Muzaffarpur Lake Polluted by Sewage and Medical Waste Amid Smart City Development करोड़ों खर्च कर संवारे जा रहे मन में बहाए जा रहे नाले, Muzaffarpur Hindi News - Hindustan
Hindi NewsBihar NewsMuzaffarpur NewsMuzaffarpur Lake Polluted by Sewage and Medical Waste Amid Smart City Development

करोड़ों खर्च कर संवारे जा रहे मन में बहाए जा रहे नाले

मुजफ्फरपुर के सिकंदरपुर में स्मार्ट सिटी योजना के तहत लेक फ्रंट सौंदर्यीकरण का काम चल रहा है, लेकिन नाले का गंदा पानी और मेडिकल कचरा मन में गिराया जा रहा है। इससे पानी प्रदूषित हो रहा है, जो जलीय जीवन...

Newswrap हिन्दुस्तान, मुजफ्फरपुरFri, 30 May 2025 05:53 PM
share Share
Follow Us on
करोड़ों खर्च कर संवारे जा रहे मन में बहाए जा रहे नाले

मुजफ्फरपुर, वरीय संवाददाता। नाले के गंदा पानी को सिकंदरपुर मन में गिराया जा रहा है। एक तरफ मन को संवारने के लिए स्मार्ट सिटी योजना के तहत सिकंदरपुर लेक फ्रंट सौंदर्यीकरण के करोड़ों के प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है। दूसरी ओर नाले के पानी को मन में गिराकर उसे गंदा किया जा रहा है। जूरन छपरा/डेरा गांव से लेकर ब्रह्मपुरा नूनफर मोहल्ले के बीच चार जगहों पर यह स्थिति है। नालों से लगातार गंदा पानी के साथ प्लास्टिक व अन्य कचरा मन में गिर रहा है। संबंधित एरिया में फिलहाल मिट्टी भराई का काम चल रहा है। इसके बाद वहां जल्द ही पाथ-वे आदि का निर्माण कार्य शुरू होगा।

पाथ-वे बनने के बाद लोग इस पर सैर करने के साथ सुबह-शाम टहलेंगे। वहीं, नीचे मन के किनारे या पानी में बीमारियों का बसेरा होगा। ऐसे में टहलने आने वाले लोगों के संक्रामक बीमारियों की चपेट में आने का खतरा होगा। संबंधित एरिया में नौका विहार (बोटिंग) भी होगा। ऐसे में दुर्गंध के कारण यहां सांस लेना भी मुहाल होगा। वर्तमान में नाले के मुहाने पर फैली गंदगी के कारण उसके आसपास खड़ा होना भी मुश्किल है। स्थानीय निवासी राजू, मोहन सहनी व अन्य ने बताया कि लंबे समय से यह स्थिति है। दूसरा कोई विकल्प नहीं होने के कारण नाले का पानी मन में ही गिराया जा रहा है। मन के पानी में पहुंच रहा मेडिकल कचरा भी : मन का संबंधित हिस्सा सघन रिहायशी व व्यावसायिक इलाके के साथ मेडिकल हब से भी जुड़ा हुआ है। कुछ स्थानीय लोगों के मुताबिक इन्हीं नालों के जरिए मेडिकल कचरा भी मन के पानी में पहुंच रहा है। लोगों की नजरों से बचने के लिए यह काम चोरी-छिपे किया जाता है। इसके बावजूद नाले के पानी की निकासी को रोकने के लिए अब तक कोई प्रभावी पहल निगम या प्रशासनिक स्तर से नहीं की गई है। पानी हो रहा प्रदूषित, जलीय जीवन पर खतरा नाले के गंदे पानी व मेडिकल कचरा से मन का पानी प्रदूषित हो रहा है। इससे जलीय जीवन पर भी खतरा है। पिछले साल भीषण गर्मी के बीच संगम चौक से रामेश्वर सिंह कॉलेज के बीच मन के एक हिस्से में लाखों की मछलियां मर गई थीं। तब जिला मत्स्य विभाग की ओर से कराई गई जांच में पानी में कचरा, गंदगी-जलकुंभी आदि के कारण हुए प्रदूषण के बीच ऑक्सीजन की कमी से मछलियों के मरने की बात सामने आई थी। 139 करोड़ के प्रोजेक्ट से हो रहा सौंदर्यीकरण : स्मार्ट सिटी के 139 करोड़ के प्रोजेक्ट के अंतर्गत मन को तीन हिस्सों (लेक एक, दो व तीन) में बांट कर सौंदर्यीकरण का काम किया जा रहा है। इसके तहत पाथ-वे, ग्रीन जोन, साइकिल ट्रैक, बोट क्लब, कम्युनिटी हॉल व अन्य निर्माण कार्य हो रहे हैं। बयान :: एसटीपी चालू होने पर नाले का पानी मन में गिरना बंद हो जाएगा। किचेन-बाथरूम का पानी सीवरेज पाइपलाइन, मेनहोल आदि के जरिए निकलते हुए एसटीपी में चला जाएगा। फिलहाल, मन में गिर रहे नाले के पानी को रोकने पर परेशानी होगी। एसटीपी, पाइपलाइन बिछाने व घरों को कनेक्ट करने का काम अंतिम चरण में है। -प्रेमदेव शर्मा, सीनियर मैनेजर, एमएससीएल ---- प्रदूषण से सिकंदरपुर मन का केमिकल कंपोजीशन बदल जाएगा। पानी में ऑक्सीजन कम होगा। कचरा में आर्गेनिक उत्पाद होने से माइक्रोव विकसित होकर ऑक्सीजन सोखने लगता है। इससे जलजीव मरने लगते हैं। कचरे में न्यूट्रियन्स से होने वाले न्यूट्रिफिकेशन से जलकुंभी उगने के साथ ही तेजी से बढ़ते हैं। नतीजतन सूर्य का प्रकाश पानी के अंदर तक नहीं पहुंच पाता। प्रकाश संश्लेषण रुकने पर जलीय जीव के लिए घातक स्थिति होगी। एलर्जी, चर्म रोज व अन्य बीमारियां हो सकती हैं। -डॉ. प्रो. अरविंद कुमार, इंस्पेक्टर ऑफ कॉलेज साइंस, बीआरएबीयू

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।