तीन लाख का इनामी अंतर राज्यीय नक्सली ने किया सरेंडर
तीन लाख का इनामी अंतर राज्यीय नक्सली ने किया सरेंडर

लखीसराय, हिन्दुस्तान संवाददााता। शनिवार का दिन लखीसराय पुलिस के लिए उपल्बधियों भरा रहा। जिले के कजरा, चानन थाना क्षेत्र में सक्रिय रहे तीन लाख का इनामी अंर राज्यीय नक्सली कमांडर रावण कोड़ा ने एसपी अजय कुमार के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। रावण कोड़ा अपनी पत्नी दहिया देवी की मौजूदगी में सरेंडर करने एसपी कार्यालय पहुंचा था। मौके पर एसपी के द्वारा नक्सल को छोड़ मुख्य धारा में लौटे नक्सली रावण कोड़ा का स्वागत किया गया। उन्होंने कहा कि रावण कोड़ा सिर्फ लखीसराय नहीं बल्कि झारखंड एवं छतीसगढ़ तक नक्सली घटनाओ को अंजाम देने जाया करता था। इसके विरूद्ध बिहार के लखीसराय, मुंगेर, जमुई के अलावा झारखंड मएवं छतीसगढ़ में भी केस दर्ज है।
पुलिस इब तक इसके 26 केसों को डिटेक्ट कर पाई है शेष का पता लगाने को लेकर संबंधित थानों से संपर्क कर रही है। उन्होंने कहा कि सरेंडर किए नक्सली बिगत 15 वर्षों से फरार चल रहा था। उस पर तीन लाख रूपए इनाम घोषित था। एसपी ने कहा कि पुनर्वास नीति के तहत इनाम की राशि के अलावा ढ़ाई लाख रुपए एवं 36 महीनों तक रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण भत्ता के साथ ही अन्य सुविधाएं दी जाएगी। एसपी ने कहा कि रावण के सरेंडर करने से लखीसराय जिला में नक्सली लगभग खात्मे की ओर चला गया है। एसपी कार्यालय में सरेंडर करने के बाद नक्सली रावण कोड़ा को कजरा थाना की पुलिस ने अपने अभिरक्षा में ले लिया और आगे की कार्रवाई में जुट गई। इनामी नक्सली रावण कोड़ा के आत्मसमर्पण से बैकफुट पर नक्सली इनामी नक्सली रावण कोड़ा का इलाके में था अपना सम्राज्य लखीसराय के अलावा जमुई, मुंगेर, बांका में चलती थी हुकूमत मारे गए नक्सली प्रवक्ता अरविंद यादव एवं एक करोड़ के इनामी प्रवेश दा का रहा है करीबी चानन, निज संवाददाता। नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे पुलिसिया अभियान से नक्सली बैकफुट पर हैं। खुद नक्सली भी इसे स्वीकार कर रहे है। नक्सली भी अब अपनी जान की सुरक्षा के ख्याल से आत्मसमर्पण कर समाज के मुख्य धारा में लौटने के फिराक में है। इसी कड़ी में 15 वर्षो से फरार चल रहे तीन लाख का इनामी नक्सली रावण कोड़ा ने एसपी अजय कुमार के समक्ष शनिवार को आत्मसमर्पण कर दिया। आत्मसमर्पण के वक्त रावण कोड़ा की पत्नी दहिया देवी भी साथ रही। इनामी नक्सली के आत्मसमर्पण पर पुलिस अधीक्षक द्वारा उसे चादर व माला पहनाकर मुख्यधारा में लौटने पर स्वागत किया गया। इनामी नक्सली एरिया कमांडर रावण कोड़ा पर जिले के चानन, कजरा के अलावा मुंगेर एवं जमुई जिले के विभिन्न थाना में 26 से ज्यादा नक्सली मामले दर्ज है। रवण कोड़ा बिहार के अलावा झारखंड एवं छत्तीसगढ़ में काफी सक्रिय रहा है। शीतला कोड़ासी निवासी मोगल कोड़ा के पुत्र नक्सली एरिया कमांडर रावण कोड़ा पर धनबाद इंटरसिटी कांड के साथ ही महुलिया निवासी ग्रामीण चिकित्सक रामजी यादव के पुत्र धर्मवीर यादव के अपहरण, 2021 में मुंगेर जिले के अजीमगंज मुखिया परमानंद टूडू की गला काटकर हत्या, 2018 में खड़गपुर मुंगेर झील निर्माण में लगे सात वाहन को जलाकर आठ मजदूरों को अगवा करने सहित दो दर्जन से ज्यादा संगीन मामले लखीसराय एवं मुंगेर जिले में दर्ज है। नक्सली प्रवक्ता अरबिंद यादव का रहा है करीबी इनामी नक्सली रावण कोड़ा झारखंड बोकारों के ललपनिया में सुरक्षा बलों की मुठभेड़ में 21 अप्रैल 2025 को एक करोड़ के इनामी नक्सली प्रवेश दा के साथ ही 25 लाख के इनामी नक्सली प्रवक्ता अरबिंद यादव उर्फ नेता जी के करीबी रहा है। इन दोनों नक्सलियों की मौत से नक्सली पूरी तरह बैकफूट पर चला गया था। ऐसे में रावण कोड़ा आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में लौटने का मन बना लिया। इन दोनों नक्सलियों की हनक के वजह से एरिया कमांडर रावण कोड़ा चानन, कजरा, पीरीबाजार के साथ ही पड़ोसी जिले जमुई, बांका, मुंगेर में ज्यादा सक्रिय रहता था। पिछले दो दशक में अरविंद यादव के साथ ही इसका भी खौफ सिर चढ़कर बोलता था, जिसने भी इसके साथ बगावत की उसे मौत की नींद सुला दी। इंटरसीटी कांड में अरबिंद के साथ किया था लीड 13 जून 2013 को कुंदर हॉल्ट पर धनबाद पटना इंटरसिटी एक्सप्रेस पर अरबिंद यादव उर्फ नेता जी के अगुवाई में हमला किया गया था। उस हमला में एक जवान सहित कुल तीन लोगों की मौत हुई थी। नक्सलियों द्वारा हथियार भी लूटा गया था। चानन इलाके में 2013 में धनबाद पटना इंटरसिटी कांड के बाद अरविंद यादव की खौफ कायम हो गया था। उस वक्त लाइनर की भूमिका में एरिया कमांडर रावण कोड़ा काम कर रहा था। तब से लेकर अब तक दर्जनों कांड को अंजाम रावण के द्वारा दिया गया। इनके मर्जी के बिना पहाड़ी इलाके में कोई भी विकास कार्य संभव नहीं था। 19 अगस्त 2020 को अरबिंद यादव के सहयोगी रावण कोड़ा द्वारा मननपुर बस्ती निवासी मदन यादव एवं भलूई निवासी छोटू साव की हत्या किया गया था। इसके पहले 03 अगस्त को भलूई मुखिया गणेश रजक को अगवा किया गया था। संगठन को धारदार बनाने की भूमिका में रहते थे रावण चानन सहित जिले के पहाड़ी इलाके में एरिया कमांडर रावण कोड़ा का अपना सम्राज्य कायम था। आदिवासी समाज के लोगों को संगठन में जोड़ने की बड़ी जिम्मेवारी इनके कंधे पर रहता था। जंगल, पहाड़, सड़क में लेवी तय रहता था। कोई भी संवदेक इनके मर्जी के खिलाफ एरिया में काम नहीं करवा पाता था। फोटो 3: एसपी के समक्ष पत्नी की उपस्थिति में आत्मसमपैण करते इनामी नक्सली एरिया कमांडर।
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