छह हजार छात्रों को पढ़ाने लिए सात स्थायी शिक्षक
अरेराज स्थित महंत शिवशंकर गिरि डिग्री कॉलेज में लगभग छह हजार छात्र छात्राएं पढ़ाई कर रहे हैं, लेकिन यहाँ वाणिज्य और कई अन्य विषयों की पढ़ाई नहीं हो रही है। कॉलेज में शिक्षकों की कमी है, जहाँ 22...

अरेराज। अनुमंडल मुख्यालय अरेराज स्थित बीआरएवीयू मुजफ्फरपुर की एकमात्र अंगीभूत इकाई महंत शिवशंकर गिरि डिग्री कॉलेज में नए पाठ्यक्रम सीबीसीएस के विभिन्न सेमेस्टर में लगभग छह हजार छात्र छात्राएं नामांकित हैं। कामर्स के विषयों की पढ़ाई से यह महाविद्यालय वंचित है। इतना ही नहीं इतिहास,भूगोल,गृह विज्ञान,संगीत आदि विषयों की पढ़ाई नहीं होने से छात्र छात्राओं को अन्यत्र जाकर पढ़ाई करनी होती है। गंडक तटवर्ती सुदूर ग्रामीण परिवेश के लड़के लड़कियों को स्नातक स्तर तक की उच्च शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से सोमेश्वर नाथ महादेव मंदिर अरेराज के तत्कालीन महंत दानवीर शिव शंकर गिरि जी महाराज ने स्वयं के नाम पर 1961 में इस महाविद्यालय की स्थापना की थी।
स्थापना काल से ही इस महाविद्यालय को कामर्स,बीएड,व अन्य विषयों में पढ़ाई की स्वकृति के लिए की गई घोषणा को भी अब तक अमलीजामा नहीं पहनाया जा सका है। वाणिज्य विषय को छोड़कर कला एवं विज्ञान के ग्यारह विषयों में यहां ऑनर्स विषय में पढ़ाई होती है। ग्यारह मेजर विषयों की पढ़ाई के लिए सात स्थायी,04 अतिथि व 04 रिसोर्स पर्सन सहित कुल ग्यारह सहायक प्राध्यापकों के भरोसे छह हजार छात्र छात्राओं के भरोसे पठन पाठन का कार्य चलाया जा रहा है जबकि कम से कम 22 शिक्षकों की जरूरत है। कला एवं विज्ञान के ऑनर्स व एमजेसी की जिन ग्यारह विषयों की यहाँ पढ़ाई होती है उनमें भौतिक शास्त्र, रसायन शास्त्र, गणित, जंतु विज्ञान वनस्पतिशास्त्र, मनोविज्ञान, राजनीतिक शास्त्र, इतिहास,अंग्रेजी, अर्थशास्त्र, दर्शन शास्त्र के नाम शामिल है। शिक्षक के आभाव में रिसर्स पर्सन के भरोसे सीएनडी व बीसीए की पढ़ाई का संचालन किया जा रहा है। गंडक तटवर्ती इस महाविद्यालय में सुदूर ग्रामीण परिवेश के ही छात्र छात्राएं अध्ययनरत हैं। शिक्षकेतर कर्मचारी का भी कई पद रिक्त पड़ा हुआ है। 22 शिक्षकों की जरूरत ग्यारह मेजर सब्जेक्ट में कम से कम दो दो सहायक प्राध्यापक की जरूरत है अर्थात कम से कम 22 प्राध्यापकों की आवश्यकता है जिसके एवज में मात्र ग्यारह शिक्षकों के भरोसे काम चलाया जा रहा है। प्राचार्य बीएन झा ने बताया कि महाविद्यालय में शैक्षणिक गुणवत्ता को बनाये रखने की दिशा में निरंतर प्रयास किये जा रहे है। पुराने भवन में ओपन जिम की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। खासकर लड़कियों की सुविधा की देखते हुए आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराए गए है। शिक्षक की कमी से माहौल में बेहतर शिक्षण कार्य की कल्पना नहीं की जा सकती है। पठन पाठन सुदृढ हो सके इसको लेकर विश्वविद्यालय स्तर पर भी कई बार सूचना भी दी गई है।
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