Bihar Biodiversity Council Selects 32 Heritage Trees Over 100 Years Old Across Five Districts मुंगेर के वासुदेवपुर में 01 और धरहरा में 03 पेड़ होंगे संरक्षित, Munger Hindi News - Hindustan
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मुंगेर के वासुदेवपुर में 01 और धरहरा में 03 पेड़ होंगे संरक्षित

बिहार जैव विविधता पर्षद की टीम ने बक्सर, औरंगाबाद, मुंगेर, जमुई और भागलपुर में 32 विरासत वृक्षों का चयन किया है, जो सौ साल से अधिक पुराने हैं। हालांकि, वन विभाग ने इन वृक्षों के संरक्षण के लिए अभी तक...

Newswrap हिन्दुस्तान, मुंगेरWed, 18 June 2025 03:27 AM
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मुंगेर के वासुदेवपुर में 01 और धरहरा में 03 पेड़ होंगे संरक्षित

मुंगेर, मनोज कुमार। बिहार जैव विविधता पर्षद की टीम ने पांच जिलों बक्सर, औरंगाबाद, मुंगेर, जमुई और भागलपुर में 32 वैसे विरासत वृक्षों को चयनित किया है जो सौ या उससे अधिक वर्ष पुराने हैं। परंतु बायो डायवर्सिटी बोर्ड द्वारा घोषित पुराने वृक्षों के संरक्षण के लिए वन विभाग के द्वारा अब तक किसी प्रकार का माइक्रो प्लान तैयार नहीं किया गया है। बायोडायवर्सिटी बोर्ड की टीम द्वारा जिले में सैकड़ों वर्ष पुराने 4 विरासत वृक्ष की पहचान की गई है। जिसमें 01 बरगद का विशाल पेड़ नगर निगम क्षेत्र अंतर्गत वासुदेवपुर में मौजूद है। इसके अलावा 03 पुराने पेड़ धरहरा प्रखंड में चयनित हुए हैं।

धरहरा प्रखंड के महरणा पंचायत में पीपल और नीम का 02 पुराना पेड़ तथा धरहरा दक्षिणी पंचायत में पीपल का पुराना पेड़ चयनित है। इन सभी पुराने पेड़ों को विरासत वृक्ष के रूप में संरक्षित किया जाना है। हालांकि विरासत वृक्ष के संरक्षण का अब तक माइक्रो प्लान वन विभाग द्वारा तैयार नहीं किया गया है। वन प्रमंडल पदाधिकारी मुंगेर अमरीश कुमार ने बताया कि बिहार जैव विविधता पर्षद की टीम ने मुंगेर में 03 पुराने पेड़ का चयन संरक्षण के लिए किया है। पर्षद की टीम ने फिलहाल तीन पुराने पेड़ का नाम उपलब्ध कराया है। परंतु इन पुराने पेड़ों को संरक्षित करने की पॉलिसी से बोर्ड द्वारा अवगत नहीं कराया गया है। वन प्रमंडल पदाधिकारी ने बताया कि बिहार जैव विविधता पर्षद द्वारा पेड़ों को संरक्षित करने के लिए जो भी पॉलिसी निर्धारित होगी, उस अनुसार पुराने पेड़ को संरक्षित किया जाएगा। 100 वर्ष से ज्यादा पुराने पेड़ों की सेहत है अच्छी: गौरतलब है कि करीब एक वर्ष पूर्व बिहार जैव विविधता पर्षद की टीम बिहार के सभी जिलों में सर्वे कर पुराने वक्षों के तने और जड़ का सैंपल ले गयी थी। साइंटिफिक कार्बन डेटिंग विधि से इन वृक्षों की सही उम्र का आंकलन किया गया तो पता चला ये वृक्ष सौ साल से भी ज्यादा पुराने हैं। इनकी सेहत अच्छी है, सूखे नहीं है। अभी भी ऐसे पेड़ों में वृद्धि देखी जा सकती है। लिहाजा इन्हें विरासत के रूप में देखा जा रहा है

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