बिहार के शिक्षकों को बड़ी राहत; अनिवार्य ट्रांसफर से मिली मुक्ति, करना होगा यह काम
बिहार के शिक्षकों को अनिवार्य ट्रांसफर से मुक्ति मिल गई है। अब जो शिक्षक ट्रांसफर नहीं चाहते हैं, वो अपना आवेदन वापस ले सकते हैं। इसके लिए उनको ई शिक्षा कोष पोर्टल पर रिएप्लाई करना होगा। इससे अन्य शिक्षकों के लिए तबादले के विकल्प बढ़ जाएंगे।

बिहार को शिक्षकों को बड़ी राहत मिली है। अब जो शिक्षक ट्रांसफर नहीं चाहते हैं, वो अपना आवेदन वापस ले सकते हैं। इसके लिए उनको ई शिक्षा कोष पोर्टल पर रिएप्लाई करना होगा। मंगलवार को पोर्टल खुलेगा। जानकारी के मुताबिक जो शिक्षक जहां हैं, अगर वहीं रहना चाहते हैं, तो अपना आवेदन वापस ले सकते हैं। जिससे अन्य शिक्षकों के लिए तबादले के विकल्प बढ़ जाएंगे। आपको बता दें राज्य के स्थानांतरित एक लाख 30 हजार शिक्षकों को 20 जून तक स्कूल आवंटन हो जाएगा। उनको 30 जून के पहले हर हाल में योगदान कर लेना है।
नए स्कूल में योगदान करते ही शिक्षक पुराने स्कूल से विरमित हो जाएंगे। ई-शिक्षा कोष के इनबॉक्स में शिक्षकों को स्कूल आवंटन की जानकारी मिल जाएगी। इसके लिए शिक्षकों को डीईओ कार्यालय का चक्कर काटने की जरूरत नहीं है। स्कूल आवंटन में गोपनीयता के साथ ही पारदर्शिता भी बरती जा रही है। शिक्षा की बात में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने यह जानकारी साझा की थी।
शिक्षा विभाग अगले चरण में राज्य के 60 हजार से अधिक शिक्षकों का स्थानांतरण करेगा। शिक्षकों को स्थानांतरित करने के लिए शिक्षा विभाग ने अधिकारियों की बैठक बुलाई थी। समीक्षा बैठक के बाद संबंधित शिक्षकों के स्थानांतरण पर निर्णय ले लिया जाएगा। विभागीय अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार विशेष समस्या के आधार पर राज्य में एक लाख 90 हजार 226 शिक्षकों द्वारा स्थानांतरण के लिए आनलाइन आवेदन दिया गया था। जिसमें एक लाख 30 हजार शिक्षक को स्थानांतरित किया जा चुका है।
बाकी बच गए 60,226 शिक्षकों के आवेदन पर विचार नहीं किया जा सका है। विभाग ने कहा है कि 1.30 लाख शिक्षकों के पदस्थापन और योगदान के उपरांत समीक्षा होगी और उसके बाद बचे शिक्षकों के स्थानातंरण करने पर फैसला होगा। राज्य में 760 कैंसर से पीड़ित, 2579 असाध्य रोगों से पीड़ित, 5575 दिव्यांग, 1338 विधवा व परित्यक्ता शिक्षकों का स्थानातंरण पहले हो चुका है।