गजकेसरी एवं रवि योग के शुभ संयोग में 30 को मनेगी अक्षय तृतीया
द कर रहे सर्राफा कारोबारी मुंगेर, हिन्दुस्तान प्रतिनिधि/सुजीत मिश्रा। अक्षय तृतीया 30 अप्रैल को है। हिन्दू धर्म में अक्षय तृतीया का महत्वपूर्ण स्थान

मुंगेर, हिन्दुस्तान प्रतिनिधि/सुजीत मिश्रा। अक्षय तृतीया 30 अप्रैल को है। हिन्दू धर्म में अक्षय तृतीया का महत्वपूर्ण स्थान है। इस दिन कोई भी शुभ कार्य किया जा सकता है। मान्यता है कि अक्षय तृतीया समृद्धि और सौभाग्य लेकर आती है। इस दिन भगवान विष्णु एवं माता लक्ष्मी की पूजा करने की परंपरा है। अक्षय तृतीया पर इस साल गजकेसरी एवं रवि योग का शुभ संयोग बन रहा है, जो शुभ एवं फलदायी माना गया है। अक्षय तृतीया के दिन सोना की खरीदारी शुभ माना जाता है। अक्षय तृतीया को लेकर स्वर्ण आभूषण विक्रेताओं ने तैयारी शुरू कर दी है। लेकिन सोने की बढ़ी कीमत के कारण स्वर्ण विक्रेताओं में थोड़ी मायूसी देखी जा रही है। फिर भी लगन एवं अक्षय तृतीया को लेकर अच्छे कारोबार होने की उम्मीद की जा रही है। सोना की कीमत अभी करीब 91 हजार प्रति 10 ग्राम है। पिछले साल की तुलना में करीब 23 हजार मंहगा बिक रहा है।
कीमत में वृद्धि के बाद भी अच्छी बिक्री की उम्मीद:
आभूषण कारोबारी एवं बुलियन मर्चेंट एसोसियेशन के सचिव ललन ठाकुर ने बताया कि अक्षय तृतीया में धनतेरस की तरह सोने-चांदी के आभूषणों की बिक्री नहीं होती है। अक्षय तृतीया में कुछ खास लोग ही खरीदारी करते हैं। इस साल सोना की कीमत में आई तेजी का असर अक्षय तृतीय की बिक्री पर पड़ने की उम्मीद है। एक अन्य आभूषण कारोबारी गोल्डी कुमार का कहना है कि अक्षय तृतीया को लेकर तैयारी पूरी कर ली गई है। सोना की कीमत में उछाल के बावजूद अक्षय तृतीय पर पहले की तरह ही आभूषण खरीदारी की उम्मीद है।
बाजार सूत्रों की मानें तो अमेरिका की टैरिफ नीति से वैश्विक अर्थ व्यवस्था पर असर एवं मंदी की आशंका को लेकर सुरक्षित विकल्प के रूप में सोना में निवेश एवं डॉलर के मुकाबले रुपया कमजोर होने से सोना का आयात मंहगा होने से घरेलू बाजार में इसकी कीमत बढ़ी है। सूत्रों का यह भी कहना है कि शादी के सीजन में सोने की मांग बढ़ने से कीमत भी बढ़ जाती है। लोग शादी में सोना सिर्फ गहने के रूप में खरीदारी नहीं करते बल्कि भविष्य की जरूरत को देखते हुए खरीदारी करते हैं।
अक्षय तृतीया पर समृद्धि के मार्ग होते हैं प्रशस्त:
ज्योतिष राकेश मिश्र ने बताया कि अक्षय तृतीया वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया को मनाया जाता है। इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा पूरे साल के लिए शुभ फलदायक है। अक्षय का मतलब होता है क्षय ना होना, इसलिए इस दिन किए गए अच्छे कार्यों का क्षय नहीं होता है। इस बार अक्षय तृतीया पर शोभन योग, रवि योग, गजकेसरी योग, मालव्य योग एवं लक्ष्मी नारायण योग का निर्माण हो रहा है। इन योगों से धन, यश, सुख समृद्धि, सफलता, भौतिक सुखों में बढ़ोतरी एवं आर्थिक स्थिति अच्छी होने के सारे मार्ग प्रशस्त होते हैं।
हिंदू पंचांग के अनुसार तृतीया तिथि का आरंभ 29 अप्रैल को शाम 5.31 से हो रही है जो 30 अप्रैल को दिन में 2.12 बजे तक रहेगा।
शुभ मुहूर्त- सुबह 5.31 से 8.45, 10.22 से 11.59 तक, अपराहन 3.13 से शाम 6.29 तक एवं रात्रि 7.52 से 11.59 तक शुभ मुहूर्त है।
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