परीक्षा में सेंटर पर कार्यरत कर्मियों से पूछताछ
मुजफ्फरपुर में मद्य निषेध एसआई भर्ती परीक्षा के दौरान बायोमेट्रिक जांच करने वाले ऑपरेटर को बदलने का मामला सामने आया है। पुलिस अब सेंटर की वीडियो ग्राफी की जांच करेगी ताकि यह पता चल सके कि परीक्षा में...

मुजफ्फरपुर, प्रमुख संवाददाता। मद्य निषेध एसआई (दत्पाद दारोगा) भर्ती की प्रारंभिक परीक्षा में एमएसकेबी सेंटर पर बायोमेट्रिक जांच करने वाले ऑपरेटर को बदल देने के मामले में रविवार को आईओ दारोगा उमेश कुमार सिंह ने सेंटर पर तैनात कर्मियों को बुलाकर पूछताछ की। दो कर्मियों से दारोगा ने पूछा आखिर क्या स्थिति बनी कि सेंटर पर ऑपरेटर को बदल दिया गया। इसमें कोई गड़बड़ी हुई या नहीं। पूछताछ के बाद पुलिस अब सेंटर के वीडियो ग्राफी की भी जांच की जायेगी। ताकि यह पता चल सके कि परीक्षा में कोई फर्जी अभ्यर्थी तो नहीं शामिल हुआ। हालांकि, सेंटर पर अभ्यर्थियों के वीडियो में हर परीक्षार्थी के चेहरे का मिलान कर पाना पुलिस के लिए काफी पेचीदा होगा।
अब इस मामले में एसडीपीओ टाउन वन सीमा देवी के सुपरवीजन निर्देश के आधार पर आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई हो पायेगी। बता दें कि बीते 18 मई को मद्य निषेध एसआई की बहाली के लिए परीक्षा ली गई थी। इसमें बायोमेट्रिक जांच करने वाली निजी एजेंसी ने भोजपुर पुलिस लाइन के समीप के निवासी संजय कुमार को जिला हेड बनाया था। वहीं एमएसकेबी सेंटर के लिए चंदवारा आनंदबाग निवासी रघुराम ठाकुर को सुपरवाइजर और इसके पिता शिवनाथ ठाकुर को ऑपरेटर बनाया गया था। लेकिन, सेंटर पर शिवनाथ ठाकुर नहीं आए। उनकी जगह इंटर के छात्र राजन कुमार को ऑपरेटर बनाकर काम लिया गया। हालांकि राजन कुमार का कहना है कि उसे दो दिन पहले ही सेंटर पर काम के लिए आने की बात रघुराम ने कही थी। यह भी बताया था कि काम करने पर 500 रुपये मिलेंगे। राजन का कहना है कि उसे बायोमेट्रिक जांच करने का कोई पूर्व अनुभव नहीं रहा है। इस तरह आपरेटर बदलने के पीछे जिला हेड संजय कुमार ने कदाचार करने की आशंका एफआईआर में व्यक्त की है।
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