचान की जा रही है। सभी पर कार्रवाई होगी।