वार्ड एक में सड़क न नाला, चापाकल भी हांफने लगे, नल-जल दूर की कौड़ी
मधुबनी के वार्ड एक में जितवारपुर गांव को नगर निगम क्षेत्र में शामिल किया गया है। यहां के लोग बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं। पानी की किल्लत और जर्जर सड़कें लोगों के लिए परेशानी का सबब बनी हुई हैं।...
मधुबनी। मधुबनी शहर के वार्ड संख्या एक में नये परिसीमन के बाद जितवारपुर गांव को नगर निगम क्षेत्र में शामिल किया गया है। वार्ड एक में करीब 1788 वोटर हैं। कुल आबादी करीब पांच हजार से अधिक है। लेकिन अबतक इस वार्ड के लोग बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं। क्षेत्र की बदहाल स्थिति ऐसी कि देखने से नहीं लगता कि यह किसी शहरी क्षेत्र का हिस्सा है। यहां की बिना नाले की बनी जर्जर सड़कें, साफ-सफाई व्यवस्था और पेयजल की स्थिति इतनी खराब है कि करीब पांच हजार की आबादी को काफी परेशानी झेलनी पड़ती है। नल जल योेजना की कोई सुविधा नहीं हैं।
अधिकतर चापाकल गर्मी शुरू होते ही बंद हो चुके हैं। खासकर महिलाओं को काफी फजीहत उठानी पड़ती है। वार्ड एक की संगीता देवी, गुड़िया देवी, किरण देवी, सुशीला देवी, कुसुम देवी आदि ने बताया कि गर्मी में पीने की पानी के लिए हाहाकार मचता है। नलजल की सुविधा नहीं हैं। दूर लगे समर्सिबल से पीने के लिए पानी लाने की मजबूरी है। न तो सड़क बनी है न नाले का ही निर्माण हुआ है। बारिश में पानी बीच सड़क पर ही अटक जाता है, जहां से गुजरना मुश्किल हो जाता है। सुदीना देवी बताती हैं कि यहां नल-जल योजना चालू नहीं है। लोगों को पीने के पानी के लिए या तो अन्य घरों पर निर्भर रहना पड़ता है। गर्मी की वजह से पानी की अधिक खपत होती है। बांस-बल्ले से हो रही बिजली आपूर्ति: वार्ड एक की दलित बस्ती में अभी भी बांस-बल्ले के सहारे बिजली की आपूर्ति हो रही है। आंधी-तूफान में कई बार तार भी टूटकर गिर जाता है। अगर शीघ्र जर्जर तार बदलकर कवर वायर नहीं लगाया गया तो कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। वहीं जितवारपुर के पात्र टोला में भी नंगा तार से बिजली प्रभावित हो रही है। कई जगहों पर कवर वायर लगा दिये गये मगर बिजली का पोल भी झुका हुआ है। इस वजह से परेशानी का सामना करना पड़ता है।
राजन झा, विकास झा, छोटन झा,किशोर झा, सुदिन झा, मनीष झा, मिंटू झा आदि ने बताया कि वार्ड एक के अधीन पांच-पांच पोखरा है। हर पोखरा लगातार अतिक्रमण का शिकार हो रहा है। जलजीवन हरियाली मिशन की ओर से इसका जीर्णोंद्धार जरूरी है। 200 वर्ष पुराना कुंआ का जीर्णोंद्धार जरूरी: वार्ड एक के अधीन प्रभाकर झा ने बताया कि उनके दरवाजा पर करीब 200 वर्ष पुराना कुंआ हैं। जिसका जीर्णोद्धार जरूरी है। यह वार्ड एक की विरासत एवं संस्कृति के सदृश है। निर्माण पूर्वज कल्लर झा के द्वारा किया गया था। जिसमें यज्ञ, ब्राह्मण भोजन एवं दान प्रदान किया गया था। चापाकल आने से पहले तक यह करीब 100 घरों को पानी मुहैया होता था। प्रभाकर झा ने बताया कि इसके लिए नगर आयुक्त को आवेदन भी दिया है। मार्च से लेकर जुलाई तक नगर निगम का जल स्तर इतना नीचे चला जाता है की सारा चापाकल बंद पर जाता है अगर यह कुंआ चालू रहेगा तो जलसंकट नहीं होगा। यह एक सीमा चिन्ह भी है जब भी गांव का सीमांकन व सर्वे या जमीन मापी होती है तब यह कुंआ ही केंद्र माना जाता है। ऐसे में इसका संरक्षण जरूरी है। अनदेखी कर रहे हैं अधिकारी वार्ड पार्षद सुधीरा देवी बताती हैं कि वे वार्ड एक के विकास के लिए सीएम नीतीश कुमार तक पत्र लिख चुकी हैं। उनके पुत्र अमित कुमार झा ने बताया कि पत्र में अन्य समस्याओं के अलावा घर नल जल योजना से वार्ड 1 अबतक वंचित रखने की बात कही है। जितवारपुर सहित अन्य जगहों का वाटर लेवल नीचे जा चुका है। चापाकल सूख चुका है। पानी के लिए लोगो में त्राहिमाम हो रहा है। अबतक वार्ड में स्ट्रीट लाइटें भी नहीं लगी। निगम में मेरे द्वारा पिछले दो वर्षों से अबतक कई बार अनुरोध किया गया है लेकिन निगम के अधिकारी अनदेखी करते रहे हैं। जितवारपुर मिथिला पेंटिंग के नाम से विश्व विख्यात होने के कारण नगर निगम के विस्तारित वार्ड संख्या 1 में जोड़ा गया है। गली नली योजना भी नहीं शुरू हुई। कार्यालय में कार्यपालक सहायक, सिविल आवास अधिकारी एवं अन्य अधिकारी पर भी अनदेखी का आरोप लगाया है।
बोले जिम्मेदार
वार्ड संख्या एक जितवारपुर में दो सड़कों का निर्माण नाला सहित होगा। टेंडर हो चुका है। इसपर करीब 41 लाख रुपये खर्च होंगे। ये दोनों सड़कें पार्षद की अनुशंसा पर हो रही है। नल जल योजना का काम भी शीघ्र ही पूरा हो जाएगा। फिलहाल पेयजल संकट दूर करने के लिए एक सबमर्सिबल लगाया गया है। जितवारपुर गांव की अन्य समस्याओं को भी दूर किया जाएगा। -अरुण राय,मेयर, नगर निगम, मधुबनी।
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