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बोले सहारनपुर : स्मार्ट बना रेलवे स्टेशन, अभी चाहिए कई ट्रेनें

Saharanpur News - सहारनपुर रेलवे स्टेशन को अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत आधुनिक बनाया गया है, लेकिन ट्रेनों की कमी बनी हुई है। यात्रियों को हरिद्वार, रुड़की और पोंटा साहिब के लिए सीधी ट्रेन सेवाओं की आवश्यकता है।...

Newswrap हिन्दुस्तान, सहारनपुरTue, 3 June 2025 02:25 AM
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बोले सहारनपुर : स्मार्ट बना रेलवे स्टेशन, अभी चाहिए कई ट्रेनें

सहारनपुर रेलवे स्टेशन को अमृत भारत स्टेशन योजना के अंतर्गत अत्याधुनिक रूप में विकसित किया गया, लेकिन ट्रेनों की अनुपलब्धता की समस्या बनी हुई है। सहारनपुर से हिमाचल प्रदेश स्थित प्रसिद्ध सिख तीर्थ स्थल पोंटा साहिब के लिए कोई सीधी ट्रेन सेवा उपलब्ध नहीं है। सुबह 6 बजे से 12 बजे रुड़की, हरिद्वार के लिए ट्रेन नहीं है। इस कारण यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। सहारनपुर रेलवे स्टेशन को अमृत भारत स्टेशन योजना के अंतर्गत अत्याधुनिक रूप में विकसित किया गया है। करीब 14.82 करोड़ रुपये खर्च कर स्टेशन को हाईटेक सुविधाओं से सुसज्जित किया गया है।

यहां छह प्लेटफॉर्म, डिजिटल सूचना बोर्ड, स्वचालित सीढ़ियां, स्वच्छ प्रतीक्षालय, वाई-फाई और सीसीटीवी जैसी सुविधाएं यात्रियों को आकर्षित करती हैं। स्टेशन से प्रतिदिन करीब 153 ट्रेनें गुजरती हैं, और रोजाना 30,000 से अधिक यात्री यहां से सफर करते हैं। लेकिन इस पूरे विकास के बावजूद ट्रेनों की अनुपलब्धता की समस्या बनी हुई है। रेल यात्रियों को कहना है कि सहारनपुर रेलवे स्टेशन की सूरत बदल गई है लेकिन जंक्शन की सूरत बदलनी बाकी है। सहारनपुर से मुख्य रुप से चार रुटों पर ट्रेनों का संचालन किया जाता है। सहारनपुर से दिल्ली, अंबाला, लुधियाना, जम्मू, हरिद्वार, देहरादून, लखनऊ, इलाबाद के लिए सबसे अधिक ट्रेनों का संचालन किया जाता है। इन मार्गों पर करीब 30 हजार यात्री प्रतिदिन सफर करते हैं। हाल ही में सहारनपुर रेलवे जंक्शन का करीब 15 करोड़ से पुनर्विकास किया गया है। लेकिन यह विकास तब तक अधूरा है जब तक ट्रेनों का समुचित संचालन न हो। सहारनपुर-इलाहाबाद पैसेंजर ट्रेन 54251-54252 पिछले करीब छह साल से बंद है। 