सिखों के 5वें गुरू सह प्रथम शहीद श्रीगुरू अर्जुन देव जी महाराज के आदर्श व विचारों को आत्मसात करें युवाएं: अध्यक्ष
सर में समारोहपूर्वक मनाया गया। समारोह की अध्यक्षता श्री गुरूसिंह सभा, गुरूद्वारा के अध्यक्ष परमजीत सिंह ने की, तथा संचालन वासुदेव पुरी ने किया। सुबह

जमालपुर। निज प्रतिनिधि सिखों के पांचवें एवं प्रथम शहीद श्री गुरू अर्जुन देव जी महाराज का 419वां शहीदी दिवस शुक्रवार को स्थानीय श्रीगुरू सिंह सभा, गुरूद्वारा मंदिर परिसर में समारोहपूर्वक मनाया गया। समारोह की अध्यक्षता श्री गुरूसिंह सभा, गुरूद्वारा के अध्यक्ष परमजीत सिंह ने की और संचालन वासुदेव पुरी ने किया। सुबह से श्री गुरूसिंह सभा जमालपुर परिसर में श्री सुखमणि साहिब का पाठ, कीर्तन, अरदास, प्रवचन सहित अन्य कार्यक्रम आयोजित किए गए। वहीं गायत्री शक्तिपीठ, मुंगेर रोड जमालपुर के सामने सेवा शिविर लगाकर शीतल जल शरबत सेवा दी गयी। राहगीरों व वाहन चालकों को गर्मी में शरबत सेवा से ठंढक पहुंची।
मौके पर अध्यक्ष परमजीत सिंह ने कहा कि गुरु अर्जुन देव सिखों के पांचवें गुरु एवं सिख धर्म के प्रथम शहीद थे। गुरु अर्जुन देव जी को मुगलों के द्वारा अपना धर्म नहीं छोड़ने पर 1606 में दहकते तवे पर बिठा कर उपर से गर्म रेत डाल कर क्रूर यातना देते हुए मृत्युदंड दिया गया था। हमलोग इस दिन को शहीदी दिवस के रूप में मनाते हैं। उन्होंने कहा कि धर्म और सत्य की रक्षा के लिए श्री अर्जुन देव जी महाराज ने अपनी प्राण की आहुति दी थी, इसलिए आज के युवा पीढ़ियों को उनके आदर्श व विचारों को आत्मसात करने की जरूरत है। मौके पर बलबिंदर सिंह अहलूवालिया, सरदार चंदन सिंह, करनैल सिंह, संदीप गांधी (मन्नी), ग्रंथी भाई अयोध्या सिंह, अमृत पाल, अविनाश कौर, अमित नंदन, अक्षत, आस्वथ, जयराम, राजू, शंभू सिंह, राजेन्द्र विश्वकर्मा, शिव गुप्ता सहित अन्य की भी भूमिका सराहनीय रही।
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