बाजारों में पिंक टॉयलेट, फ्री हेल्थ चेकअप व सस्ती दर पर लोन मिले
समस्तीपुर में महिलाओं के लिए सार्वजनिक शौचालयों की कमी गंभीर समस्या बन गई है। कई महिलाएं खुले में शौच जाने को मजबूर हैं, जिससे उन्हें शर्मिंदगी का सामना करना पड़ता है। गंदे शौचालयों और सुरक्षा की कमी...
समस्तीपुर। समस्तीपुर में निजी व सरकारी दफ्तरों से लेकर बाजारों तक में महिलाओं के लिए शौचालय की व्यवस्था नहीं है। कई बार उन्हें रेलवे लाइन किनारे खुले में शौच जाना पड़ता है। इससे शर्मिंदगी झेलनी पड़ती है। कई दफ्तरों में भी महिलाओं के लिए शौचालय नहीं है। शहर में पे-एंड-यूज शौचालय हैं लेकिन वहां गंदगी अधिक रहती है। महिलाओं की शिकायत है कि पुलिस गश्त नहीं होती है। इससे सुरक्षा संबंधी खतरों से जूझना होता है। हम व्यवसाय शुरू करना चाहें तो सस्ती दर पर लोन उपलब्ध नहीं होता है। लोन के लिए सिंगल विंडाे सिस्टम लागू होना चाहिए। साल में एक बार नि:शुल्क स्वास्थ्य चेकअप होना चाहिए।
शहर के बाजारों में सार्वजनिक शौचालय की व्यवस्था बहुत ही खराब है। इससे लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। स्वच्छता के दृष्टिकोण से भी सार्वजनिक शौचालय जरूरी है। स्वच्छ भारत अभियान के तहत सरकार भी सार्वजनिक शौचालयों की संख्या बढ़ा रही है, लेकिन जमीनी स्तर पर स्थिति खराब है। हालांकि, नगर निगम की मेयर अनीता राम ने बताया कि कुछ चिह्नित स्थानों पर सार्वजनिक शौचालय निर्माण और रखरखाव के लिए पैसे का भुगतान किया जा चुका है, कई जगहों पर शुभारंभ भी किया जा चुका है। गौरतलब हो कि शहर के मारवाड़ी बाजार, स्टेशन रोड, गोला रोड, रामबाबू चौक, बसंत मार्केट, गुदरी बाजार जैसी भीड़-भाड़वाली जगहों पर सार्वजनिक शौचालय नहीं होने से मार्केट में खरीदारी करने आई महिलाएं और छोटे बच्चों को ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ता है। शहर से सटे मालगोदाम चौक स्थित कुरेरी समाज के लोग रेलवे ट्रैक किनारे व बाइपास बांध किनारे बीस फिट्टा में बसे लोग आज भी नदी किनारे शौच के लिए जाते हैं। शहर के कुछ इलाकों में सार्वजनिक शौचालय हैं तो वह जर्जर स्थिति में है। वहां नो तो पानी कि कोई व्यवस्था और ना ही साफ-सफाई होती है। इन जर्जर शौचालयों को देखने वाला कोई नहीं है। शहर में इन दिनों आधे दर्जन पे एंड यूज सार्वजनिक शौचालय चल रहे हैं। इन सबों की स्थिति कुछ अच्छी भी नहीं है। महिलाओं ने बताया कि गुदरी बाजार, मारवाड़ी बाजार, गोला रोड में हमेशा भीड़ लगी रहती है। जिलेभर के लोग इस मंडी में खरीदारी करने आते हैं। यहां कोई भी सार्वजनिक शौचालय नहीं है। शहर में हजारों लोग हर दिन सार्वजनिक शौचालय की कमी से जूझ रहे हैं। इससे उन्हें खुले स्थानों या किसी निजी व्यक्ति के घरों में शौच के लिए जाना पड़ता है। वहीं गंदे सार्वजनिक शौचालयों का उपयोग करना शहरवासियों के लिए और भी मुश्किल हो जाता है, क्योंकि गंदगी और दुर्गंध से भरे ये शौचालय एक अस्वास्थ्यकर माहौल पैदा करते हैं। अच्छी स्वच्छता और सुविधा के बिना इन शौचालयों का उपयोग करने के बजाय लोग खुले में शौच करने के लिए मजबूर होते हैं, जो सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए एक बड़ी चुनौती है। अंशुल गुप्ता ने बताया की सुबह-सुबह बूढ़े गंडक नदी किनारे लोग खुले में शौच करते दिखाई देते हैं। स्वच्छ और सुरक्षित हो शौचालय : बाजार में खरीदारी कर रही महिलाओं ने बताया कि शहर के बाजारों में खरीदारी करने सैकड़ों की संख्या में हर हरोज महिलाएं आती हैं, लेकिन सार्वजनिक शौचालयों की कमी के कारण घर जाने तक का इंतजार करना पड़ता है। पुरुष लोग बाजार में खुले का इस्तेमाल कर भी लेते है, जबकी महिलाओं को काफी परेशानी है। यह समस्या शहर में महिलाओं की स्वतंत्रता और सुरक्षा के अधिकारों को भी प्रभावित करती है। महिलाओं के लिए स्वच्छ और सुरक्षित शौचालयों की उपलब्धता एक मौलिक आवश्यकता है। नगर निगम को इस ओर तत्काल कदम उठाने चाहिए ताकि महिलाओं को सार्वजनिक स्थानों पर शौच के लिए जाने में सुरक्षा का भरोसा मिले। महिलाओं की सुरक्षा और स्वच्छता सुनिश्चित करना समाज की जिम्मेदारी है। बोले-जिम्मेदार शहर में कुछ स्थानों पर सार्वजनिक शौचालय मौजूद हैं, लेकिन बाजार क्षेत्र में खाली जमीन की कमी के कारण यहां शौचालय की सुविधा उपलब्ध नहीं हो पाई है। इसके लिए नगर निगम द्वारा खाली जमीन की तलाश की जा रही है। जैसे ही उपयुक्त जमीन मिलती है, वहां सार्वजनिक शौचालय का निर्माण कराया जाएगा। महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों को खुले में शौच करने के लिए मजबूर न होना पड़ेगा। साथ ही, सार्वजनिक स्वास्थ्य और स्वच्छता बनाए रखने के लिए यह व्यवस्था बहुत जरूरी है। -अनीता राम, मेयर, समस्तीपुर नगर निगम
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