बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव एस सिद्धार्थ ने शिक्षकों को चेतावनी दी है कि अगर वे स्कूल में बच्चों को पढ़ाने के बजाय गप्प लड़ाएंगे, तो उनका बॉर्डर वाले जिलों में ट्रांसफर कर दिया जाएगा।
बिहार के सरकारी शिक्षकों को गर्मी की छुट्टियों के दौरान कोई काम नहीं करना पड़ेगा। शिक्षा विभाग के एसीएस एस सिद्धार्थ ने सभी जिलों के डीईओ को शिक्षकों से समर वैकेशन में किसी तरह का काम नहीं लेने का निर्देश जारी किया है।
बिहार में 1.90 लाख शिक्षकों को तबादला रोकने का एक मौका शिक्षा विभाग ने दिया है। जिसके लिए मंगलवार को शाम साढ़े 6 बजे ई शिक्षा कोष पोर्टल खोल दिया गया है। जिसके बाद से आवेदनन वापसी की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
महिला शिक्षकों को मातृत्व या बच्चों की देखभाल के लिए छुट्टी के दौरान भी वेतन मिलेगा। उन्हें 6 महीने तक मातृत्व अवकाश मिलेगा। दो बच्चों के देखभाल के लिए दो वर्ष तक अवकाश मिल सकता है।
शिक्षा विभाग के एसीएस डॉ. एस. सिद्धार्थ ने बताया कि तबादला के लिए आवेदन देने वाले शिक्षक आवेदन वापस ले सकते हैं, इसके लिए पोर्टल खोला जा रहा है। जो आवेदन वापस ले लेंगे, वे जिस स्कूल में हैं, वहीं बने रहेंगे।
बिहार के शिक्षकों को अनिवार्य ट्रांसफर से मुक्ति मिल गई है। अब जो शिक्षक ट्रांसफर नहीं चाहते हैं, वो अपना आवेदन वापस ले सकते हैं। इसके लिए उनको ई शिक्षा कोष पोर्टल पर रिएप्लाई करना होगा। इससे अन्य शिक्षकों के लिए तबादले के विकल्प बढ़ जाएंगे।
छात्रों का कहना है कि शिक्षक शकील अहमद पढ़ा रहे थे। पढ़ाने के दौरान वह अचानक जमीन पर गिर पड़े। इससे पहले कि छात्र और स्कूल के शिक्षक कुछ समझ पाते, उनकी मौत हो गई। इतना वक्त भी नहीं कि उन्हें अस्पताल ले जाया जा सके।
कैमूर जिले के रामपुर के एक सरकारी स्कूल में चिकन बनाकर पार्टी करते हुए शिक्षकों को बीडीओ ने पकड़ लिया था। डीईओ एवं डीपीओ की जांच में यह मामला सही पाया गया है। अब शिक्षकों के खिलाफ ऐक्शन होगा।
बिहार के शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने बुधवार को कहा कि अगले महीने (जून) के अंत तक शिक्षकों के तबादले की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। उन्होंने दिव्यांग विशेष शिक्षक की बहाली जल्द होने की भी बात कही।
रोहतास जिले में ई शिक्षा कोष ऐप से फर्जी हस्ताक्षर कर सैलरी उठाने वाले शिक्षकों पर गाज गिरी है। DEO ने बिना कार्य किए वेतन लेने के आरोप में कई शिक्षकों की सेवा समाप्ति की कार्रवाई की चेतावनी के साथ तत्काल प्रभाव से अगले आदेश तक वेतन भुगतान पर रोक लगा दी है। कुल 10 शिक्षकों पर कार्रवाई हुई है।