चाइल्ड विशेषज्ञ डॉक्टर के अभाव में बेकार पड़ा हुआ है एनआईसीयू
1. बोले लीड:चाइल्ड विशेषज्ञ डॉक्टर के अभाव में बेकार पड़ा हुआ है एनआईसीयूचाइल्ड विशेषज्ञ डॉक्टर के अभाव में बेकार पड़ा हुआ है एनआईसीयूचाइल्ड विशेषज्ञ डॉ

गोगरी,एक संवाददाता। अनुमंडलीय अस्पताल गोगरी में एनआईसीयू बना हुआ है लेकिन चाइल्ड बिशेषज्ञ डॉक्टर के अभाव में एनआईसीयू बेकार पड़ा हुआ है। विभागीय स्तर से अनुमंडलीय अस्पताल में पदस्थापित चाइल्ड बिशेषज्ञ चिकित्सक को सदर अस्पताल में डिप्टेशन कर दिया गया है। वर्तमान में अनुमंडलीय अस्पताल में चाइल्ड विशेषज्ञ चिकित्सक नही है। जिसके कारण अस्पताल में बने एनआईसीयू बेकार पड़ा हुआ है। रविवार को अस्पताल में कई लोगो ने बताया कि प्रसव होने पर नवजात की हालत खराब होने पर डॉक्टर ने सलाह दी कि नवजात के मुंह मे गंदा पानी चला गया है। इसलिए नवजात को परेशानी हो रही है। उन्हें सदर अस्पताल ले जाने की सलाह दी, परंतु अस्पताल के स्वास्थ्य कर्मियों एवं आशा कार्यकर्ता ने एक निजी नर्सिंग होम में भर्ती कराने की बात कही गई।
जहां चार हजार रुपए प्रतिदिन के दर से आर्थिक शोषण शुरू हो गया। इसके अलावा दवाई सुई के लिए अलग से रुपया खर्च करना पड़ा। बताया गया अगर अनुमंडलीय में एनआईसीयू चालू रहता तो निजी क्लिनिक या सदर अस्पताल जाने की नौबत नही आती। इस तरह की दो तीन समस्याएं अस्पताल में रोज दिन होती रहती है जिसे मजबूरन निजी क्लिनिक में ही नवजात को भर्ती कराना पड़ता है। गायनी विशेषज्ञ डॉक्टर के अभाव में प्रसव महिला को परेशान : अनुमंडलीय अस्पताल गोगरी में गायनी विशेषज्ञ डॉक्टर की पोस्टिंग नही रहने से प्रसव कराने आई महिला मरीजो को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। लेकिन स्वास्थ्य विभाग गायनी स्पेशलिस्ट डॉक्टर की पोस्टिंग नही कर रहे हैं। बताया गया कि अनुमंडलीय अस्पताल में प्रति दिन 30 से 40 महिला प्रसव कराने पहुंचती है। जिसमे गायनी स्पेशलिस्ट डॉक्टर नही रहने से लगभग आधा दर्जन प्रसव मरीजो को सदर अस्पताल रेफर कर दिया जाता है। रेफर होने की स्थिति में अस्पताल में घूम रहे बिचौलिए बहला फुसला कर निजी नर्सिंग होम में सुरक्षित प्रसव कराने का आश्वासन पर प्रसव मरीजो को ले जाकर आर्थिक शोषण करते है। अनुमंडलीय अस्पताल में सुरक्षित प्रसव के नाम पर ड्यूटी कर रही एएनएम एवं जीएनएम भी मोटी राशि ठगने का काम करती है। उचित सलाह के अभाव में कई प्रसव मरीजो की हो चुकी हैं मौत : गोगरी। अनुमंडलीय अस्पताल में गायनी स्पेशलिस्ट नही रहने से कई बार प्रसव मरीजों की मौत हो चुकी है। बताया गया कि जब प्रसव के दौरान छोटी ऑपरेशन की जरूरत होती है तो उस स्थिति में मरीजो को रेफर कर दिया जाता है। रेफर के बाद निजी क्लिनिक में बिचोलिये ले जाकर सिजेरियन ऑपरेशन कर प्रसव कराकर 50 से 60 हजार रुपए की वसूली करते है। शिकायत तो यह भी मिल रहा है कि अगर एएनएम को रिश्वत देने में आनाकानी किए जाने पर डॉक्टर से कहकर रेफर करा दिया जाता है। ताकि परिजनों को मोटी खर्च हो सके। गायनी चिकित्सक के अभाव में पुरुष डॉक्टर से कराया जाता प्रसव : अनुमंडलीय अस्पताल में गायनी स्पेसलिस्ट डॉक्टर की पोस्टिंग नही रहने से पुरुष डॉक्टर से प्रसव कराया जाता है। बताया गया कि जब पुरुष डॉक्टर प्रसव महिला मरीजो की स्थिति देखते है तो उस समय प्रसव महिला शर्मिन्दित हो जाती है। लेकिन मजबूरन पुरुष डॉक्टर से प्रसव कराने को तैयार होती है। बोले लोग: 1. अनुमंडलीय अस्पताल में चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉक्टर की पोस्टिंग नही होने से नवजात को काफी परेशानी होती है। सुशील बिहारी, मुखिया प्रतिनिधि, पौरा। 