Bihar Government Forms Fishermen Commission Call for Separate Commission for Backward Muslims अल्पसंख्यक नहीं बहुसंख्यक है अति पिछड़ा मुस्लिम अलग आयोग का गठन हो : प्रो. फिरोज मंसूरी, Madhepura Hindi News - Hindustan
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अल्पसंख्यक नहीं बहुसंख्यक है अति पिछड़ा मुस्लिम अलग आयोग का गठन हो : प्रो. फिरोज मंसूरी

बिहार सरकार ने मछुआरा आयोग का गठन किया है, जिसे प्रो. फिरोज मंसूरी ने स्वागत योग्य कदम बताया है। उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग की कि पसमांदा अरजाल अति पिछड़ा मुस्लिम वर्ग के लिए अलग आयोग बनाया जाए,...

Newswrap हिन्दुस्तान, मधेपुराTue, 3 June 2025 02:27 AM
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अल्पसंख्यक नहीं बहुसंख्यक है अति पिछड़ा मुस्लिम अलग आयोग का गठन हो : प्रो. फिरोज मंसूरी

मधेपुरा निज प्रतिनिधि। बिहार राज्य मछुआरा आयोग का गठन कर नीतीश कुमार की सरकार ने दूरदर्शी कदम उठाया है यह ना सिर्फ़ स्वागत योग्य कदम है बल्कि बिहार की राजनिति में ऎसे फैसले मील का पत्थर साबित होगा। ये बातें पसमांदा मुस्लिम समाज के राष्ट्रीय संयोजक सह पीएमडीआरएफ के निदेशक प्रो. फिरोज मंसूरी ने कही। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मांग करते कहा कि अविलम्ब अल्पसंख्यक आयोग से बहुसंख्यक पसमांदा अरजाल अति पिछडा मुस्लिम वर्ग को अलग कर मछुआरा आयोग की तर्ज पर बिहार राज्य अरजाल पसमांदा अतिपिछडा वर्ग आयोग का गठन करें। जिससे उनकी सामाजिक आर्थिक शैक्षिक तथा राजनितिक स्थिति का वास्तविक पता चले।

इससे नीतीश सरकार की क्रांतिकारी नीति योजना व विकास का लाभ इस वर्ग तक सीधे पहुंचे। उन्होंने कहा कि बिहार जाति गणना के बाद बिहार में अति पिछडा मुस्लिम वर्ग की वास्तविक आंकड़े सबके सामने उजागर हो चुके हैं। जिसमें कुल 112 अति पिछडा जातियों के हिन्दू मुस्लिम मिला कर आंकड़े चार करोड़ सत्तर लाख अस्सी हजार पांच सौ चौदह है। जिसमें अतिपिछडा मुस्लिम की कुल सत्ताईस जातियों की कुल जनसंख्या एक करोड़ सैंतिस लाख तैईस हजार चार सौ एक है इतनी बड़ी बहुसंख्यक जनसंख्या के बावजूद इन्हें अल्पसंख्यक की श्रेणी में रखना बिल्कुल गैर संवैधानिक है। साथ ही इतनी बड़ी आबादी के साथ धोखा है। प्रो. फिरोज मंसूरी ने कहा कि अब समय आ गया है बिहार के कुल आबादी का अकेले चौदह प्रतिशत पसमांदा अरजाल अतिपिछडा मुस्लिम वर्ग है जिसके लिए अलग आयोग का गठन होनी ही चाहिए। प्रो. फिरोज मंसूरी ने कहा कि देश की सबसे बड़ी आबादी पसमांदा अरजाल अतिपिछडा समाज की है। साजिश के तहत इतनी बड़ी आबादी को अल्पसंख्यक कह कर उनके सभी संवैधानिक अधिकार से पूर्व की सरकार ने वंचित रखा।

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