एमएस कॉलेज के छात्रों को चाहिए कैंटीन, मैदान, सफाई व वाईफाई
पूर्वी चंपारण के मुंशी सिंह महाविद्यालय में छात्रों को बुनियादी सुविधाओं की कमी का सामना करना पड़ रहा है। पुस्तकालय, लैब, इंटरनेट और शौचालय जैसी सुविधाएं अनुपलब्ध हैं, जिससे उनकी पढ़ाई प्रभावित हो रही...
पूर्वी चंपारण जिले के प्रमुख शैक्षणिक संस्थान मुंशी सिंह महाविद्यालय की स्थापना एक सशक्त शैक्षणिक भविष्य की नींव रखने के लिए हुई थी, लेकिन वर्तमान में यहां पढ़ रहे छात्र-छात्राएं कई आधारभूत सुविधाओं की कमी से जूझ रहे हैं। चाहे वह पुस्तकालय हो, लैब हो, इंटरनेट सुविधा हो या फिर शौचालय और खेलकूद की व्यवस्था। मोतिहारी के छात्र-छात्राओं को कई बुनियादी सुविधाओं की कमी का सामना करना पड़ रहा है। इससेे उनकी शैक्षणिक और सह-पाठ्यक्रम गतिविधियां प्रभावित हो रही हैं। हर क्षेत्र में सुधार की आवश्यकता महसूस की जा रही है। कॉलेज प्रशासन द्वारा कुछ पहल की गई हैं, लेकिन छात्रों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए और अधिक प्रयासों की आवश्यकता है।
सुविधाओं की कमी का असर छात्र-छात्राओं की उपस्थिति पर भी दिखता है। आदित्य श्रीवास्तव, आकर्ष कुमार, मनीष रेड्डी, लालू यादव, अमन चौबे, अनुराग कुमार, राहुल कुमार, सत्यम कुमार, अमन कुमार राज ने बताया कि मुंशी सिंह महाविद्यालय में पढ़ रहे हजारों छात्र-छात्राएं बेहतर भविष्य के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं, लेकिन सुविधाओं की कमी उनके उड़ान में बाधक बना हुआ है। प्रशासनिक योजनाओं को यदि त्वरित और पारदर्शी ढंग से लागू किया जाए, तो यह संस्थान फिर से पूर्वी चंपारण की शैक्षणिक धुरी बन सकती है। कॉलेज में कई विभाग में शिक्षकों की कमी है। इस कारण यूजी व पीजी की कक्षाओं का संचालन संयुक्त रूप से करना पड़ता है। गणित में ऑनर्स के विद्यार्थियों ने बताया कि सब्सिडियरी विषयों की नियमित कक्षाएं नहीं चलती हैं। क्लास रूम में साफ-सफाई की भी कमी रहती है। कॉलेज में शीतल पेयजल का अभाव है। इसके लिए दो मशीन लगाई गयी है। मगर, देखरेख के अभाव में शीतल पेयजल की दोनों मशीन खराब है। इस गर्मी में भी टंकी का गर्म पानी विद्यार्थियों को पीना पड़ता है। कॉलेज में छात्र-छात्राओं की संख्या के अनुरूप शौचालय व यूरिनल भी चालू स्थिति में नहीं है। अधिकतर शौचालय या तो बंद पड़े हैं, नहीं तो गंदगी भरी रहती है। मजबूरन छात्रों को बाहर जाना पड़ता है।
कॉलेज का मैदान खेलने लायक नहीं
आर्यन कुमार, बजरंग कुमार, रवि रंजन, टुन्ना लाल शर्मा, राहुल कुमार, विश्वजीत कुमार, उदय कुमार, प्रकाश कुमार शर्मा ने बताया कि कॉलेज के पास बड़ा खेल मैदान है। उबड़-खाबड़ होने की वजह से मैदान खेलने लायक नहीं है। खेल का यह मैदान चारों तरफ से खुला है। इस कारण भी आमलोगों व पशुओं का जमावड़ा लगा रहता है। बच्चों ने बताया कि कॉलेज में दो जेनरेटर है। मगर, यह हमेशा बंद रहता है। बिजली कटते ही क्लास रूम में अंधेरा छा जाता है।
विद्यार्थियों को नहीं मिलती वाईफाई की सुविधा
