Fraudulent Appointments Exposed at BRABU Six Staff Members Face Legal Action नियमितीकरण की मांग करने आये विवि कर्मी, जांच में बहाली निकली फर्जी, Muzaffarpur Hindi News - Hindustan
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नियमितीकरण की मांग करने आये विवि कर्मी, जांच में बहाली निकली फर्जी

बीआरएबीयू में छह कर्मियों की नियुक्ति अवैध पाई गई है। वे नियमितीकरण की मांग करने पहुंचे थे, लेकिन जांच में उनकी नियुक्ति फर्जी निकली। बिना डिस्पैच नंबर के इन कर्मियों को वेतन मिल रहा था। विवि प्रशासन...

Newswrap हिन्दुस्तान, मुजफ्फरपुरWed, 11 June 2025 07:32 PM
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नियमितीकरण की मांग करने आये विवि कर्मी, जांच में बहाली निकली फर्जी

मुजफ्फरपुर, प्रमुख संवाददाता। चौबे गए छब्बे बनने, दुबे बन के लौटे वाली कहावत बीआरएबीयू के छह कर्मियों पर चरितार्थ हो गई है। एक अंगीभूत कॉलेज के छह कर्मी अपनी सेवा नियमितीकरण की मांग को लेकर विवि पहुंचे। विवि की जांच में खुलासा हुआ कि उनकी बहाली ही फर्जी है। कहां तो मांग नियमितीकरण की थी और अब कानूनी कार्रवाई के सामना की नौबत आ गई है। एक अंगीभूत कॉलेज में दैनिक वेतनभोगी कर्मियों की नियुक्ति में अनियमितता सामने आई है। विवि प्रशासन की जांच में यह गड़बड़ी पकड़ी गई है। कॉलेज में आधे दर्जन कर्मियों का डिस्पैच नंबर विवि में मौजूद नहीं है।

ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि बिना डिस्पैच नंबर के ही इन कर्मचारियों की नियुक्ति हो गई। यह एक तरह की अवैध नियुक्ति का मामला है। बीआरएबीयू के रजिस्ट्रार प्रो. संजय कुमार का कहना है कि यह मामला तब सामने आया जब ये कर्मचारी नियमित करने की मांग को लेकर पहुंचे। जब इन कर्मचारियों के डिस्पैच नंबर की जांच की गई तो वह नहीं मिली। सूत्रों के अनुसार बिना जांच-पड़ताल के इन कर्मियों को महीनों से वेतन भी मिल रहा है। विवि प्रशासन प्रथम दृष्टया इसे गलत मान रहा है। वह इस मामले की जांच में जुटा है। विवि में पुराना है अवैध नियुक्तियों का खेल बीआरएबीयू में अवैध नियुक्तियों का मामला काफी पुराना है। कुछ वर्षों पहले रजिस्ट्रार के फर्जी साइन से कुछ लोग कॉलेजों में योगदान करने पहुंच गये थे। जब कॉलेजों ने इस बारे में विवि के तत्कालीन रजिस्ट्रार से जानकारी मांगी तो वह भी सकते में आ गये। उन्होंने कहा कि उन्होंने किसी भी कर्मचारी की नियुक्ति नहीं की है। जो नियुक्ति पत्र दिखाये जा रहे हैं, उनपर उनके फर्जी हस्ताक्षर हैं। इसके बाद कॉलेजों ने उन कर्मचारियों की ज्वाइनिंग लेने से इनकार कर दिया। नियुक्तियों के खेल से परेशान होकर तत्कालीन कुलपति प्रो. हनुमान प्रसाद पांडेय ने अपने कार्यकाल के अंतिम समय में राजभवन को यह लिखकर भेज दिया था कि उन्होंने बीआरएबीयू में किसी भी प्रकार की नियुक्ति नहीं की है। परीक्षा विभाग में भी नियुक्ति पर उठ रहे सवाल बीआरएबीयू के परीक्षा विभाग में पिछले दिनों हुई कुछ कर्मचारियों की नियुक्ति पर भी सवाल उठ रहे हैं। सूत्रों ने बताया कि जिन लोगों को योगदान कराया गया, उनमें कुछ लोगों की उपस्थिति पंजी पर हस्ताक्षर नहीं है। फिर किस तरह से यह कर्मचारी विवि में बने रहे। सूत्रों का यह भी कहना है कि अगर इन कर्मचारियों को वेतन गया तो यह एक तरह की वित्तीय अनियमितता का मामला है। विवि में एक फाइल भी हो गई थी गुम बीआरएबीयू में पिछले दिनों एक फाइल भी गुम हो गई थी। यह फाइल एक एजेंसी से भुगतान से संबंधित थी। इस मामले में एक अधिकारी को शोकॉज भी किया गया था। अधिकारी ने ही फाइल रीसिव की थी और अब विवि के पास फाइल की मूल प्रति न होकर उसकी सिर्फ फोटो कॉपी ही बची थी। इसलिए विवि उस फाइल को खोज रहा था।

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