पीएम मोदी के हाथों मिली अरबों की सौगात, बिजली उत्पादन में आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ा यूपी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कानपुर से यूपी को अरबों की सौगात दी। इन सौगातों से बिजली उत्पादन में उत्तर प्रदेश आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ गया।

उत्तर प्रदेश को ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनर्भिर बनाने की दिशा में शुक्रवार को एक नया इतिहास रचा गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कानपुर में प्रदेश को 44,000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली तापीय वद्यिुत परियोजनाओं की सौगात दी। इन परियोजनाओं से प्रदेश में न सर्फि 24.89 प्रतिशत उत्पादन क्षमता में वृद्धि होगी, बल्कि इससे औद्योगिक, कृषि और सामाजिक विकास को नई ऊर्जा मिलेगी। इन परियोजनाओं से प्रदेश की उत्पादन क्षमता में अभूतपूर्व वृद्धि होगी, जो प्रदेश की बढ़ती ऊर्जा आवश्यकताओं की पूर्ति में अहम योगदान देगा। उत्तर प्रदेश अब ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र में केवल उपभोक्ता नहीं, बल्कि उत्पादक राज्य के रूप में उभर रहा है।
इन तापीय परियोजनाओं के शुभारंभ से प्रदेश को बड़े लाभ होंगे। सबसे महत्वपूर्ण लाभ बिजली के क्षेत्र में आत्मनर्भिरता को लेकर होगा। 2017 तक उत्तर प्रदेश की कुल वद्यिुत उत्पादन क्षमता 15,916 मेगावाट थी। योगी सरकार ने इसे बढ़ाकर 24,868 मेगावॉट तक पहुंचा दिया है और इस वर्ष के अंत तक यह क्षमता 27,184 मेगावॉट हो जाएगी। सभी नई परियोजनाओं में सुपरक्रिटिकल तकनीक का उपयोग किया गया है, जिससे कम कोयले में ज्यादा बिजली बनती है। इससे कार्बन उत्सर्जन में उल्लेखनीय कमी आई है और पर्यावरण संरक्षण को बल मिला है।
इन परियोजनाओं से प्रदेश के राजस्व में भी उल्लेखनीय वृद्धि होगी। नई परियोजनाओं से उत्पादित बिजली का 75.11 प्रतिशत हस्सिा उत्तर प्रदेश में और 24.89 प्रतिशत असम को भेजा जाएगा। इससे प्रदेश को राजस्व प्राप्त होगा और ऊर्जा वितरण में संतुलन बनेगा। इसका लाभ हर वर्ग को मिलेगा। बिजली आपूर्ति की मजबूती से कृषि कार्यों, घरेलू उपभोक्ताओं और औद्योगिक इकाइयों को सीधा लाभ मिलेगा। सिंचाई सस्ती होगी, फैक्ट्रियों का उत्पादन बढ़ेगा और घरों में नर्बिाध बिजली उपलब्ध होगी।
इन परियोजनाओं के नर्मिाण और संचालन से हजारों युवाओं को रोजगार मिला है। साथ ही इन परियोजना क्षेत्रों में सड़क, जल, स्वास्थ्य और शक्षिा जैसे आधारभूत ढांचे का भी विकास हो रहा है। आगामी 10 वर्षों के लिए योगी सरकार ने 10,795 मेगावाट तापीय ऊर्जा और 28,000 मेगावाट नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन की व्यापक योजना बनाई है। इससे न केवल प्रदेश ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनर्भिर होगा, बल्कि यह राष्ट्रीय ऊर्जा आपूर्ति का एक मजबूत स्तंभ भी बनेगा।