ध्वस्त होने के कगार पर है गोबर गैस प्लांट्स, विभाग उदासीन
लक्ष्मीपुर के दोनहा गांव में एक वर्ष पूर्व स्थापित गोबर गैस प्लांट लगभग पचास लाख रुपए की लागत से तैयार हुआ था। हालांकि, पशुपालकों और एजेंसी के बीच तालमेल की कमी के कारण यह प्लांट बंद होने की कगार पर...

लक्ष्मीपुर, निज संवाददाता एक वर्ष पूर्व लक्ष्मीपुर के हरला पंचायत के दोनहा गांव में गोबर गैस प्लांट्स लगाया गया था। जिसपर सरकार ने लगभग पचास लाख रुपए खर्च किए। जो आज की तिथि में ध्वस्त होने के कगार पर है। लक्ष्मीपुर के दोनहा गांव में निर्मित गोबर गैस प्लांट्स बिहार का दूसरा और जिला जमुई का पहला प्लांट था। जिसका उद्देश्य था प्लांट्स में तैयार गैस को घरेलू गैस के रूप में ग्रामीणों को आपूर्ति करना था। दो चरणों में दोनहा गांव के एक सौ परिवार को गैस आपूर्ति करने का था। जानकारी के अनुसार यह गैस बाजार में मिलने वाले घरेलू गैस से सस्ता होता है।
गैस की आपूर्ति प्लांट से सीधा लाभुकों तक पहुंचाने के प्रावधान किया गया। प्लांट्स में गोबर दोनहा गांव के पशुपालकों से एक तय मूल्य में एजेंसी को लिया जाना था। प्लांट्स को शुरू करने के लिए पशुपालकों से गोबर एजेंसी द्वारा लिया गया। कुछ ग्रामीणों को गैस आपूर्ति के लिए पाइप लाइन भी बिछाया गया। लेकिन एजेंसी, पशुपालकों और लाभुकों के बीच तालमेल नहीं बैठने के कारण प्लांट्स बंद हो गया। जिसे संबंधित विभाग के उदासीनता का परिणाम कहा जाय। तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। प्लांट्स को शुरू करने के लिए जिला स्तर के पदाधिकारियों का कई बार दौरा हुआ। दोनहा गांव के ग्रामीणों, लाभुकों के साथ कई बार बैठक भी किया गया। लेकिन कोई फलाफल नहीं निकला। पशुपालक अपने गोबर के राशि अड़े हैं। ग्रामीणों और एजेंसी के बीच बढ़ते दूरी के कारण प्लांट्स बंद होकर ध्वस्त होने के कगार पर है। क्या कहते है अधिकारी : गोबर गैस प्लांट्स को सुचारू रूप से चलाने के लिए जिला से पत्राचार किया गया हैं। एजेंसी और प्लांट में गोबर आपूर्ति करने वाले पशुपालकों के बीच समन्वय स्थापित नहीं होने के कारण प्लांट्स बंद हैं। -प्रेम प्रकाश, प्रखंड विकास पदाधिकारी, लक्ष्मीपुर
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।