जर्जर सड़क-जलजमाव से बढ़ा दर्द जल संकट से दिनचर्या हुई कठिन
मधुबनी के वार्ड 27 के लोग जर्जर सड़कों, पेयजल संकट और बदहाल सफाई व्यवस्था से परेशान हैं। बारिश में जलजमाव और खुले नाले स्वास्थ्य के लिए खतरा बन गए हैं। स्थानीय लोगों ने नगर निगम से बुनियादी सुविधाएं...
मधुबनी । शहर के वार्ड 27 में रहनेवाले लोगों को नागरीय सुविधाओं के अभाव में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। लगभग पांच सौ घरों की आबादी वाले इस क्षेत्र के लोग जर्जर सड़क, पीने का पानी, जलजमाव, आधा-अधूरा नाले, बदहाल सफाई व्यवस्था से परेशान हैं। यहां के लोगों का कहना है कि निगम बनने के बाद सुविधाएं बढ़ेंगी लेकिन अब तक इस दिशा में कोई प्रयास होता नहीं दिख रहा है। इनकी पीड़ा है कि टैक्स बढ़ गया है लेकिन परेशानी जस की तस। मोहल्ले के सूरज कुमार, सुमित, रामबाबू साह, दिलीप ठाकुर, आलोक कुमार आदि ने बताया कि महाराजगंज कॉलोनी की गलियों की सड़कें जर्जर हैं।
यहां थोड़ी भी बारिश होने के बाद इतना जलजमाव हो जाता है कि गुजरना मुश्किल हो जाता है। खासकर स्कूली बच्चों व दफ्तर जानेवाले लोगों को काफी परेशानी होती है। मोहल्ले में अधिकतर जगहों पर नालों का निर्माण नहीं हुआ है। जहां हुआ भी है तो वह आधा-अधूरा है। बरसात में इन नालों से पानी की निकासी नहीं होती है। इसके अलावा खुले नाले हर वक्त खतरे को न्योता देता है। लोगों ने बताया कि कॉलोनी में सफाईकर्मी नियमित रूप से नहीं आते हैं। इस कारण हर गली में कचरा का ढेर लगा रहता है। कई दिनों तक कचरा का उठाव नहीं होने से बदबू फैलती है, जो संक्रमण का कारण बनता है। गंदगी के कारण मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है। इससे डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया जैसी बीमारियों का खतरा मंडराते रहता है। महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग इस स्थिति से सबसे अधिक प्रभावित होते हैं। विद्यालय जाने वाले बच्चों के लिए तो यह मार्ग जोखिम भरा होता है। स्थानीय लोगों ने बताया कि गंदे पानी की परतों में सड़कें और खुले नाले नजर नहीं आते, जिससे कई लोग फिसलकर घायल हो चुके हैं। यह स्थिति न केवल प्रशासनिक उदासीनता को दर्शाती है, बल्कि आम जनता की जान को भी खतरे में डाल रही है। कॉलोनीवासियों ने नगर निगम के अधिकारियों से मांग की है कि वार्ड संख्या 27 में अविलंब बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं। गर्मी में पेयजल की समस्या: वार्ड संख्या 27 में रहने वाले लोगों को हर साल गर्मी के मौसम में गंभीर पेयजल संकट का सामना करना पड़ता है। जैसे ही तापमान बढ़ता है, वैसे ही इलाके का जलस्तर तेजी से गिर जाता है। इसका सीधा असर लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी पर पड़ता है, क्योंकि ज्यादातर घरों में लगे चापाकल या तो सूख जाते हैं या उनमें से पानी निकलना बंद हो जाता है। इस गंभीर स्थिति में लोगों को पीने के पानी के लिए दूर-दराज के इलाकों में भटकना पड़ता है या फिर मार्केट से खरीदकर या फिर दूसरे के घरों से पानी लाना पड़ता है। वार्ड में सरकार की महत्वाकांक्षी ‘नल-जल योजना भी पूरी तरह विफल साबित हो रही है। कई जगहों पर अब तक नल जल का काम भी नहीं किया गया है और जहां काम किए भी गए हैं वहां महीनों से जलापूर्ति बंद है। स्थानीय लोगों का कहना है कि वे कई बार अधिकारियों को शिकायत कर चुके हैं, लेकिन अब तक कोई समाधान नहीं निकला है। हर साल गर्मियों में यह समस्या और गंभीर होती जा रही है। निरंतर साफ-सफाई