अपार कार्ड से खुल रहा खेल, हजारों बच्चों का दोहरे नामांकन
मुजफ्फरपुर में कई छात्रों का एक ही समय में दो स्कूलों में नामांकन हो रहा है। यह समस्या केवल बिहार में ही नहीं, बल्कि हरियाणा और पंजाब जैसे राज्यों में भी है। 20 हजार से अधिक बच्चे ऐसे हैं जिनका नाम दो...

मुजफ्फरपुर। प्रमुख संवाददाता एक ही छात्र हरियाणा के साथ बिहार के स्कूल में भी नामांकित है। अपार से दोहरे नामांकन का यह खेल खुल रहा है। हजारों बच्चों का दो-दो स्कूलों में नाम दर्ज है। दो राज्य ही नहीं, दो जिले और प्रखंडों में भी दोहरे नामांकन वाले बच्चे मिले हैं। मुजफ्फरपुर जिले में ऐसे बच्चों की संख्या 20 हजार से अधिक हैं जिनका अपार बनना दोहरे नामांकन के कारण लटका है। इनमें से 50 फीसदी बच्चे ऐसे हैं जिनका परमानेंट एजुकेशन नंबर (पेन) स्कूलों के पास नहीं हैं। वहीं, जिनका पेन है, उनके अपार के लिए जब इसका मिलान किया जा रहा तो यह खुलासा हो रहा है।
पोर्टल पर नाम डालने पर पहले से दूसरे स्कूल में ये बच्चे नामांकित दिख रहे हैं। केवल मुजफ्फरपुर ही नहीं, सूबे के सभी जिलों में बड़ी संख्या में दो-दो जगह नामांकित बच्चे सामने आ रहे हैं। दूसरे स्कूलों में चला गया बच्चा, पर अब भी पहले वाले में नाम दर्ज : मुशहरी के प्राथमिक स्कूल के प्रभारी ने बताया कि हमारे यहां जितने बच्चे नामांकित हैं, उन सभी के अभिभावकों को लगातार अपार बनवाने को बुलवाया जा रहा। एक स्कूल में दर्जनों बच्चे ऐसे हैं, जिनके अपार को लेकर जब पेन डाला गया तो पता चला कि ये बच्चे हरियाण, पंजाब जैसे राज्यों में नामांकित हैं। जब यहां मौजूद अभिभावक से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि बच्चा एक महीना पहले पिता के साथ चला गया और अब वहां के स्कूल में नाम लिखा लिया है। इधर, गांव में रह रही उसकी मां नाम नहीं काटने की गुहार लगा रही है। ऐसे बच्चों का नाम काटा जा रहा है। जिले में नौ लाख में से साढ़े सात लाख बच्चों का बना है अपार जिले में पहली से 12वीं तक के सरकारी से लेकर निजी स्कूलों में नौ लाख बच्चों का अपार बनना है। इसमें से करीब साढ़े सात लाख बच्चों का अपार बन पाया है। संभाग प्रभारी अर्जुन कुमार ने कहा कि इसमें लगभग एक लाख बच्चे ऐसे हैं जो दूसरे प्रखंड, जिला या राज्य के स्कूलों में चले गए हैं, लेकिन उनका नाम पहले वाले स्कूल से हटा नहीं है। इन बच्चों का नाम अब ड्रॉप बॉक्स में है। जिन बच्चों के पेन से दोहरे नामांकन का मामला सामने आ रहा है, उनका नाम हटाया जा रहा है। यही नहीं, ऐसे बच्चे भी हैं जो दूसरे राज्य में नामांकित हो गए हैं, लेकिन अब भी इस जिले के ड्रॉप बॉक्स से नाम नहीं हटने से दूसरी जगह उनका अपार नहीं बन पा रहा है।
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