जिले में पांच कलस्टरों में होगी प्राकृतिक खेती, जुड़ेंगे 625 किसान
मुंगेर जिले में किसानों के लिए एक नई योजना शुरू की गई है जिसमें रासायनिक खाद का प्रयोग नहीं किया जाएगा। कृषि विभाग ने 625 किसानों को प्राकृतिक खेती से जोड़ने का लक्ष्य रखा है। पांच क्लस्टर में यह खेती...

मुंगेर, निज प्रतिनिधि/नवीन कुमार झा। किसानों के लिये अच्छी खबर है। जिले में अब खाद्य सामग्रियों में मिलावटी और केमिकल के कारण लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ रहे प्रतिकूल असर को देखते हुए कृषि विभाग ने केमिकल रहित खेती पर जोर दिया है। जिले के पांच क्लस्टर के माध्यम से केमिकल रहित खेती यानी प्राकृतिक खेती करने के लिए किसानों को हरसंभव सहायता देने के लिए राज्य सरकार योजना बनायी है। अनाज में पौष्टिकता और शुद्धता शत-प्रतिशत बना रहे, इसके लिए जिले में सरकार ने कृषि विभाग के एजेंसी ऑफ आज के माध्यम से 625 किसानों को जोड़ने का लक्ष्य रखा है।
राज्य सरकार पायलट योजना के तहत मुंगेर जिलों के पांच कलस्टर के 250 हेक्टेयर में प्राकृतिक खेती नेचुरल फार्मिंग कराएगी। योजना की सफलता में कुछ समय लगेगा। वैज्ञानिकों के अनुसार तीन वर्षों के बाद क्षेत्र में केमिकल रहित अनाज मिलना शुरू हो जायेगा। इस योजना में कृषि सखी का भी सहयोग लिया जायेगा। कृषि सखी की महत्वपूर्ण भूमिका को देखते हुए प्रशिक्षित किया जायेगा। दो कृषि सखी करीब 125 किसानों को प्राकृतिक खेती के लिए तैयार करेगी। एक कलस्टर में 125 किसानों को किया जाएगा शामिल: एक कलस्टर में कम से कम 50 हेक्टेयर जमीन होनी चाहिए। जिसमें 125 किसानों को शामिल किया जाएगा। कृषि सखी प्रमंडलस्तरीय कमेटी आत्मा के साथ मिलकर स्वयं सहायता समूह आंगनबाड़ी ग्राम सभा की बैठक आयोजित करेगी। इसको प्राकृतिक खेती के बारे में बताया जायेगा। इसके फायदे से भी किसानों को अवगत कराए जायेंगे। इसमें सरकार से मिलने वाले सहयोग के बारे में विस्तृत जानकारी दी जायेगी। खासकर महिलाओं को कृषि सखी बनाया जायेगा। कम से कम एक साल प्रकृति खेती का अनुभव होना चाहिए। क्षेत्र के लिए कृषि सखी का चयन किया जाएगा। पांच प्रखंडों में बनेगा कलस्टर : मुंगेर जिले के पांच प्रखंडों मुंगेर, जमालपुर, धरहरा, बरियारपुर तथा हवेली खड़गपुर में प्राकृतिक खेती के लिये कलस्टर बनाया जाएगा। कलस्टर में एक पंचायत या दो पंचायतों को भी शामिल किया जाएगा। एक कलस्टर में 50 हेक्टेयर कुल 250 हेक्टेयर में प्राकृतिक खेती की जाएगी। प्राकृतक खेती में रसायनिक खाद का उपयोग नहीं करना है। किसानों को दो साल तक दो-दो हजार रुपये का अनुदान दिया जाएगा। बोले अधिकारी सरकार प्राकृतिक खेती पर विशेष जोर दे रही है। इसके तहत जिले के पांच प्रखंडों में पांच कलस्टर बनाया जाएगा। प्रत्येक कलस्टर 50 हेक्टेयर का होगा , जिसमें 125 किसानों को शामिल किया जाएगा। किसानों को दो साल दो-दो हजार रुपये का अनुदान राशि भी दी जाएगी। प्राकृतिक खेती के तहत रसायनिक खाद का प्रयोग नहीं किया जाएगा। प्राकृतिक खेती के लिये कलस्टर निर्माण की प्रक्रिया जल्द ही शुरू की जाएगी। ब्रजकिशोर, जिला कृषि पदाधिकारी, मुंगेर।
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