यूपी के इस जिले में घर-घर जाएगी सरकारी महकमे की टीम, 31 जुलाई तक चलेगा ये खास अभियान
सीएमओ ने बताया कि डायरिया के गंभीर लक्षण होने पर 2 महीने से 6 महीने तक के बच्चों को जिंक की आधी गोली 14 दिन तक और ओआरएस का घोल दिया जाएगा। 7 महीने से 5 साल तक के बच्चों को 14 दिन तक ओआरएस घोल और जिंक की एक गोली खिलाई जाएगी।

यूपी के सोनभद्र जिले में पांच वर्ष तक के बच्चों को डायरिया की चपेट में आने से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग की तरफ अभियान शुरू किया गया है। स्वास्थ्य विभाग की तरफ से डायरिया मुक्त अभियान को 31 जुलाई तक चलाया जाएगा। इस अभियान में स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों सहित आंगनबाड़ी वर्कर्स और आशाएं भी घर-घर जाकर पांच वर्ष तक के बच्चों की जांच करेंगी।
डायरिया से बचाव के लिए आशाओं की तरफ से अपने गांव में पांच वर्ष तक के बच्चों वाले सभी घरों का भ्रमण कर परिजनों को बच्चे के डायरिया की चपेट में आने से बचाने के लिए जरूरी जानकारी दी जाएगी। वहीं पांच वर्ष तक के बच्चों की सूची तैयार कर परिवार के लोगों को ओआरएस का घोल बनाने, उसके उपयोग के बारे में बताया जाएगा। परिवार को प्रति बच्चा ओआरएस का दो पैकेट उपलब्ध कराया जाएगा। अगर किसी बच्चे में डायरिया के लक्षण मिलते हैं तो उसे ओआरएस और जिंक की गोलियां दी जाएंगी।
प्रत्येक बच्चे को ओआरएस का पैकेट और जिंक की 14 गोलियां उपलब्ध कराई जाएगी। इसके अलावा जिन बच्चों में डायरिया के गंभीर लक्षण हैं उन्हें भर्ती कर उपचार किया जाएगा। अभियान में स्वास्थ्य विभाग के साथ ही महिला एवं बाल विकास, पेयजल एवं स्वच्छता, ग्राम्य विकास, पंचायती राज, शिक्षा, आईसीडीएस, स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण आदि विभाग की भी सक्रियता रहेगी। डायरिया के दौरान बच्चों को नीबू, छाछ, मांड़, ताजे फलों का जूस, दास, पानी उबला हुआ पिलाया जाएगा,चीनी नहीं डाली जाएगी।
आरोग्य मंदिर और आंगनबाड़ी पर रखी जाएगी ओआरएस और जिंक की गोली
सीएमओ डा.अश्वनी कुमार ने बताया कि अभियान के दौरान प्रत्येक आशा, आंगनबाड़ी और आयुष्मान आरोग्य मंदिर पर 20 पैकेट ओआरएस और 140 जिंक की गोलियां उपलब्ध रखी जाएंगी, ताकि जरूरत के अनुसार उसका उपयोग किया जा सके। गांव भ्रमण के दौरान आशा ओआरएस का घोल बनाने की विधि का भी प्रदर्शन करेंगी, ताकि इसके बनाने का सही तरीका मालूम हो सके।
बच्चों को इस तरह से दी जाएगी ओआरएस और जिंक
सीएमओ ने बताया कि डायरिया के गंभीर लक्षण होने पर दो माह से छह माह तक के बच्चों को जिंक की आधी गोली 14 दिन तक और ओआरएस का घोल दिया जाएगा। सात माह से पांच वर्ष तक के बच्चों के लिए 14 दिन तक ओआरएस घोल और जिंक की एक गोली दी जाएगी।
क्या बोले सीएमओ
सीएमओ डा.अश्वनी कुमार ने बताया कि बच्चों को डायरिया से बचाव के लिए 31 जुलाई तक अभियान चलाया जाएगा। इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों, आंगनबाड़ी वर्कर्स और आशाएं भी घर-घर जाकर पांच वर्ष तक के बच्चों की जांच करेंगी। परिजनों को ओआरएस व जिंक की गोली दी जाएगी। इसके अलावा डायरिया को देखते हुए अस्पतालों में भी इसकी पर्याप्त व्यवस्था रखने का निर्देश दिया गया है।