भारतीय दर्शन हमें प्रज्ञावान बनाती है : डॉ. राजीव
मुजफ्फरपुर में आरडीएस कॉलेज के दर्शनशास्त्र विभाग द्वारा भारतीय दार्शनिक दिवस और बुद्ध पूर्णिमा पर ‘भारतीय दर्शन में ज्ञान का स्वरूप’ विषय पर व्याख्यान आयोजित किया गया। मुख्य वक्ता प्रो. राजीव कुमार...

मुजफ्फरपुर, प्रमुख संवाददता। आरडीएस कॉलेज के दर्शनशास्त्र विभाग के तत्वावधान में बुधवार को भारतीय दार्शनिक दिवस व बुद्ध पूर्णिमा के उपलक्ष्य में ‘भारतीय दर्शन में ज्ञान का स्वरूप विषय पर व्याख्यान हुआ। मुख्य वक्ता स्नातकोत्तर दर्शनशास्त्र विभाग के आचार्य प्रो. राजीव कुमार ने कहा कि भारतीय दर्शन हमें प्रज्ञावान बनाती है। बताया कि प्रज्ञा एक महत्वपूर्ण अवधारणा है जो ज्ञान, समझ और अंतर्दृष्टि के माध्यम से वास्तविकता की गहरी समझ प्राप्त करने में मदद करती है। मुख्य अतिथि एवं विवि दर्शनशास्त्र विभाग के अध्यक्ष डॉ. सरोज कुमार वर्मा ने कहा कि भारतीय दर्शन में ज्ञान समन्वयवादी है। सत्य ज्ञान के स्वरूप को केवल तात्विक चिंतन तक सीमित नहीं करता बल्कि यह जीवन के सभी समस्याओं का समाधान करती है।
अध्यक्षता करते हुए प्राचार्य डॉ. अनिता सिंह ने अतिथियों का स्वागत किया और कहा कि दर्शन मानव जीवन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। विषय प्रवेश कराते हुए दर्शनशास्त्र विभाग की अध्यक्षा डॉ. अनुराधा पाठक ने कहा कि भारतीय दर्शन ज्ञान की एक व्यापक प्रणाली है, जो सत्य, अस्तित्व और मानव जीवन के अर्थ के बारे में मूलभूत प्रश्नों को संबोधित करती है। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन से की गई। प्राचार्य और विभागाध्यक्ष ने अतिथियों को पुष्पगुच्छ एवं अंग वस्त्रम देकर सम्मानित किया। मौके पर डॉ. रमेश प्रसाद गुप्ता, डॉ. नीलिमा झा, डॉ. सत्येंद्र प्रसाद सिंह, डॉ. संजय कुमार सुमन, डॉ. राजीव कुमार, डॉ. पूनम कुमारी सिंह, डॉ. रजनीकांत पांडे, डॉ. आयशा जमाल, डॉ. आनंद प्रकाश दुबे, डॉ. नीरज मिश्रा, डॉ. मंजरी आनंद, डॉ. देवेंद्र प्रताप तिवारी, डॉ. सौरभ राज, डॉ. कृतिका वर्मा, डॉ. आरती मित्रा, डॉ. ललित किशोर आदि ने विचार रखे। मंच संचालन डॉ. स्नेहलता और धन्यवाद डॉ. मंजरी आनंद ने किया।
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