की व्यवस्था नहीं होने से समस्या: मधुबनी शहर के वार्ड संख्या 27 में सफाई व्यवस्था की बदहाली नगर प्रशासन की कार्यशैली पर गंभीर प्रश्नचिह्न लगाती है। नगर निगम की लापरवाही का आलम यह है कि क्षेत्र में नियमित रूप से सफाई नहीं हो रही है, जिसके परिणामस्वरूप गली-मोहल्ले कूड़े-कचरे से अटे पड़े हैं। यह न केवल शहरी सौंदर्य को प्रभावित करता है, बल्कि नागरिकों के स्वास्थ्य के लिए भी गंभीर खतरा उत्पन्न करता है। कई स्थानों पर कचरे के ढेर महीनों से जस के तस पड़ा हुआ है। नगर निगम द्वारा इसकी समुचित सफाई की कोई ठोस व्यवस्था नहीं की गई है। बरसात के दिनों में यह समस्या और विकराल रूप ले लेती है, जब बारिश का पानी कचरे को बहाकर सड़कों और गलियों में फैला देता है। अक्सर मोहल्ले की छोटी नालियां कचरों से जाम हो जाती है। पानी इससे मच्छर और मक्खियों का प्रकोप बढ़ता है और संक्रामक बीमारियों का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। रामचंद्र,सूखवी बताते हैं कि कचरा और गंदगी से बच्चे और बुजुर्ग सबसे अधिक प्रभावित हो रहे हैं। सुमन कुमार ने बताया कि पहले ही मोहल्ले में कई लोग बीमारियों की चपेट में आ चुके हैं, किंतु नगर निगम की ओर से अब तक कोई ठोस पहल नहीं की गई है। वार्डवासियों को वर्षों से केवल आश्वासन मिलता आ रहा है। लेकिन जमीन पर कोई काम नहीं हो रहा है। नाला निर्माण नहीं होने से कॉलोनी के गंदे पानी निकासी की समस्या शहर की कई कॉलोनियां इन दिनों बुनियादी ढांचे की उपेक्षा का दंश झेल रही है। नाला निर्माण की व्यवस्था नहीं होेने के कारण गंदे पानी की निकासी एक बड़ी समस्या बन गई है, जिससे न केवल जनजीवन प्रभावित हो रहा है, बल्कि स्वास्थ्य भी बुरा असर पड़ रहा है। वर्षों से लोग इस समस्या से त्रस्त हैं, परंतु नगर प्रशासन की ओर से अब तक कोई ठोस और स्थायी समाधान नहीं किया गया है। गंदे पानी के जमाव से जहाँ सड़कों पर जलभराव की स्थिति उत्पन्न होती है, वहीं यह समस्या क्षेत्रीय स्वच्छता को भी बुरी तरह प्रभावित कर रही है। नालियों के अभाव में घरों का गंदा पानी सड़कों पर बहता है, जिससे कीचड़, दुर्गंध और संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। बच्चों और बुजुर्गों के लिए सड़कों पर चलना जोखिम भरा हो गया है। बारिश के मौसम में यह संकट और विकराल रूप धारण कर लेता है, जब गंदा पानी गलियों से होते हुए घरों में प्रवेश कर जाता है। मच्छरों का प्रकोप बढ़ता है और डेंगू, मलेरिया जैसी बीमारियां बढ़नेे लगती हैं। नगर निगम को अब आश्वासन से आगे बढ़कर ठोस कार्यवाही करनी होगी। जनस्वास्थ्य और शहरी जीवन की मूलभूत आवश्यकताओं की उपेक्षा अब और बर्दाश्त नहीं की जा सकती।
बोले जिम्मेदार नगर निगम द्वारा शहर के समग्र विकास के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। नागरिक सुविधाओं को बेहतर बनाने की दिशा में विशेष पहल के अंतर्गत वार्ड 27 की कॉलोनी में नाला और सड़क निर्माण कार्य शीघ्र आरंभ किया जाएगा। इस कार्य के लिए टेंडर प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी है और जल्द ही निर्माण कार्य शुरू होने की संभावना है। बरसात के मौसम में जलजमाव के कारण आम नागरिकों को आवागमन में भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। प्रस्तावित खुले नाला और सड़क निर्माण से इस समस्या का स्थायी समाधान संभव होगा। निरंतर साफ-सफाई की व्यवस्था वार्ड पार्षद से बात कर कराई जाएगी। - अनिल कुमार चौधरी ,नगर आयुक्त।
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