2019 से बंद पड़ी यह पैसेंजर ट्रेन सहारनपुर के यात्रियों की रीढ़ मानी जाती थी। यह ट्रेन रुड़की, हरिद्वार, लक्सर, बिजनौर, मुरादाबाद होते हुए इलाहाबाद तक जाती थी और हर दिन हजारों यात्री इसका लाभ उठाते थे। इन रूटों पर सैकड़ों लोग प्रतिदिन काम, पढ़ाई और व्यापार के लिए यात्रा करते हैं। लेकिन हकीकत यह है कि सुबह 6 बजे से दोपहर 12 बजे तक सहारनपुर से रुड़की, हरिद्वार, लखनऊ की ओर कोई भी ट्रेन नहीं है। ऐसे में डेली वर्किंग पैसेंजर्स को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। ट्रेन संचालन को लेकर रेल मंत्री से लेकर स्थानीय प्रतिनिधियों को अवगत कराया गया है लेकिन आज तक समाधान नहीं मिला है। यात्रियों का कहना है कि स्टेशन का कायाकल्प हुआ है इसका स्वागत है कि लेकिन जब तक इस ट्रेन का संचालन नहीं होता तब तक विकास अधूरा है। सहारनपुर से हिमाचल प्रदेश स्थित प्रसिद्ध सिख तीर्थ स्थल पोंटा साहिब के लिए कोई ट्रेन सेवा उपलब्ध नहीं है। जबकि हर साल यहां सहारनपुर और आसपास के क्षेत्रों से करीब 20,000 श्रद्धालु यात्रा करते हैं। एक सिख श्रद्धालु ने बताया कि हम बरसों से मांग कर रहे हैं कि पोंटा साहिब के लिए रेल मार्ग बनाया जाए। यह धार्मिक आस्था का विषय है, पर रेलवे ने कोई सुनवाई नहीं की। शामली जिले के यात्रियों के लिए सहारनपुर से सीधी ट्रेन सेवा का संचालन बहुत सीमित है। सुबह 7 बजे के बाद दोपहर 1 बजे और फिर शाम 6 बजे तक ही ट्रेन है। इसके बाद अगली ट्रेन सीधे अगली सुबह 3:30 बजे चलती है। यात्रियों का सुझाव है कि सुबह दस बजे और रात्रि करीब आठ बजे इस रुट पर ट्रेन का संचालन किया जाए। सहारनपुर रेलवे स्टेशन का भौतिक विकास प्रशंसनीय है, लेकिन जब तक ट्रेनों का संचालन यात्रियों की जरूरत के मुताबिक नहीं होगा, तब तक यह विकास अधूरा है। रेलवे को न सिर्फ बुनियादी ढांचे बल्कि सेवा वितरण पर भी ध्यान देना होगा। यात्रियों की प्रतिक्रियाएं और सुझाव दिखाते हैं कि उन्हें किस तरह की ट्रेनों और सेवाओं की आवश्यकता है। अगर रेलवे इन सुझावों को गंभीरता से ले, तो सहारनपुर न सिर्फ एक स्मार्ट स्टेशन, बल्कि एक स्मार्ट जंक्शन बन सकता है। चार मुख्य मार्गों पर होता है संचालन 1. सहारनपुर - दिल्ली रूट 2. सहारनपुर - अंबाला, लुधियाना, जम्मू रूट 3. सहारनपुर - हरिद्वार, देहरादून रूट 4. सहारनपुर - लखनऊ, इलाहाबाद रूट -------- सहारनपुर-इलाहाबाद पैसेंजर ट्रेन 54251-54252: छह साल से बंद 2019 से बंद पड़ी यह पैसेंजर ट्रेन सहारनपुर के यात्रियों की रीढ़ मानी जाती थी। यह ट्रेन रुड़की, हरिद्वार, लक्सर, बिजनौर, मुरादाबाद होते हुए इलाहाबाद तक जाती थी और हर दिन हजारों यात्री इसका लाभ उठाते थे। इस ट्रेन के बंद होने के बाद हरिद्वार तक पहुंचने में दो गुना खर्चा और समय लग रहा है। प्राइवेट बसें समय की पाबंद नहीं होतीं और किराया भी अधिक है। ----------------------------------------------------------- पोंटा साहिब के लिए रेल सेवा की मांग सहारनपुर से हिमाचल प्रदेश स्थित प्रसिद्ध सिख तीर्थ स्थल पोंटा साहिब के लिए कोई सीधी