मांझागढ़ ग्रामीण बैंक वित्तीय अनियमितता की जांच सीबीआई ने संभाली
गोपालगंज जिले के उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक की मांझागढ़ शाखा में वित्तीय अनियमितता और गबन की जांच सीबीआई ने शुरू की है। जुलाई 2022 में दर्ज मामले में बैंक के पूर्व शाखा प्रबंधक जोसेफ कुजूर और बैंक मित्र...

गोपालगंज जिले के उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक की मांझागढ़ शाखा में हुई वित्तीय अनियमितता और गबन मामले की जांच सीबीआई ने संभाल ली है। जुलाई 2022 में दर्ज मामले की जांच को लेकर राज्य सरकार ने मार्च में सीबीआई से अनुशंसा की थी। सीबीआई ने दर्ज प्राथमिकी में आरोप लगाया है कि बैंक के तत्कालीन शाखा प्रबंधक जोसेफ कुजूर और बैंक मित्र राकेश कुमार मांझी ने मिलीभगत कर बैंक से 14.52 लाख से अधिक की राशि गबन की है। गबन की राशि में से करीब 1.90 लाख रुपये बैंक मित्र राकेश मांझी के खाते में भेजे गए थे, जबकि शेष राशि की निकासी दूसरे केसीसी व अन्य बैंक खातों से की गई थी।
आरोप है कि दोनों आरोपितों ने मांझागढ़ के प्रखंड विकास पदाधिकारी के खाते से यह राशि गायब की। जब पुलिस ने पूरे मामले की जांच शुरू की तो एक बड़े गबन का खुलासा हुआ। बैंक के विशेष लेखा परीक्षक की जांच में गबन की राशि तीन करोड़ 83 लाख 11 हजार 213 रुपये तक चली गई। गबन की राशि अधिक होने पर गोपालगंज के एसपी ने सीबीआई से पूरे कांड की जांच की अनुशंसा की, जिसे स्वीकार कर लिया गया है। इस मामले में बैंक के शाखा प्रबंधक आशीष अग्रहरी के आवेदन पर सबसे पहले पुलिस ने शिकायत दर्ज कर जांच शुरू की थी। फरार तत्कालीन शाखा प्रबंधक जोसेफ कुजुर, रांची के नेहालु का रहने वाला है। वहीं, बैंक मित्र राकेश कुमार मांझी मांझागढ़ के ही कनपुरा गांव का निवासी है। दोनों अभियुक्त फरार हैं।
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