उल्लास के साथ त्याग और बलिदान का पर्व बकरीद मना
उल्लास के साथ त्याग और बलिदान का पर्व बकरीद मना

लखीसराय, एक प्रतिनिधि । त्याग और बलिदान का पर्व बकरीद शनिवार को जिले में श्रद्धा, उल्लास और भाईचारे के साथ मनाया गया। सुबह से ही शहर सहित ग्रामीण इलाकों में ईदगाहों और मस्जिदों में नमाज अदा करने के लिए मुस्लिम समुदाय के लोग उमड़ पड़े। पचना रोड, पुरानी बाजार, बड़ी दरगाह, छोटी दरगाह, थाना चौक, इंग्लिश, बालगुदर, खगुर सहित जिले के विभिन्न ईदगाहों और मस्जिदों में खुले आसमान के नीचे हजारों की संख्या में नमाजियों ने ईद की विशेष नमाज अदा की। सुबह साढ़े छह बजे से नमाज अदा करने का सिलसिला शुरू हुआ। नमाज के बाद गले मिलकर एक-दूसरे को बकरीद की मुबारकबाद दी गई।
नमाज के दौरान देश में शांति, अमन और भाईचारे के लिए दुआ की गई। मौलाना मो. इस्लाम अंसारी ने मुख्य ईदगाह में बकरीद की नमाज अदा कराई। उलेमाओं ने कुर्बानी की हकीकत को अपनाने का संदेश दिया। मौलानाओं ने कहा कि कुर्बानी का मकसद दिखावा नहीं बल्कि अल्लाह की रजा पाना है। इंसान को हमेशा त्याग और समर्पण की भावना के साथ समाज में सेवा करनी चाहिए। जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था की कमान संभाली। एसडीएम प्रभाकर कुमार और एसडीपीओ शिवम कुमार के नेतृत्व में पुलिस बल लगातार भ्रमणशील रहा। शांतिपूर्ण माहौल में त्योहार संपन्न कराने के लिए पुलिस और प्रशासन ने विशेष सतर्कता बरती।नमाज अदा करने के बाद लोग अपने-अपने घरों को लौटे और कुर्बानी दी। बकरे की कुर्बानी के साथ अल्लाह की इबादत करते हुए विशेष पकवान तैयार किए गए। उत्साह के साथ मना त्याग और बलिदान का पर्व बकरीद बड़हिया, एक संवाददाता। त्याग और बलिदान का महापर्व ईद-उल-जोहा (बकरीद) शनिवार को नगर सहित पूरे प्रखंड क्षेत्र में उत्साह के साथ मनाया गया। मुस्लिम धर्मावलंबियों ने हर्ष के साथ अपने इबादत स्थल पर पहुंचकर पवित्र बकरीद की नमाज अदा की, तथा एक दूसरे से गले मिलकर बधाइयां दी। बकरीद को लेकर बड़हिया बाजार स्थित जामा मस्जिद, बोधनगर, लक्ष्मीपुर और उफरौल के ईदगाह स्थल पर सुबह से ही हर उम्र के लोगों का आना शुरू हो गया था। नमाज और दुआ के बीच संदेश दिए गए। नमाज की अदायगी बाद लोगों द्वारा अपने घरों में त्याग और बलिदान के प्रतीक रूप मे प्रिय की कुर्बानी दी गई। मस्जिद के इमाम ने बताया कि पैगम्बर हजरत मोहम्मद ने बकरीद में अपने बेटे की कुर्बानी दी थी। लेकिन इम्तिहान ले रहे अल्लाह ने बेटे के जगह बकरे में तब्दील कर दिया। तभी से बकरीद पर कुर्बानी की परंपरा चली आ रही है। जिसमें अपने प्रिय के कुर्बानी देने की प्रथा है। मो. इसराइल, मो. असगर, मो. लल्लू, मो. शरीफ आलम, मो. औरंगजेब, मो. इस्राफील, मो. इशु, मो. इस्माइल आदि ने बताया कि बकरीद का तात्पर्य सिर्फ कुर्बानी देना नहीं है, बल्कि अल्लाह ताला एवं खुदा के समक्ष अपने अजीज इच्छाओं एवं भावनाओं को समर्पण करने का भी पर्व है। लोग हजरत इब्राहिम की