Smart Prepaid Meters Installed for 35 000 Rural Consumers Issues Arise ग्रामीण क्षेत्रों में स्मार्ट मीटर लगाने का कार्य हुआ शुरू, Madhubani Hindi News - Hindustan
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ग्रामीण क्षेत्रों में स्मार्ट मीटर लगाने का कार्य हुआ शुरू

बाबूबरही में 35,000 ग्रामीण बिजली उपभोक्ताओं के लिए स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने का कार्य शुरू हुआ है। हालांकि, उपभोक्ताओं को बैलेंस की जानकारी नहीं मिल रही, जिससे अचानक बिजली कटने की समस्या उत्पन्न हो...

Newswrap हिन्दुस्तान, मधुबनीThu, 1 May 2025 12:45 AM
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ग्रामीण क्षेत्रों में स्मार्ट मीटर लगाने का कार्य हुआ शुरू

बाबूबरही, निज संवाददाता। प्रखंड की ग्रामीण क्षेत्रों की 35 हजार बिजली उपभोक्ताओं के घरों में उर्जा विभाग की ओर से स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने का काम शुरू हो गया है। जेई नंदकिशोर के नेतृत्व में मानव बलों के समूह सभी सरकारी दफ्तरों में पुराने मीटर को बदल कर नया स्मार्ट मीटर लगा चुके हैं। धमौरा, रामपुर, सतघारा, माट, बक्साही, बाबूबरही, मुरहदी छोटकी टोल गांव में 12 सौ उपभोक्ताओं के यहां पुराने मीटर को बदलकर नया स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाया जा चुका है। वहीं जेई नंदकिशोर ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में उपभोक्ता मीटर लगाने में आगे आ रहे। इधर, लगाए गए स्मार्ट मीटरों से जुड़े समस्या भी उभर कर सामने आ रही हैं।

उपभोक्ताओं को स्मार्ट मीटर में बैलेंस की जानकारी नहीं मिल रही है। जिससे बैलेंस खत्म होने पर बिना सूचना के बिजली कनेक्शन कट जा रहा। इस तरह की स्थिति ने ग्रामीण उपभोक्ताओं को भारी परेशानी में डाल दिया है। उन्हें बिजली कंपनी के चक्कर लगाने पर मजबूर कर दिया है। बैलेंस खत्म होने पर बिजली कनेक्शन कट जाता है। लेकिन उपभोक्ताओं को इसकी कोई पूर्व सूचना नहीं मिल रही। अचानक बिजली कटने पर दैनिक कार्यों में रुकावट आ जाती है। वहीं दूसरी ओर लोगों को लोगों को अंधेरे में रहना पड़ता है। समय और संसाधनों की नहीं रुक रही बर्बादी: बिजली कंपनी के दफ्तर के चक्कर लगाने से न केवल समय और संसाधनों की बर्बादी है, बल्कि उपभोक्ताओं के लिए भी भारी असुविधा का कारण बन रहा है। मनोज, विनय, अनिल आदि ने बताया कि स्मार्ट मीटर लगाने का उद्देश्य बिजली खपत में जो पारदर्शिता और सुविधा को बढ़ाना था। लेकिन, स्मार्ट प्रीपेड मीटर उनके जीवन को और कठिन बना रही है। उन्होंने कहा कि स्मार्ट मीटर को इस प्रकार से अपडेट किया जाना चाहिए कि उपभोक्ताओं को बैलेंस खत्म होने से पहले एसएमएस या मोबाइल ऐप के माध्यम से सूचना मिल सके।

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