पंचायती राज में भी मलिन बस्ती का नहीं हुआ विकास
पंचायती राज में भी मलिन बस्ती का नहीं हुआ विकास
चानन, निज संवाददाता। सरकार की तमाम योजनाओं और अधिकारियों के प्रयास के बावजूद मलिन बस्तियों में रहने वाले लोगों को उसका हक व अधिकार नहीं मिल पा रहा है। यही वजह से की सब कुछ रहने के बाद भी मलिन बस्ती में रह रहे लोगों को भूख, गरीबी व बीमारी की चादर ओढ़े जिंदगी काटने को विवश होना पड़ रहा है। महेशलेटा पंचायत के महादलित टोला बिछवे में रहने वाले लोगों का हाल भी कुछ इसी तरह का है। यहां रहने वाले लोगों की दशा को देखने से इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि यहां रह रही आबादी मूल रूप से बीमारी और गरीबी के बीच लाचारी की जिंदगी जी रहे है।
साक्षर व जागरूकता की कमी के बीच गरीबी एवं बीमारी से उसे कौन निजात दिलायेगा? यह एक अहम सवाल है। स्वास्थ्य सेवा की कमी के कारण गांव के एमआरपी डॉक्टरों से इलाज कराकर पैसा की बर्बादी के साथ मौत भी खरीद रहे है। सरकार द्वारा बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के ख्याल से स्कूल तो खोला गया है, लेकिन जागरूकता के अभाव में लोग अपने बच्चे को बेहतर शिक्षा नहीं दे पा रहे है। गरीबी के कारण अधिकांश परिवार पंचायती राज में भी फूस के कच्चे व जीण र्शीर्ण मकान में रहने को विवश हैं। कच्चे मकान में रहने के कारण हमेशा अनहोनी की आशंका बनी रहती है। पांच सौ की आबादी वाले गांव के लोगों को अब भी अच्छे दिन का इंतजार है। राज्य सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट में शुमार हर घर नल जल का हाल भी ठीक नहीं है। मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल योजना के तहत राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में प्रत्येक घर को वर्ष 2019-20 में पानी पहुंचाने का लक्ष्य था। सरकार द्वारा पैसा भी दिया गया, गांव, टोले में बोरिंग कर टंकी भी बैठाया गया। लेकिन कायदे से कभी पानी सप्लाई नहीं हो सका है। सरकार की महत्वाकांक्षी योजना विभाग की लापरवाही के चलते दम तोड़ रही है। महेशलेटा पंचायत की मुखिया पिंकी देवी ने कहा कि हर घर नल जल योजना को दुरूस्त कराने के लिए पीएचईडी को कहा गया है। लोगों को पक्का आवास मिले, इसके लिए सर्वे कार्य किया गया है। जरूरतमंद लोगों को पीएम आवास का लाभ दिया जायेगा। विकास कार्य में किसी भी प्रकार की कोताही नहीं किया जाता है। सीमित संसाधन के बल पर विकास कार्य किया जा रहा है।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।