2. अस्पताल में एनआईसीयू सुविधा शुरू नही होने से नवजात को रेफर कर दिया जाता है। जिससे परिजनों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है। मनोज पटेल, अधिवक्ता। 3.अस्पताल में एनआईसीयू सुविधाएं चालू नही होने से निजी क्लिनिक का सहारा लेना पड़ता है। जहां मनमानी राशि वसूली की जाती है। सुजीत राणा, भाजपा नेता। 4.अस्पताल में लेडी डॉक्टर नही रहने से महिला मरीजो को गुप्त रोग का इलाज पुरुष डॉक्टर से कराना पड़ता है। सुमन सिन्हा, समाजसेवी। 5.अनुमंडलीय अस्पताल में एनआईसीयू सुविधा चालू होने से गरीब मजदूरों के नवजात को आर्थित बचत होगी। आवेश चौधरी, व्यवसायी। 6.अनुमंडलीय अस्पताल में गायनी डॉक्टर एवं एनआईसीयू सुविधा की आवश्यकता है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग उदासीन बने हुए हैं। रघुवंश यादव, व्यापार मंडल अध्यक्ष, गोगरी। बोले अस्पताल प्रभारी: रेफरल अस्पताल में चाइल्ड एवं गायनी स्पेशलिस्ट की पोस्टिंग की गई थी, लेकिन वे अस्पताल में योगदान करने के साथ ही पीजी की पढ़ाई करने चले गए। मुख्यालय से कई विभाग के विशेषज्ञ चिकित्सक की मांग की गई है। डॉ चंद्रप्रकाश, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, गोगरी। परबत्ता, एक प्रतिनिधि मड़ैया पुलिस ने छापेमारी कर एक नामजद सहित तीन युवको क़ो गिरफ्तार कर रविवार को न्यायिक हिरासत में भेज दिया। गिरफ्तार युवक महेशखुट थाना क्षेत्र क़े पकरैल गांव स्थित चंदनपुर टोला निवासी अर्जुन मंडल का पुत्र रुदल कुमार, स्थानीय रहीमपुर मोड़ गांव निवासी रामविलाश साह का पुत्र सत्यम कुमार व स्व खालो साह का पुत्र रामू कुमार बताया जा रहा है। रहीमपुर मोड़ क़े दिनों युवक नशे की हालत में था क वही पकरैल गांव स्थित चंदनपुर टोला निवासी रुदल कुमार पर मड़ैया थाना में वर्ष 2024 में मड़ैया थाना में पूर्व से मामला दर्ज था जिसे गिरफ्तार कर लिया गया है क इधर थानाध्यक्ष मो. फिरदोस ने बताया कि तीनो गिरफ्तार युवकों क़ो कानूनी प्रक्रिया बाद न्यायिक अभिरक्षा में खगड़िया न्यायालय भेज दिया गया क बताया जाता है की नशे की हालत में दो नामजदो क़ो वाहन चेकिंग क़े दौरान पुलिस क़ो सफलता मिलीक अलग-अलग छापेमारी में सरपंच सहित आठ गिरफ्तार बेलदौर, एक संवाददाता। पुलिस ने पीरनगरा एवं बेला नौबाद गांव में अलग-अलग छापेमारी कर विभिन्न मामलों में आठ आरोपियों को गिरफ्तार कर रविवार को न्यायिक हिरासत में भेज दिया। गिरफ्तार आरोपी में पीरनगरा ग्राम कचहरी के सरपंच गजेंद्र राम, भाई भुवनेश्वर राम, पुत्र रणवीर राम, पीरनगरा गांव निवासी सुरेंद्र यादव, रूपेश यादव, बेला नौबाद गांव निवासी साधु शर्मा एवं उसका पुत्र संजीत शर्मा तथा इसी गांव के सदानंद शर्मा के पत्नी गीता देवी का नाम शामिल है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक गिरफ्तार सरपंच एवं उसके परिजनों पर वर्ष 2022 में थाना में मामला दर्ज हुआ था। जिसमें सभी फरार चल रहे थे। इस अभियान का नेतृत्व अपर थानाध्यक्ष पवन कुमार, एसआई राजेश कुमार, राहुल कुमार ने संयुक्त रूप से पुलिस बल के साथ किया।
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