चौथम सीओ के वेतन पर कोर्ट ने लगायी रोक
चौथम सीओ के वेतन पर कोर्ट ने लगायी रोकचौथम सीओ के वेतन पर कोर्ट ने लगायी रोकचौथम सीओ के वेतन पर कोर्ट ने लगायी रोकचौथम सीओ के वेतन पर कोर्ट ने लगायी र

खगड़िया । विधि संवाददाता प्रभारी जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश पंचम सह विशेष न्यायाधीश उत्पाद द्वितीय, प्रभाकर झा ने शुक्रवार को मांगे गए प्रतिवेदन के साथ स्पष्टीकरण समर्पित नहीं करने पर चौथम अंचल के सीओ रवि राज के वेतन निकासी पर रोक लगाने का आदेश पारित किया है। कोर्ट के अगले आदेश तक वेतन पर रोक लगी रहेगी। इस आदेश की प्रति जिला पदाधिकारी एवं कोषागार पदाधिकारी खगड़िया को प्राप्त कराने का निर्देश दिया गया है। यह आदेश अंतरिम जमानत आवदेन संख्या 383/2025 की सुनवाई में सरसवा पंचायत वार्ड नं 4,8,9 व10 अंर्तगत अनुश्रवण समिति के द्वारा 3 सितंबर 2017 को बाढ़ सहाय्य प्राप्ति के लिए बाढ़ पीड़ितों की अवैध सूची तैयार की गई थी।
जिसमें 22 वैसे व्यक्तियों के नाम सूची में डाली गई थी जो कि या तो नाबालिग एवं अविवाहित जो अपने पिता के साथ रहते थे। वही पति-पत्नी दोनों के नाम या फिर नौकरी पेशा वाले का भी नाम शामिल किया गया था। गलत सूची तैयार की गई थी, बल्कि प्रशासन को भी गुमराह किया गया था। विदित हो कि अनुमंडल पदाधिकारी खगड़िया द्वारा उक्त सूची में 22 वैसे व्यक्तियों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया गया था। पूर्व में भी उसी पंचायत के छह लोगों के विरुद्ध भी एफआईआर का आदेश दिए गए थे। उक्त आदेश के आलोक में पूर्व अंचल पदाधिकारी दयाशंकर तिवारी द्वारा एफआईआर दर्ज उपरांत आठ वर्षों की लंबी अवधि बीत जाने के बाद दो अभियुक्त रंभा देवी एवं चंदन राम द्वारा अंतरिम जमानत अर्जी दाखिल किया गया। उक्त जमानत अर्जी की सुनवाई के दौरान कथन किया गया कि बाढ़ राहत राशि छह-छह हजार रुपए चौथम अंचल के नज़ारत में 12 अक्तूबर 2018 को जमा किए गए। जिसकी प्राप्ति रसीद अंचल नाजिर चौथम द्वारा निर्गत है। उक्त रसीद का सत्यापन के लिए 26 अप्रैल 2025 को कार्यालय प्रभारी नजारत चौथम से प्रतिवेदन की मांग न्यायालय से की गई थी। जिसका कोई जवाब नहीं मिलने पर पुन: 22 मई 2025 को अंचल पदाधिकारी चौथम को पत्र प्रेषित किया गया। पूर्व में भेजे गए पत्र के संबंध में रंभा देवी एवं चंदन राम के द्वारा क्रमश: नाजीर रसीद 2017/18 बाढ़ राहत राशि के तहत नगद अनुदान की राशि छह हजार रुपए वापसी किया गया या नहीं इस संबंध में एक सप्ताह के अन्दर प्रतिवेदन समर्पित करने का आदेश न्यायालय ने दिया था। साथ ही पूर्व में भेजे गए पत्र के संबंध में भी स्पष्टीकरण की मांग की गई थी। 20 व 30 मई तक स्पष्टीकरण सह प्रतिवेदन कोर्ट में समर्पित नहीं किए जाने के कारण कोर्ट आदेश की अवहेलना के लिए अंचल पदाधिकारी चौथम के वेतन पर रोक लगाने का आदेश पारित किया गया है। इस कांड के सूचक तत्कालीन अंचल पदाधिकारी चौथम दयाशंकर तिवारी ने गत 3 सितंबर 2017 से 3 फरवरी 2018 की घटना के लिए भादवि की धारा 406, 420 व 34 के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई थी।
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