मानसिक बीमार हैं नीतीश, फिट हैं तो मानहानि केस और कोर्ट में साबित करें; प्रशांत किशोर की चुनौती
प्रशांत किशोर ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गंभीर मानसिक बीमारी से जूझ रहे हैं। अगर मेरा कहना गलत है तो मानहानि का केस करें।

जनसुराज के संयोजक प्रशांत किशोर ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर एक बार फिर जुबानी हमला किया है। उन्होंने कहा है कि सीएम मानसिक रूप से स्वस्थ्य नहीं हैं। अगर उनकी बात गलत है तो केस करके जेल भेजवा दिया जाए। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बिहार को मजदूरों का प्रदेश बनाने का आरोप लगाया है। सारण के छपरा में प्रेस वार्ता में पीके ने मुजफ्फरपुर में दलित बेटी की बलात्कार और हत्या पर सीएम ची चुप्पी पर भी सवाल उठाया। कहा कि अभी तक नीतीश कुमार का कोई बयान नहीं आया है।
मुजफ्फरपुर रेप मर्डर कांड पर पत्रकारों के सवाल पर प्रशांत किशोर ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गंभीर मानसिक बीमारी से जूझ रहे हैं। यही वजह है कि मुजफ्फरपुर में निर्भया कांड से भी भयावह घटना होती है, लेकिन इस पर राज्य के मुख्यमंत्री की ओर से एक भी बयान नहीं आता है। यह कितना असंवेदनशील हालत है। नीतीश कुमार मानसिक रूप से स्वस्थ नहीं हैं। उनकी शारीरिक और मानसिक स्थिति ऐसी नहीं है कि वे बिहार का नेतृत्व कर सकें। वे इस पद पर रहने के लिए फिट नहीं हैं। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार को चुनौती है कि वे साबित करें कि वे मानसिक रूप से स्वस्थ हैं और मेरे खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर करें।
उन्होंने कहा कि उनके मंत्री मानहानि का केस करते हैं तो सीएम भी मुझ पर केस करें अगर मैं गलत बोल रहा हूं। मुझे जेल भेजवा दें नहीं तो वे साबित कर दें। उन्हें खुद से यह पद छोड़ देना चाहिए क्योंकि अब वे प्रधानमंत्री का भी नाम भूल जाते हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा के नेताओं को बिहार की 13 करोड़ जनता पर ऐसे सीएम को नहीं थोपना चाहिए।
प्रशांत किशोर ने पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा। कहा कि बिहार को मजदूरों का प्रदेश बनाया जा रहा है ताकि गुजरात की फैक्ट्रियों में मजदूरों की कमी नहीं हो। उन्होंने पूछा कि नरेंद्र मोदी के पिछले 11 साल के उनके कार्यकाल में बिहार में एक भी फैक्ट्री क्यों नहीं लगी। बड़ी हैरानी की बात है कि कश्मीर हो या तमिलनाडु या गुजरात, बिहार के बच्चे वहां काम कर रहे हैं जबकि ये सभी राज्य बिहार से काफी दूर हैं। ऐसा इसलिए कि बिहार में काम नहीं मिलता।