कॉलेज कैंपस में छात्र-छात्राओं के लिए वाईफाई की सुविधा नहीं है। इससे छात्रों को विवि व कॉलेज का अपडेट नहीं मिल पाता है। साथ ही ऑनलाइन पढ़ाई में भी बाधा उत्पन्न होती है।
नामांकन ऑनलाइन, साइबर कैफे की सुविधा नहीं
कॉलेज में नामांकन से लेकर परीक्षा तक सारा काम ऑनलाइन होने लगा है। बावजूद कॉलेज कैंपस में साइबर कैफे की सुविधा नहीं है। कॉलेज का छात्रावास लंबे समय से बंद है। विद्यार्थी किराए के मकान में रहने को मजबूर हैं।
छात्राओं के लिए कॉमन रूम में मनोरंजन की व्यवस्था नहीं
छात्रा आस्मिन कॉशर, रौशनी, दिव्या व सृष्टि ने बताया कि कॉमन रूप में मनोरंजन की व्यवस्था नहीं है। लीजर समय में समय बिताना मुश्किल होता है। शौचालय का हैंडवॉश आलमारी में बंद रहता है। जरूरत पड़ने पर मांगने के लिए कहा जाता है। कॉलेज में छात्र-छात्राओं के लिए वाईफाई की भी सुविधा नहीं है। इससे विश्वविद्यालय का कोई अपडेट नहीं मिल पाता है। छात्राओं की अच्छी संख्या होने के बावजूद अलग से काउंटर की व्यवस्था नहीं की गयी है। कॉलेज में महिला सुरक्षा गार्ड की तैनाती नहीं की गयी है।
शिकायतें:
1. विद्यार्थियों को कॉलेज कैंपस में वाईफाई की सुविधा नहीं मिल पाती है। इससे उन्हें ऑनलाइन अपडेट नहीं मिल पाता है।
2. कॉलेज में नामांकन से लेकर परीक्षा फॉर्म भरने तक का काम ऑनलाइन है। कॉलेज कैंपस में साइबर कैफे की सुविधा नहीं है।
3. कॉलेज का छात्रावास लंबे समय से बंद है। यहां नामांकित विद्यार्थियों को किराए के मकान में रहने की मजबूरी है।
4. कॉलेज के कई विभागों में शिक्षकों की कमी है। इस कारण यूजी व पीजी की कक्षाओं का संचालन संयुक्त रूप से करना पड़ता है।
5. क्लास रूम में साफ-सफाई की भी कमी रहती है। कॉलेज में शीतल पेयजल का अभाव है। दोनों मशीने खराब है।
सुझाव:
1. कॉलेज में छात्र-छात्राओं की संख्या के अनुरूप शौचालय व यूरिनल को चालू कराया जाए। शौचालय की सफाई जरूरी है।
2. कॉलेज के पास बड़ा खेल मैदान है। खेल के इस मैदान को स्टेडियम का रूप में तब्दील करने की जरूरत है।
3. छात्राओं के लिए कॉमन रूम में मनोरंजन की सुविधा का इंतजाम जरूरी है। यहां कलर टीवी व वाईफाई की सुविधा प्रदान की जाए।
4. कॉलेज में नामांकन से लेकर परीक्षा फॉर्म भरने तक का काम ऑनलाइन है। कॉलेज कैंपस में साइबर कैफे खोला जाए।
5. कॉलेज का छात्रावास लंबे समय से बंद है। यहां नामांकित विद्यार्थियों के लिए छात्रावास की व्यवस्था की जाए।
बोले जिम्मेदार
कॉलेज कैंपस में कैंटीन खोलना मेरी प्राथमिकता में है। एक-दो महीने में कैंटीन चालू हो जाएगा। छात्र-छात्राओं की सुविधा के लिए कॉलेज कैंपस में साइबर कैफे व फोटो स्टेट की सुविधा प्रदान की जाएगी। खेलो इंडिया के तहत कॉलेज का खेल मैदान पास हो चुका है। जल्द ही बड़ा मल्टीपरपस हॉल, बड़ा स्टेडियम व ट्रैक का निर्माण शुरू हो जाएगा। कॉलेज की पुरानी छत से गिरनेवाले प्लास्टर की मरम्मत भी 10 दिनों में शुरू हो जाएगी। कॉमन रूप में मैगजिन, कैरम व अन्य इंतजाम किया जाएगा। डॉ. मृगेंद्र कुमार, प्राचार्य, एमएस कॉलेज, मोतिहारी।
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