बंदियों की ऑनलाइन पेशी की व्यवस्था होगी दुरुस्त
मुजफ्फरपुर में अब जेल से बंदियों की ऑनलाइन पेशी होगी। गृह विभाग ने इसके लिए इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को एक साल में और सुदृढ़ करने का निर्णय लिया है। इस वित्तीय वर्ष में इन उपकरणों की देखरेख पर साढ़े चार...

मुजफ्फरपुर, प्रमुख संवाददाता। जेल से बंदियों की ऑनलाइन पेशी होगी। इसके लिए गृह विभाग ने जेल और कोर्ट में लगे इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को एक साल के अंदर और अधिक सुदृढ़ व दुरुस्त करने का निर्णय लिया है। इस वित्तीय वर्ष में उपकरणों की देखरेख और उसके संचालन पर साढ़े चार करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। गृह विभाग ने इसकी मंजूरी दे दी है। मुजफ्फरपुर समेत सूबे में 111 जेल-कोर्ट में वीसी से बंदियों की पेशी की व्यवस्था है। अब सामान्य पेशी के लिए बंदियों को जेल से कोर्ट नहीं लाया जाएगा। जेल से ही वीसी के जरिए बंदी को कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।
पेशी के लिए जेल से बंदियों को कोर्ट लाने के दौरान कई तरह की समस्याएं सामने आती हैं। कोर्ट परिसर में आने वाले बंदी से मिलने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचते हैं। इस दौरान नियम के विरुद्ध बंदियों से मिलने वाले लोगों की तस्वीरें भी वायरल होती है। जेल मैनुअल के खिलाफ कई तरह की वस्तुएं कोर्ट से वापसी के बाद बंदी साथ में ले जाने की कोशिश करते हैं। वीसी से पेशी होने पर इस तरह की समस्या से छुटकारा मिलेगा। जेल से अब वैसे ही बंदी को ही कोर्ट में लाया जाएगा जिनकी पेशी जरूरी होगी। आरोप गठन, दौरा सपुर्दगी, ट्रायल के दौरान गवाहों के बयान और फैसला के समय बंदियों का कोर्ट में प्रस्तुत रहना अनिवार्य है। इसी समय बंदी की सदेह पेशी होगी। सामान्य पेशी के लिए बंदी को कोर्ट लाने की जरूरत नहीं रहेगी। गृह विभाग (कारा) के संयुक्त सचिव ने खर्च की मंजूरी देते हुए स्पष्ट किया है कि 111 जगहों पर लगे वीसी उपकरणों की रख-रखाव पर एक करोड़ 30 लाख 18 हजार, इसके संचालन के लिए रखे गए मैन पॉवर पर दो करोड़ 54 लाख 50 हजार रुपये, परियोजना परामर्शी एजेंसी की सेवा के लिए 30 लाख और 25 लाख मार्जिन मनी की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई है।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।