आबादी दोगुनी हो गई, 70 फीसदी कम हो गए निगम के कर्मी
मुजफ्फरपुर में पिछले 44 वर्षों में जनसंख्या दोगुनी हो गई है, लेकिन नगर निगम में कर्मचारियों की संख्या 70 प्रतिशत घट गई है। वर्तमान में केवल 233 नियमित कर्मी हैं, जिसके कारण बुनियादी सुविधाओं का संचालन...

मुजफ्फरपुर, वरीय संवाददाता। शहर की आबादी बीते 44 वर्षों में दोगुनी हो गई और निगम में कर्मचारियों की संख्या बढ़ने की बजय घटती गई। हालत यह है कि सड़क, नाला, पानी, स्ट्रीट लाइट व अन्य बुनियादी संसाधनों का संचालन करने वाले निगमकर्मियों की संख्या करीब 70 प्रतिशत तक कम हो गई। वर्ष 1981 में मुजफ्फरपुर नगरपालिका के 28 वार्डों की जनसंख्या 2.51 लाख थी। तब 921 कर्मी कार्यरत थे। वर्ष 2002 में नगर निगम बनने के साथ ही वार्डों की संख्या 32 हो गई। वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार आबादी 3.54 लाख थी। 2012 में निगम का विस्तार हुआ और 17 नए वार्ड जोड़े गए।
वर्तमान में कुल 49 वार्ड के साथ आबादी करीब पांच लाख होने का अनुमान है। हालांकि, निगम में नियमित कर्मियों की संख्या 233 (कुली से प्रधान सहायक तक) ही बची है। कर्मियों की कमी को दूर करने के लिए दैनिक वेतनभोगी और आउटसोर्सिंग कर्मियों से काम चलाया जा रहा है। कर्मियों की कमी से कामकाज में भी देरी होती है। फिलहाल, 30 क्लर्क के बदले महज 22 ही उपलब्घ हैं। निगम के अंतर्गत आयोजना क्षेत्र जुड़ गया पर इंजीनियरों की संख्या नहीं बढ़ी। इससे आयोजना क्षेत्र से जुड़े नक्शे के निष्पादन में देरी होती है। 25 फीसदी इलाके में जलापूर्ति की सुविधा नहीं वर्तमान में कई गली-मोहल्लों में बुनियादी सुविधा का अभाव है। 49 वार्डों में 800 से अधिक कच्चे नाले और सड़कें हैं। इनमें वार्ड 2, 12 व 47 से जुड़ी 200 से अधिक सड़कें और नाले शामिल हैं। वार्ड पार्षद संजय केजरीवाल के मुताबिक 25 फीसदी इलाके में जलापूर्ति की सुविधा नहीं मिल रही है। 20 फीसदी इलाके में स्ट्रीट लाइट का अभाव है। खासकर ग्रामीण परिवेश से शामिल वार्डों में बुरा हाल है। इस मामले को निगम बोर्ड की बैठक में भी उठाया गया पर बोर्ड से पास योजनाएं भी लागू नहीं हो पाती है। नए सिरे से क्षेत्राधिकार बढ़ाने की तैयारी करीब 13 साल बाद नए सिरे से निगम का क्षेत्राधिकार बढ़ाने की कवायद चल रही है। इसको ध्यान में रखते हुए निगम के स्तर से भविष्य की योजनाएं बनाई जा रही है। प्रस्तावित विस्तार के वाद निगम क्षेत्र के अंतर्गत वार्डों की संख्या 75 तक हो सकती है। साथ ही आबादी करीब 8.5 लाख तक हो जाएगी। चतुर्थवर्गीय कर्मियों की बहाली बंद सरकार के स्तर से चतुर्थवर्गीय कर्मियों की बहाली बंद कर दी गई। बदले में आउसोर्सिंग कर्मी या मानव बल रखे गए। हालांकि, इसकी आड़ में मनमानी व गड़बड़ी के आरोप लग रहे हैं। बिहार लोकल बॉडीज इम्प्लाइज फेडरेशन के प्रदेश महामंत्री अशोक कुमार सिंह के मुताबिक आउटसोर्सिंग की आड़ में धांधली हो रही है। यहां निगम कार्यालय में 25 कर्मियों को रखना है और वर्तमान में 64 कर्मी रखे गए हैं। मुजफ्फरपुर के अलावा अन्य नगर निकायों में भी आउटसोर्सिंग की आड़ में कई स्तरों पर हो रही गड़बड़ी की शिकायत नगर विकास व आवास विभाग से की गई है।
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