ट्रेन सेवा उपलब्ध नहीं है। जबकि हर साल यहां सहारनपुर और आसपास के क्षेत्रों से करीब 20,000 श्रद्धालु यात्रा करते हैं। सिख समाज लंबे समय से पोंटा साहिब के लिए रेल मार्ग बनाए जाने की मांग कर रहा है। यह धार्मिक आस्था का विषय है, पर रेलवे ने कोई सुनवाई नहीं की। सिख श्रद्धालुओं का कहना है कि जब देश में लगभग सभी जगह रेल सेवाएं शुरु की जा रही हैं तो पोंटासाहिब के लिए भी रेल मार्ग का कार्य शुरु किया जाए। ------ शामली रूट की भी हालत खस्ता शामली जिले के यात्रियों के लिए सहारनपुर से सीधी ट्रेन सेवा का संचालन बहुत सीमित है। सुबह 7 बजे के बाद दोपहर 1 बजे और फिर शाम 6 बजे तक ही ट्रेन है। इसके बाद अगली ट्रेन सीधे अगली सुबह 3:30 बजे चलती है। अगर सुबह और रात को दो ट्रेनें हों तो राहत मिल सकती है। रात्रि में एक ट्रेन 10 बजे और सुबह 10 बजे एक ट्रेन होनी चाहिए। इससे ऑफिस जाने और लौटने वाले यात्रियों को राहत मिलेगी। ----- रुद्रपुर के लिए बढ़ाई जाए ट्रेनों की संख्या सहारनपुर से रुद्रपुर (उत्तराखंड) के लिए केवल सप्ताह में दो दिन ट्रेन सेवा उपलब्ध है। सोमवार को काठगोदाम गरीब रथ और बुधवार को अमृतसर-लालकुंआ एक्सप्रेस का संचालन किया जाता है। बाकी दिनों में यात्रियों को मुरादाबाद, बरेली या रामपुर होते हुए निजी वाहन से जाना पड़ता है। अगर सप्ताह में दो दिन काठगोदाम गरीब रथ और दो दिन लालकुंआ एक्सप्रेस चलाई जाए, तो यह बहुत बड़ी राहत होगी। ------ समस्याएं एवं सुझाव -सुबह छह बजे से 12 बजे रुड़की, हरिद्वार के लिए ट्रेन नहीं है -शाम छह बजे के बाद से अगले दिन सुबह साढे तीन बजे तक शामली के लिए ट्रेन नहीं है -रुद्रपुर के लिए सीधी ट्रेनों की संख्या काफी कम है। -पोंटासाहिब के लिए रेलवे सेवा नहीं है। सुझाव-- -ट्रेन नंबर 54251 और 54252 का संचालन शुरु किया जाए। -पोंटासाहिब के लिए रेलमार्ग का निर्माण कार्य शुरु करवाया जाए। -शामली के लिए सुबह दस बजे और रात्रि आठ बजे के बाद ट्रेन का संचालन किया जाए। -रुद्रपुर के लिए काठगोदाम गरीबरथ और लालकुंआ-अमृतसर ट्रेन के फेरे बढ़ाए जाए ------- वर्जन सहारनपुर-इलाहाबाद पैसेंजर ट्रेन 54251-54252 पिछले करीब छह साल से बंद है। 2019 से बंद पड़ी यह पैसेंजर ट्रेन सहारनपुर के यात्रियों की रीढ़ मानी जाती थी। ट्रेन संचालन शुरु कराया जाए। -संजय ढींगड़ा वर्जन सहारनपुर-इलाहाबाद पैसेंजर ट्रेन 54251-54252 के संचालन न होने से करीब एक हजार यात्री रोजाना प्रभावित होते हैं। रेल मंत्री से लेकर स्थानीय जनप्रतिनिधियों को अवगत कराया गया है। -मोहित वर्जन ट्रेन नंबर 54251-54252 रुड़की, हरिद्वार, लक्सर, बिजनौर, मुरादाबाद होते हुए इलाहाबाद तक जाती थी और हर दिन हजारों यात्री इसका लाभ उठाते थे। इस ट्रेन के संचालन की अति आवश्यकता है। -राहुल चौहान वर्जन सहारनपुर रेलवे स्टेशन के कायाकल्प में करीब 15 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं, लेकिन यह विकास तब तक अधूरा है जब तक यात्रियों की मांग के अनुसार ट्रेनों का संचालन नहीं किया जाता। -अमित कपिल वर्जन सहारनपुर-इलाहाबाद पैसंजर ट्रेन का संचालन के लिए कई बार जनप्रतिनिधियों से संपर्क किया गया है। आश्वासन तो कई बार मिला है लेकिन ट्रेन का संचालन आज तक नहीं हुआ है। -मेहुल वर्जन ट्रेन नंबर 54251-54252 का संचालन 2019 से बंद है। आश्वासन मिला था कि कोरोना काल के बाद ट्रेन का संचालन शुरु किया जाएगा, लेकिन आज तक ट्रेन का संचालन शुरु नहीं किया गया है। -आशु वर्जन दुनिया के हर कोने में रेल सेवा शुरु की जा रही है। ऊंची ऊंची चोटियों पर रेलवे लाइन बिछाई गई हैं, लेकिन आज तक पोंटा साहिब के लिए रेल मार्ग नहीं बनाया गया है। -सरदार सुपनीत सिंह वर्जन सहारनपुर से हिमाचल प्रदेश स्थित प्रसिद्ध सिख तीर्थस्थल पोंटा साहिब के लिए कोई सीधी ट्रेन सेवा उपलब्ध नहीं है। जबकि हर साल यहां सहारनपुर और आसपास के क्षेत्रों से करीब 20,000 श्रद्धालु यात्रा करते हैं। -सरदार हरजीत नरुला वर्जन सिख समाज लंबे समय से पोंटा साहिब के लिए सीधी ट्रेन चलाए जाने की मांग कर रहा है। यह धार्मिक आस्था का विषय है, पर रेलवे ने कोई सुनवाई नहीं की। -सरदार गुरविंदर कालरा वर्जन पोंटासाहिब के लिए हजारों की संख्या में सिख श्रद्धालु पोंटासाहिब के लिए रेल सेवा की मांग कर रहे हैं। रेल मार्ग को लेकर योजना भी बनाई गई थी। लेकिन आज तक काम शुरु नहीं हुआ है। -सरदार सुरजीत सिंह वर्जन सहारनपुर से रुद्रपुर के लिए बड़ी संख्या में यात्री सफर करते हैं। सप्ताह में केवल दो बार ट्रेन का संचालन किया जाता है। काठगोदाम-गरीबरथ और लालकुंआ-अमृतसर ट्रेन के फेरे बढ़ाए जाएं। -पारस बब्बर वर्जन रुद्रपुर के लिए लंबे समय से एक प्रतिदिन चलने वाली एक्सप्रेस ट्रेन की मांग की जा रही है। फिलहार सप्ताह में दो दिन सोमवार और बुधवार को ही ट्रेन का संचालन किया जा रहा है। -रमेश सचदेवा वर्जन शामली के लिए ट्रेनों की संख्या बढ़ाए जाने की आवश्यकता है। शाम छह बजे के बाद अगले दिन सुबह साढे तीन बजे ही ट्रेन चलाई जाती है। रात्रि आठ बजे से रात्रि दस बजे के बीच ट्रेन का संचालन किया जाए। विनय वर्जन शामली के लिए सुबह सात बजे के बाद दोपहर एक बजे ट्रेन का संचालन किया जा रहा है। इस रूट पर बड़ी संख्या में रेल यात्री सफर करते हैं। यात्रियों के मांग के अनुरुप सुबह दस बजे भी एक ट्रेन चलाई जाए। -प्रशांत कंटेंट-मनोज नरूला/ फोटो-एच.शंकर शुक्ल

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