आंबेडकर के अपमान पर लालू यादव से मांगें जवाब, गवर्नर से मिलकर बोले BJP नेता
राज्यपाल को सौंपे ज्ञापन में प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि लालू प्रसाद ने अपने जन्मदिन पर संविधान निर्माता के सम्मान के साथ के साथ खिलवाड़कर वंचित समाज के सम्मान को गहरी चोट पहुंचाई है। लालू प्रसाद से इस मामले में स्पष्टीकरण की मांग की जाए।

राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव द्वारा कथित तौर से बाबा साहेब भीम राव आंबेडकर के अपमान का मुद्दा गरमा गया है। अब बिहार भाजपा के प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार की शाम राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खां से मिलकर राजद प्रमुख लालू प्रसाद पर बाबा साहब भीमराव आंबेडकर को अपमानित करने का आरोप लगाते हुए इस पर संज्ञान लेने का आग्रह किया है।
राज्यपाल को सौंपे ज्ञापन में प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि लालू प्रसाद ने अपने जन्मदिन पर संविधान निर्माता के सम्मान के साथ के साथ खिलवाड़कर वंचित समाज के सम्मान को गहरी चोट पहुंचाई है। लालू प्रसाद से इस मामले में स्पष्टीकरण की मांग की जाए। प्रतिनिधिमंडल में मंत्री जनक राम, गुरु प्रकाश पासवान, सुबोध कुमार पासवान, भारती पासवान, दानिश इकबाल आदि शामिल थे।
लालू पर आंबेडकर के अपमान का आरोप
आपको बता दें कि बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने बीते शनिवार को राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद पर आरोप लगाया था कि उन्होंने बाबा साहब आंबेडकर का चित्र अपने पैरों के पास रखवाकर उनका अपमान किया है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष चौधरी ने यहां प्रेसवार्ता में इस घटना का एक वीडियो क्लिप भी दिखाया था। यह घटना तब की है जब पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद अपना 78वां जन्मदिन मना रहे थे।
वीडियो में नजर आ रहा है कि बीमार नेता लालू प्रसाद एक सोफे पर बैठे हैं और उन्होंने पैर पास के सोफे पर रखे हुए हैं। एक समर्थक आंबेडकर की तस्वीर लेकर कमरे में प्रवेश करता है और अभिवादन करने से पहले उसे राजद प्रमुख के पैरों के पास रख देता है। चौधरी ने आरोप लगाया था कि यह इस बात का सबूत है कि लालू प्रसाद दलितों को तुच्छ समझते हैं और दलित वर्ग के सबसे बड़े नेता के प्रति उनके मन में कोई सम्मान नहीं है। वह तो अपने पैरों के पास भगवान की तस्वीरें भी रखवा सकते हैं।
अनुसूचित जाति आयोग ने मांगा जवाब
बिहार राज्य अनुसूचित जाति आयोग ने बाबा साहब भीम राव आंबेडकर का कथित तौर पर अनादर करने के लिए राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को नोटिस जारी किया है। आयोग ने पूर्व मुख्यमंत्री को जवाब देने के लिए 15 दिन का समय दिया है और चेतावनी दी है कि ऐसा न करने पर कानूनी कार्यवाही हो सकती है। बिहार राज्य अनुसूचित जाति आयोग के उपाध्यक्ष देवेंद्र कुमार ने कहा था कि कथित घटना पर स्पष्टीकरण मांगने के लिए लालू प्रसाद को नोटिस जारी किया गया है।
उन्होंने कहा था कि आयोग ने प्रसाद को जवाब देने के लिए 15 दिन का समय दिया है और चेतावनी दी है कि ऐसा न करने पर अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत कार्रवाई हो सकती है।