स्नातक में 1.58 लाख आवेदन, डेढ़ लाख सीटें रह जाएंगी खाली
बीआरएबीयू में स्नातक सत्र 2025-29 के लिए 1.58 लाख छात्रों ने आवेदन किया है। 132 कॉलेजों में दाखिला होगा, जिनमें 42 अंगीभूत कॉलेज हैं। इस बार लगभग डेढ़ लाख सीटें खाली रह जाएंगी। 19 जून को एडमिशन कमेटी...

मुजफ्फरपुर, प्रमुख संवाददाता। बीआरएबीयू में स्नातक के सत्र 2025-29 के लिए 1.58 लाख छात्रों ने आवेदन किये हैं। इस वर्ष 132 कॉलेजों में दाखिला होगा। इनमें 42 अंगीभूत कॉलेज हैं। स्नातक में लगभग तीन लाख सीटें हैं। इसलिए इसबार डेढ़ लाख सीटें खाली रह जाएंगी। सबसे ज्यादा आवेदन अंगीभूत कॉलेजों में आये हैं। इसके बाद अनुदानित और संबद्ध कॉलेजों में। डीएसडब्ल्यू प्रो. आलोक प्रताप सिंह ने बताया कि दाखिला लेने से पहले 19 जून को एडमिशन कमेटी की बैठक होगी। बैठक में दाखिले की प्रक्रिया पर विचार किया जायेगा। सबसे अधिक आवेदन इतिहास विषय में आये हैं। 22 या 23 जून को दाखिले के लिए मेरिट लिस्ट जारी की जायेगी।
वोकेशनल में 3442 छात्रों ने किये आवेदन वोकेशनल कोर्स में अबतक 3442 आवेदन आये हैं। सीसीडीसी प्रो. मधु सिंह ने बताया कि 20 जून तक आवेदन लिये जाएंगे। 25 जून को प्रवेश परीक्षा होगी। इसके बाद अगर सीट खाली रहेगी तो ऑनस्पाट एडमिशन का विकल्प दिया जायेगा। इसके लिए पोर्टल को एक बार फिर खोला जायेगा। बीआरएबीयू में तीन महीने से कम नहीं चलेंगी कक्षाएं बीआरएबीयू में नये सत्र में कम से कम तीन महीने तक कक्षाएं चलेंगी। विवि प्रशासन इसकी तैयारी कर रहा है। एक सेमेस्टर में छह महीने कक्षाएं चलानी होती हैं, लेकिन बीआरएबीयू में लगातार परीक्षाओं के कारण पूरी कक्षाएं नहीं हो पाती हैं। डीएसडब्ल्यू प्रो. आलोक प्रताप सिंह ने कहा कि कक्षाओं की संख्या बढ़ाने पर जल्द ही कुलपति से बात की जायेगी। स्नातक से लेकर पीजी तक में सिलेसब पूरा नहीं होने की समस्या छात्रों के सामने रहती है। बीते दिनों पीजी प्रथम सेमेस्टर की परीक्षा का फॉर्म कक्षा शुरू होने के एक महीने के भीतर ही जारी कर दिया गया था। काफी विरोध के बाद इसपर कुछ दिनों के लिए रोक लगी थी। विवि प्रशासन तैयारी कर रहा है कि सिलेबस पूरा होने के बाद ही परीक्षा ली जाये। क्रेडिट मिलने में भी होती है परेशानी विवि में सीबीसीएस के तहत छात्रों को कक्षाओं के आधार पर क्रेडिट दिया जाना है। विषयवार जितनी कक्षाएं होंगी वह क्रेडिट के अनुसार तय है, लेकिन कक्षाएं कम होने से छात्रों को पूरा क्रेडिट नहीं मिल पा रहा है। प्राचार्यों और पीजी विभागों को निर्देश दिया जायेगा कि वह परीक्षाओं से पहले सिलेबस को पूरा कर लें। सिलेबस को पूरा करने के लिए कॉलेज और पीजी विभाग क्रैश कोर्स भी चला सकते हैं।
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