रिजल्ट से असंतुष्ट बच्चों की संख्या तीन गुना से अधिक बढ़ी
मुजफ्फरपुर में इस साल सीबीएसई बोर्ड रिजल्ट से असंतुष्ट बच्चों की संख्या तीन गुना बढ़ गई है। 10वीं और 12वीं के लिए पुनर्मूल्यांकन के आवेदन बढ़े हैं। पटना रीजन में 25 हजार से अधिक आवेदन आ चुके हैं।...

मुजफ्फरपुर। अनामिका सीबीएसई बोर्ड के रिजल्ट से असंतुष्ट बच्चों की संख्या इस साल तीन गुना से अधिक बढ़ी है। 10वीं और 12वीं बोर्ड के पुनर्मूल्यांकन आवेदन से यह सामने आ रहा है। यह स्थिति तब है जब 10वीं बोर्ड के लिए अभी आवेदन अगले छह दिनों तक और लिया जाएंगे। पिछले साल की अपेक्षा इस बार जांची कॉपी लेने के लिए तीन गुना तक आवेदन आए हैं। पटना रीजन में इस बार अब तक 25 हजार से अधिक आवेदन आ चुके हैं। 12वीं बोर्ड के लिए आवेदन की निर्धारित तिथि 27 मई तक थी, वहीं 10वीं का दो जून तक आवेदन लिया जाएगा।
सीबीएसई एक्सपर्ट डॉ. प्रमोद कुमार ने बताया कि पिछले साल 10वीं और 12वीं के लिए लगभग साढ़े आठ हजार आवेदन ही आए थे। यही नहीं, इस बार काउंसिलिंग सेल को फोन करने वाले बच्चों की संख्या भी चार गुनी बढ़ी हुई है। हर दिन 50-60 बच्चों की कॉल आ रही है। पिछले साल यह संख्या 10-15 थी। अंक से असंतुष्ट बच्चे सीबीएसई को भावनात्मक दवाब वाले कॉल के साथ मेल भी कर रहे हैं। बोर्ड ऐसे बच्चों के मेल एक्सपर्ट को भेज काउंसिलिंग कर रिपोर्ट भेजने का निर्देश दे रहा है। ऐसे बच्चे जिन्होंने सुसाइड तक की धमकी देकर मेल किया उन्हें सीबीएसई के काउंसलर लगातार कॉल कर काउंसिलिंग कर रहे हैं। पिछले 10 दिनों में एक दर्जन से अधिक बच्चों को काउंसलर अपनी तरफ से हर दिन फोन कर काउंसिलिंग कर रहे हैं और बच्चों में आए सुधार की रिपोर्ट भी भेज रहे हैं। भावनात्मक दवाब वाले मेल पर सीबीएसई अलर्ट केस 1 पापा के मरने के बाद ट्रोमा में चला गया, तीन अंक से लगा कंपार्टमेंट, कर लूंगा सुसाइड 12वीं के एक छात्र ने सीबीएसई को मेल किया कि एकाउंटेंसी में तीन अंक से कंपार्टमेंट लग गया। आर्थिक अभाव था। ऐसे में कोचिंग भी नहीं कर पाया। पापा गुजर गए। ऐसे में मैं ट्रोमा में चला गया। इस बीच मां-बड़े भाई ने भी साथ छोड़ दिया। इस वजह से मेरी पढ़ाई बहुत अच्छे ढंग से नहीं हो पाई। बाकी सभी विषय में तो वह पास कर गया, लेकिन एकाउंटेंसी में रह गया। अगर इसमें सुधार नहीं हुआ तो मैं अलग रास्ता सुसाइड का अपनाऊंगा। एक्सपर्ट ने लगातार छात्र की काउंसिलिंग की। इसके बाद संबंधित छात्र की मनोस्थिति में सुधार आया। काउंसलर डॉ. प्रमोद कुमार ने बताया कि छात्र की लगातार काउंसिलिंग की गई। विपरित परिस्थिति में छात्र भावनात्मक रूप से टूटा हुआ था। उसका आत्मविश्वास लौट रहा है। लगातार बात कर रहे हैं। केस 2 मरने के अलावा कोई रास्ता नहीं दिखता, कंपार्ट लगने के बाद जीवन बर्बाद 12वीं की एक छात्रा ने सीबीएसई को मेल किया कि मुझे चार अंक से कंपार्ट लगा है। प्लीज ग्रेस अंक देकर पास कर दिजीए, नहीं तो मेरा जीवन बर्बाद हो जाएगा। मेरे घर वाले हमेशा मुझे ताना मारते हैं कि सीबीएसई में पढ़ने का शौक था, मगर पास भी नहीं हो पाई। मुझे मरने के अलावा कोई रास्ता नहीं दिख रहा। एक्सपर्ट ने कहा कि इच बच्ची के दिए नंबर पर कॉल कर अभिभावक से भी लगातार बात की जा रही। बच्ची काफी मनोवैज्ञानिक दवाब में है। हमने उसे समझाया कि आप पहले कॉपी निकाल कर देख लिजीए। इसके बाद भी कई विकल्प हैं।
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