वार्ड-39 में नाला बेदम, जलनिकासी बाधित, पेयजल संकट ने बढ़ाया दर्द
मधुबनी के वार्ड 39 के बर्दीवन, सहुआ और कृष्णापुरम जैसे मोहल्लों में लगभग 3700 लोग बुनियादी सुविधाओं की कमी का सामना कर रहे हैं। नल जल योजना अधूरी है, बिजली के तार खतरनाक हैं और सड़कों की स्थिति बेहद...
मधुबनी । नगर निगम क्षेत्र के वार्ड संख्या 39 के बर्दीवन, सहुआ, कृष्णापुरम व शंभूआड़ जैसे मोहल्लों में रहने वाले लगभग 3700 लोग आज भी बुनियादी सुविधाओं की बाट जोह रहे हैं। नगर परिषद से नगर निगम में अपग्रेड हुए वर्षों बीत गए, लेकिन इन क्षेत्रों में न तो विकास की कोई ठोस पहल हुई और न ही पहले से मौजूद समस्याओं का समाधान हुआ है। पेयजल की सबसे गंभीर स्थिति बर्दीवन मोहल्ला में बनी हुई है। मोहल्ले में नल जल योजना के अंतर्गत मात्र एक टंकी लगाई गई है, जो 500 घरों के लिए नाकाफी साबित हो रही है। गर्मी के मौसम में टंकी सूख जाती है और लोग दिनभर पानी के इंतजार में परेशान रहते हैं।
ललित कुमार यादव और मो.जुम्मन व अन्य स्थानीय नागरिकों का कहना है कि नल से पानी नहीं मिल पा रहा है। संजय यादव ने बताया कि विस्तारित क्षेत्र में होने के कारण इस वार्ड में सड़क की समस्या काफी गंभीर है। पंचायत में जैसे तैसे सड़क का निर्माण किया गया। जिसमें से अधिकतर अनुपयोगी बना हुआ है। बिजली व्यवस्था भी लोगों के लिए खतरे का कारण बनी हुई है। मोहल्ले में कई स्थानों पर नंगा तार बिजली आपूर्ति में उपयोग किया जा रहा है। खासकर सुनील दास के घर से चंदेश्वर चौपाल तक का तार बेहद जर्जर और झूलता हुआ है। किसी भी दिन करंट लगने से बड़ी दुर्घटना हो सकती है। स्थानीय निवासी रामसागर दास और सावित्री देवी बताते हैं कि इस संबंध में बिजली विभाग को कई बार सूचना दी गई, लेकिन अब तक कोई स्थायी समाधान नहीं हुआ। सड़क और नाला की स्थिति भी बदतर है। बर्दीवन व सहुआ मोहल्ले में ब्रह्मस्थान से निधि चौक तक की मुख्य सड़क जर्जर हो चुकी है। सड़क इतनी खराब है कि ई-रिक्शा और सामान्य रिक्शा चलाना बंद हो चुका है। बाइक सवारों को भी दो किलोमीटर घूम कर जाना पड़ता है। गलियों की हालत और भी बुरी है। अधिकांश सड़कें कच्ची हैं और बारिश में कीचड़ से भर जाती हैं। महावीर स्थान, मुकेश यादव और चंद्र दास के घर के पास जलजमाव बना रहता है। इस मोहल्ले में बना नाला नहर में मिलता है, लेकिन लंबे समय से उसकी सफाई नहीं हुई है। पूरे नाले में कचरा और मलबा जमा है जिससे पानी की निकासी अवरुद्ध हो गई है। परिणामस्वरूप बारिश के समय घरों में पानी घुस जाता है। स्थानीय लोगों ने नगर निगम से लेकर विभागीय अधिकारियों तक कई बार गुहार लगाई है। मोहम्मद मुस्तफा, विपत चौपाल, गायत्री देवी, फूल बाबू समेत दर्जनों लोग कहते हैं कि अब उन्हें चुनावी वादों पर नहीं बल्कि ज़मीन पर काम चाहिए। लोगों में अपने प्रतिनिधियों के प्रति काफी नाराजगी है। बर्दीवन मोहल्ले की स्थिति खराब: बर्दीवन मोहल्ला और आसपास के लोग इन दिनों बुनियादी सुविधाओं के अभाव में जीने को मजबूर हैं। नल जल योजना अधूरी पड़ी है, बिजली के खतरनाक तार रोज नई मुसीबत खड़ी करते हैं और सड़कों की हालत इतनी खराब है कि आने-जाने में दो किलोमीटर का चक्कर लगाना पड़ता है। नालों की सफाई वर्षों से नहीं हुई, जिसके चलते जलजमाव की समस्या बनी रहती है। यहां पर कई तरह की समस्याएं प्रतिदिन परेशानी का कारण बना हुआ है। यहां पर लगभग 50 प्रतिशत घर में हर घर नल जल योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। नल-जल योजना का लाभ नहीं शंभूआड़, सहुआ और कृष्णापुरम कॉलोनी के लोगों को आज भी शुद्ध पेयजल के लिए जूझना पड़ रहा है। यहां केवल एक पानी टंकी के सहारे लगभग 500 घरों में आपूर्ति की जा रही है, जो नाकाफी है। गर्मी के दिनों में स्थिति और खराब हो जाती है। यह इलाका पहले पंचायत क्षेत्र में था, जहां नल-जल योजना शुरू हुई थी। ललित कुमार यादव बताते हैं कि कई बार शिकायत की गई, लेकिन समस्या जस की तस है। खतरनाक स्थिति में बिजली व्यवस्था: मोहल्ले में बिजली की स्थिति बेहद दयनीय है। समरसेबल से लेकर घरों तक नंगा तार बिछा हुआ है,। सुनील दास, चंदेश्वर चौपाल, मोहम्मद मुस्तफा जैसे स्थानीय लोगों ने बताया कि तार आए दिन टूटकर गिरता है, जिससे पूरा मोहल्ला डर में जी रहा है। बोले जिम्मेदार विस्तारित क्षेत्रों के लिए तेजी से काम शुरू किया गया है। शीघ्र ही सभी स्थानों की समस्याओं का समाधान होगा। सड़क व नाला निर्माण के लिए सर्वे का काम पूरा किया गया है। हर घर नल-जल योजना के लिए भी सर्वे कर लिया गया है। विभिन्न कार्यो के लिए निविदा की प्रक्रिया भी शुरू है। शीघ्र ही निर्माण कार्य शुरू हो जायेगा। पेयजल की समस्या के तत्काल समाधान के लिए टैंकर से आपूर्ति की जा रही है। -अनिल कुमार चौधरी,नगर आयुक्त वार्ड के सभी मोहल्ले लंबे समय से नगर निगम की उपेक्षा झेल रहे हैं। पानी के लिए एक ही टंकी है, वह भी आधे घरों तक नहीं पहुंच पाती। बिजली के तार लटक रहे हैं। न सड़क है, न नाला साफ होता है। बरसात में घर में पानी भर जाता है और बीमारियां फैल जाती हैं। हम लोग चाहते हैं कि अब सिर्फ आश्वासन नहीं, धरातल पर काम दिखे। जब शहर का हिस्सा बना दिए गए तो सुविधा भी वैसी ही मिलनी चाहिए। -संयज यादव, सामुदायिक नेतृत्वकर्ता
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