Non-Bailable Warrant Issued Against Former CO Manoj Kumar in Fake Lease Document Case लक्ष्मी भवन फर्जीवाड़ा मामले में सीओ के विरुद्ध गैरजमानतीय वारंट, Muzaffarpur Hindi News - Hindustan
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लक्ष्मी भवन फर्जीवाड़ा मामले में सीओ के विरुद्ध गैरजमानतीय वारंट

मुजफ्फरपुर में सूतापट्टी स्थित लक्ष्मी भवन के फर्जी लीज दस्तावेज मामले में तत्कालीन सीओ मनोज कुमार राम के खिलाफ गैरजमानतीय वारंट जारी किया गया है। विशेष न्यायालय ने आरोप तय करते समय उनकी अनुपस्थिति के...

Newswrap हिन्दुस्तान, मुजफ्फरपुरTue, 17 June 2025 04:52 AM
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लक्ष्मी भवन फर्जीवाड़ा मामले में सीओ के विरुद्ध गैरजमानतीय वारंट

मुजफ्फरपुर, हिन्दुस्तान प्रतिनिधि। सूतापट्टी स्थित लक्ष्मी भवन का फर्जी लीज दस्तावेज तैयार करने के मामले में मुशहरी के तत्कालीन सीओ मनोज कुमार राम के विरुद्ध गैरजमानतीय वारंट जारी किया गया। आरोप तय करते समय उपस्थित नहीं होने के कारण विशेष न्यायालय (निगरानी) ने यह कार्रवाई की। मामले में तत्कालीन सीओ सहित सात के विरुद्ध आरोप तय किया जाना है। इसमें नगर निगम के तत्कालीन प्रशासक दिनेश कुमार वर्मा, तत्कालीन तहसीलदार धीरेंद्र कुमार भट्ट, सीआई योगेंद्र राम, राजस्व कर्मचारी कपिलदेव पासवान व अरविंद पोद्दार भी शामिल हैं। विशेष कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 14 जुलाई की तिथि तय की है।

19 वर्ष पहले विशेष कोर्ट में दाखिल हुआ था परिवाद सूतापट्टी की आभा चौधरी ने 2006 में विशेष न्यायालय (निगरानी) में परिवाद दाखिल किया था। इसमें तत्कालीन सीओ मनोज कुमार सहित अन्य को आरोपित किया था। कहा था कि लक्ष्मी भवन की 7100 वर्गफीट जमीन उसके पिता विश्वनाथ चौधरी को बंटवारा से मिली थी। उसके पिता ने 12 अप्रैल, 1994 को मकान व जमीन को लेकर अरविंद पोद्दार से दस वर्ष का एग्रीमेंट किया था। इसमें मकान तोड़कर व्यावसायिक भवन बनाना था। इस पर 39 लाख रुपये की लागत आती, जिसे किरायेदारों से समायोजित की जानी थी। आरोप लगाया कि इस बीच जमीन व मकान हड़पने के लिए 26 मार्च, 1996 को अरविंद पोद्दार ने उसके पिता का जाली हस्ताक्षर बना फर्जी लीज दस्तावेज तैयार करा लिया। निगम के अधिकारियों व कर्मियों से मिलकर स्वतंत्र होल्डिंग नंबर कायम करा लिया। मुशहरी सीओ व कनीय कर्मियों की मिलीभगत से जमाबंदी पंजी में अपना नाम दाखिल करा लिया। परिवाद की सुनवाई के बाद विशेष न्यायालय निगरानी ने 14 दिसंबर, 2006 को इसकी जांच निगरानी अन्वेषण ब्यूरो को सौंपी। निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ने 19 नवंबर, 2018 को चार्जशीट दाखिल की थी।

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