नीतीश के मंत्री पर भड़के डॉक्टर, असभ्य भाषा का आरोप; सुनील कुमार बोले - समझने का फेर है
25 मई को स्थानीय लोगों की शिकायत पर वन मंत्री डॉ. सुनील कुमार ने सदर अस्पताल की जांच की थी। इसमें कई तरह की खामियां पायी थीं। उन्हें सुधारने का आदेश दिया था। इसी का जायजा लेने शनिवार को सदर अस्पताल पहुंचे थे। इस क्रम में उन्होंने डॉक्टरों के साथ बैठक की थी।

बिहारशरीफ के भाजपा विधायक और राज्य सरकार के मंत्री डॉ. सुनील कुमार के खिलाफ सदर अस्पताल के चिकित्सकों ने शनिवार को मोर्चा खोल दिया है। उनका आरोप है कि अस्पताल जांच व बैठक के दौरान मंत्री ने चिकित्सकों के प्रति अमर्यादित भाषा का उपयोग किया, जिससे वे काफी आहत हैं। हालांकि चिकित्सकों के आरोप पर वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ. सुनील कुमार ने कहा कि यह समझने की फेर हुई होगी।
मंत्री के जाते ही सिविल सर्जन की अगुआई में डॉक्टरों की बैठक बुलाकर कई निर्णय लिये गये। सिविल सर्जन डॉ. जीतेन्द्र कुमार सिंह ने कहा कि वे मामले को डॉक्टरों के संघ (भाषा) के साथ ही डीएम शशांक शुभंकर के समक्ष रखेंगे। इंसाफ नहीं मिला तो चरणबद्ध तरीके से आंदोलन किया जाएगा।
दूसरी तरफ, वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ. सुनील कुमार ने कहा कि समझने की फेर हुई होगी। हमने कहा-डॉक्टर को लोग धरती का भगवान मानते हैं। लेकिन, सेवा में उत्तरोतर कमी होते जाने की वजह से लोग उन्हें तरह-तरह बाते कहते हैं। हमने चिकित्सकों को समझाया कि मैंने एमबीबीएस की डिग्री लेने के बाद चार साल बतौर चिकित्सक काम किया है। दुख में ही कोई चिकित्सकों के पास जाता है। खासकर, सरकारी अस्पतालों में गरीब-दुखिया ही जाते हैं। ऐसे में उनका बेहतर इलाज कर दुआ बटोरनी चाहिए। लेकिन, इस पेशे में आये कुछ डॉक्टर इसे जल्दी अमीर बनने का जरिया मान लेते हैं।
स्थानीय लोगों की शिकायत पर की थी जांच
25 मई को स्थानीय लोगों की शिकायत पर वन मंत्री डॉ. सुनील कुमार ने सदर अस्पताल की जांच की थी। इसमें कई तरह की खामियां पायी थीं। उन्हें सुधारने का आदेश दिया था। इसी का जायजा लेने शनिवार को सदर अस्पताल पहुंचे थे। इस क्रम में उन्होंने डॉक्टरों के साथ बैठक की। मंत्री ने सभी चिकित्सकों से अपील की कि वे गरीब मरीजों की अनदेखी न करें और सेवा भाव से काम करें। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि भविष्य में यदि इस प्रकार की शिकायतें फिर से मिलती हैं, तो संबंधित कर्मियों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।
बिना इलाज कराये लौटे दर्जनों रोगी
इस दौरान अस्पताल में ऊहापोह की स्थिति बनी रही। दोनों बैठकों का दौर एक बजे तक चलता रहा। इस कारण ओपीडी में दिखाने आए दूरदराज से आए दर्जनों मरीजों को बिना इलाज कराए ही वापस लौटना पड़ा। बैठक में डॉ. विश्वजीत कुमार, डॉ. राजीव रंजन, डॉ. महेंद्र कुमार, डॉ. अशोक कुमार, डॉ. सावन सुमन, स्वास्थ्य प्रबंधक इरफान, लेखपाल सुरजीत कुमार व अन्य मौजूद थे।