कुर्बानियों का अपने जीवन में अमल करें। जिसने खुदा के समक्ष अपने एकलौते पुत्र की कुर्बानी देकर दुनिया को त्याग और बलिदान का संदेश दिया था। कड़ी सुरक्षा के बीच बकरीद का पर्व शांतिपूर्वक संपन्न सूर्यगढ़ा, निज प्रतिनिधि। नगर परिषद और विभिन्न पंचायतों के क्षेत्र में शनिवार को कुर्बानी तथा निष्ठा का पर्व बकरीद मनाया गया। इस अवसर पर मौलानगर की ईदगाह समेत पुरानी बाजार, चकमसकन, अलीनगर, हल्दी आदि मस्जिदों में अल्पसंख्यक समुदाय के द्वारा नमाज अदा किया गया। इस अवसर पर सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था थी और दंडाधिकारी, बीडीओ मंजुल मनोहर मधुप, सूर्यगढ़ा थानाध्यक्ष भगवान राम, माणिकपुर थानाध्यक्ष रंधीर कुमार, एसआई नित्यानंद कुमार, एसआई रामबाबू राय समेत अन्य पदाधिकारी मौजूद थे। इसके अलावा बाइक पर सवार जवानों ने विभिन्न स्थानों का भ्रमण किया। अपर थानाध्यक्ष रंजीत कुमार एवं अन्य ने पुलिस गाड़ी के साथ इन स्थानों का निरीक्षण किया। मो. कमरूद्दीन अंसारी, मो. सफी अहमद , मो. रिजवान आदि ने सभी को बधाई दी। मौलानगर में मो. जहागीर और पुरानी बाजार में मो. मजहर आलम ने नमाज अदा करवाया और कहा कि बकरीद आत्म त्याग और इंसानियत की शिक्षा देने वाला पर्व है। हमें अल्लाह पर विश्वास करना चाहिए और दूसरे की मदद करनी चाहिए। यह इस्लाम धर्म के महत्त्वपूर्ण त्योहार है। नमाज अदा करने के बाद लोगों ने अपने घरों में बकरे की कुर्बानी दी। परिवार के सदस्यों और सगे संबधियों के साथ सेवई, मांस आदि का भोजन किया गया। लोग एक दूसरे को गले मिलकर बधाई दे रहे थे। ईदगाह के पास मेला लगा सूर्यगढ़ा, नि.प्र.। नगर परिषद के मौलानगर ईदगाह के पास बकरीद के अवसर पर मेले का आयोजन किया गया। पहलवान चौक और मौलानगर माणिकपुर संपर्क सड़क के किनारे बगीचे के पास दिन भर मेला लगा रहा। बच्चों और युवाओं की भीड़ रही। आइस्क्रीम, शीतल पेय, चाट, मिठाई और बैलून की बिक्री हो रही थी। यहां ईद व बकरीद के मौके पर मेला लगाने की परंपरा है। इसके अलावा अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों ने अपने मोहल्ले तथा रिश्तेदारों के घरों पर जाकर बधाइयां दीं एवं आपस में गले मिले। बाजार और अन्य जगहों पर मुस्लिम समुदाय के लोगों ने अपनी दुकानें बंद रखीं। धूमधाम से मना त्याग एवं बलिदान का पर्व बकरीद चानन, नि.सं.। त्याग और बलिदान का महापर्व बकरीद पूरे क्षेत्र में उत्साह के साथ गले से गले मिलाकर मनाया गया। भंडार, भलूई, धनवह, इटौन सहित अन्य मुस्लिम गांवों में पवित्र बकरीद की नमाज अदा कर एक-दूसरे को गले मिलकर आपसी सौहार्द एवं भाईचारा से रहने का संदेश दिया। इसके बाद त्याग और बलिदान के प्रतीक अपने पसंदीदा बकरे की कुर्बानी दी। पर्व को लेकर चानन थानाध्यक्ष रविन्द्र प्रसाद, बन्नु बगीचा थानाध्यक्ष आाीष कुमार, किउल थानाध्यक्ष ब्रजेा कुमार सिंह के अगुवाई में सुरक्षा व्यवस्था मुकम्मल किया गया था।
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