मल्टी डिसिप्लिनरी कोर्स नहीं चलाने वाले दूसरे कॉलेजों से करेंगे एमओयू
एनसीटीई ने बीएड कॉलेजों को निर्देश दिया है कि उन्हें मल्टी डिसिप्लिनरी कोर्स चलाने के लिए अन्य कॉलेजों के साथ सहयोग करना होगा। बिना इन कोर्सों के, कॉलेजों की मान्यता समाप्त हो जाएगी। कॉलेजों को एमओयू...

मृत्युंजय, मुजफ्फरपुर। मल्टी डिसिप्लिनरी कोर्स नहीं चलाने वाले बीएड कॉलेजों को कोर्स चलाने वाले दूसरे कॉलेजों से सहयोग लेना होगा। एनसीटीई ने इस बारे में सभी बीए कॉलेजों को गाइडलाइन जारी किया है। नये सत्र में एनसीटीई ने सभी बीएड कॉलेजों को मल्टी डिसिप्लिनरी कोर्स चलाने का निर्देश दिया है। बिना इस कोर्स के बीएड कॉलेज नहीं चल सकेंगे। इसके तहत कॉलेजों को बीए बीएड और बीएससी बीएड के अलावा अन्य पारंपरिक कोर्स भी चलाने होंगे। एनसीटीई ने अपनी गाइडलाइन में कहा है कि अगर कॉलेज तत्काल मल्टी डिसिप्लिनरी कोर्स चलाने में सक्षम नहीं हैं तो वह अपने कॉलेज से दस किमी की परिधि में जो कॉलेज मल्टी डिसिप्लिनरी कोर्स चला रहे हैं, उनके साथ एमओयू कर लें।
एमओयू करने वाले दोनों कॉलेज एक ही विश्वविद्यालय के होने चाहिए। एनसीटीई ने कहा है कि कॉलेज एमओयू कर इसकी सूचना विश्वविद्यालय और एनसीटीई को भेज दें। एमओयू के बाद विवि से लेनी होगी मंजूरी एनसीटीई ने कहा है कि बीएड कॉलेजों के गठजोड़ के बाद उन्हें अपने विवि से मंजूरी लेनी होगी। बिना विवि की मंजूरी के एमओयू मान्य नहीं होगा। इसके अलावा दोनों बीएड कॉलेजों के शासी निकाय से भी इसे पास कराना होगा। एमओयू के बाद जिस कॉलेज में मल्टी डिसिप्लिनरी कोर्स नहीं चल रहे होंगे, उनमें कम से कम दो पारंपरिक विषयों की पढ़ाई करानी होगी। दोनों कॉलेजों को अपने एमओयू में कॉलेज के संसाधन, शिक्षक, कोर्स का जिक्र करना होगा। कॉलेजों के इस एमओयू की निगरानी एनसीईटी करेगा। पहले एनसीटीई को देना होगा आवेदन कॉलेजों को एमओयू से पहले एनसीटीई को ओवदन करना होगा। इस आवेदन के बाद एनसीटीई देखेगा कि जिस कॉलेज ने एमओयू का आवेदन दिया है, उसके पास क्या-क्या संसाधन हैं। क्या कॉलेज संसाधन रहने के बाद भी मल्टी डिसिप्लिनरी कोर्स नहीं चला रहा है। एनसीटीई की जांच के बाद एमओयू की प्रक्रिया शुरू होगी। एनसीटीई यह भी देखेगा कि कॉलेज दूसरे कॉलेज से एमओयू के बाद भी छात्रों को पारंपरिक कोर्स में पढ़ाई करा रहा है या नहीं। एनसीटीई के नियमों के उल्लंघन पाए जाने पर कॉलेज की मान्यता खत्म कर दी जाएगी। एनसीटीई ने एमओयू का प्रारूप किया जारी एनसीटीई ने एमओयू का प्रारूप भी जारी कर दिया है। इसी प्रारूप के हिसाब से कॉलेजों को एमओयू करना है। प्रारूप में बताया गया कि एमओयू की अवधि तय होगी। यह अवधि कॉलेज प्रशासन ही तय करेंगे। इसमें एमओयू करने का कारण और किस क्षेत्र में एमओयू किया जा रहा है, इसका उल्लेख रहेगा।
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