डर से विद्यार्थी नहीं करते थे लिखित शिकायत
टीएमबीयू में फर्जीवाड़ा कर्मी को चेतावनी देकर छोड़ दिया जाता था आधा दर्जन से ज्यादा

भागलपुर, कार्यालय संवाददाता तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (टीएमबीयू) में फर्जी अंक पत्र के खेल में जमकर लापरवाही हुई है। यही वजह है कि एक के बाद एक लगातार मामले के बाद भी आरोपित कर्मी संजय कुमार को चेतावनी देकर छोड़ा जाता रहा। दरअसल, परीक्षा विभाग का तर्क था कि जो मामले पकड़ में आते थे, उस मामले में पीड़ित विद्यार्थी द्वारा कर्मी के विरुद्ध मौखिक रूप में शिकायत की जाती थी। जब आरोपित कर्मी को चेतावनी दी जाती थी तो वह भविष्य में दोबारा गलती नहीं करने की बात करता था। साथ ही पीड़ित विद्यार्थी मामले में डर से लिखित शिकायत देने से बचते रहे।
यही वजह थी कि संजय की करतूत बंद नहीं हुई। फर्जी अंक पत्र के आधा दर्जन से ज्यादा मामले परीक्षा विभाग में सामने आए थे, लेकिन हर बार लिखित शिकायत नहीं करने की वजह से परीक्षा विभाग और विवि प्रशासन कार्रवाई से बचती रही। दिलचस्प बात यह थी कि सभी मामलों में परीक्षा विभाग तक आरोपित कर्मी द्वारा पैसे लेने की शिकायत की गई थी, साथ ही दलाल युवक कहलगांव के अविनाश कुमार सिंह के बारे में भी वे बताते रहे। इसे लेकर परीक्षा विभाग में कर्मियों के बीच भी कई तरह की चर्चा होती थी। उनका कहना था कि बार-बार इस तरह का मामला हो रहा है, कहीं कुलपति प्रो. जवाहर लाल के पास शिकायत पहुंची तो मामले में बड़ी कार्रवाई हो सकती है। लगातार चेतावनी के बाद भी आरोपित कर्मी ने अपना धंधा बंद नहीं किया। इस कारण डीएनएस कॉलेज रजौन की छात्रा अंजलि ने पूरे मामले में अपनी लिखित शिकायत कुलपति से की। उसकी शिकायत पर संज्ञान लेने के बाद ही तत्काल जांच कमेटी का गठन किया गया, साथ ही कमेटी की अनुशंसा पर आरोपित कर्मी को निलंबित करते हुए कानूनी कार्रवाई की अनुशंसा की थी। मामले में कुलपति ने भी केस दर्ज कराने को निर्देश दिया था, लेकिन अब तक मामले में केस दर्ज करने की कार्रवाई नहीं हुई है। यही वजह है कि पूरे मामले का पटाक्षेप नहीं हो सका।
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