जंगलों से पेड़ों की कटाई धड़ल्ले से जारी, विभाग मौन
रजौली, संवाद सूत्रपर्यावरण संतुलन के लिए केंद्र और राज्य सरकारें सरकारी स्तर पर अभियान चलाकर जल जीवन हरियाली मिशन के तहत सरकारी और निजी जमीन में विभिन्न योजनाओं के तहत पेड़-पौधे लगा रही है।

रजौली, संवाद सूत्र पर्यावरण संतुलन के लिए केंद्र और राज्य सरकारें सरकारी स्तर पर अभियान चलाकर जल जीवन हरियाली मिशन के तहत सरकारी और निजी जमीन में विभिन्न योजनाओं के तहत पेड़-पौधे लगा रही है। सरकार अपने स्तर से नुक्कड़ नाटक एवं प्रचार-प्रसार के माध्यम से लोगों को पेड़ लगाने के लिए प्रेरित कर रही है। ताकि पर्यावरण संतुलन बना रहे। लेकिन इन दिनों रजौली वन क्षेत्र के पिछली गांव के जंगलों में झारखंड से आये आदिवासियों के द्वारा सैकड़ों एकड़ जंगली भूमि पर लगे हरे-हरे पेड़ों की कटाई धड़ल्ले से की जा रही है और वे उस जमीन पर घर बना रहे हैं।
जिसे रोकने में वन विभाग नाकाम साबित हो रहा है। कभी पेड़ों से ढंका रहने वाला क्षेत्र आज पेड़ विहीन होता जा रहा है। जिससे जंगली जानवरों को भी काफी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। वहीं जानकारों की मानें तो रजौली वन क्षेत्र में जिस तरह से आदिवासियों की जनसंख्या में लगातार वृद्धि हो रही है और जंगली पेड़ों की तेज रफ्तार से अंधाधुंध कटाई हो रही है। अगर कुछ दिन तक ऐसा ही चलता रहा तो कई क्षेत्र पेड़ विहीन हो जायेंगे। इन क्षेत्रों में रहने वाले जंगली जानवरों के अस्तित्व पर भी संकट आ जायेगा। इस संबंध में डीएफओ कृष्ण कुमार श्रेष्ठ ने बताया कि सूचना मिलने पर इन क्षेत्रों से अवैध अतिक्रमण हटाया गया था। जो भी लोग अभी भी अवैध रूप से जंगली क्षेत्र में रह रहे हैं उन्हें नोटिस किया जा रहा है। जल्द ही अतिक्रमण हटाया जायेगा।
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