बिहार में कौशल विश्वविद्यालय खुलने में होगी देर
बिहार में कौशल विश्वविद्यालय खोलने में देरी हो रही है क्योंकि केंद्र ने राज्य का प्रस्ताव संशोधन के साथ भेजने को कहा है। श्रम संसाधन विभाग ने प्रस्ताव तैयार कर उच्च स्तर पर विमर्श के लिए भेजा है,...

बिहार में कौशल विश्वविद्यालय खुलने में देर होने की संभावना है। कौशल विश्वविद्यालय खोलने संबंधी राज्य के पिछले प्रस्ताव को यह कह कर केंद्र ने लौटा दिया था कि इसमें संशोधन के साथ भेजें, लेकिन अभी तक प्रस्ताव को संशोधित कर केंद्र को नहीं भेजा जा सका है। कौशल विश्वविद्यालय की स्थापना को लेकर उच्च स्तर पर विमर्श के बाद प्रस्ताव भेजा जाना है। श्रम संसाधन विभाग ने प्रस्ताव तैयार उच्च स्तर पर विमर्श के लिए भेजा है, लेकिन विमर्श के साथ फाइल अब तक लौटी नहीं है। राज्य सरकार द्वारा प्रस्ताव भेजने के बाद केंद्र से इसकी मंजूरी मिलने पर कौशल विश्वविद्यालय खोलने में आसानी होगी। कौशल विश्वविद्यालय खोलने के लिए राज्य सरकार को न्यूनतम 10 एकड़ जमीन उपलब्ध कराना होगा। विश्वविद्यालय की आधारभूत संरचना निर्माण सहित स्थापना मद में राशि केंद्र सरकार वहन करेगी। पटना के आसपास इस विश्वविद्यालय की स्थापना का लक्ष्य रखा गया है। पटना के आसपास जमीन नहीं मिलने की स्थिति में ही अन्य जिलों में भी स्थापना पर विचार होगा। कौशल विश्वविद्यालय स्थापित होने पर कौशल विकास और रोजगार से जुड़े कोर्स का संचालन इसी विश्वविद्यालय के माध्यम से होगा। वोकेशनल कोर्स संचालित करने वाले कॉलेज और संस्थानों और यहां पढ़ाई व प्रशिक्षण लेने वाले विद्यार्थियों का निबंधन इस विश्वविद्यालय में होगा। कौशल विश्वविद्यालय के माध्यम से बैंचलर ऑफ वोकेशन, मास्टर ऑफ वोकेशन, बेचलर ऑफ स्किल और मास्टर ऑफ स्किल कोर्स संचालित होंगे। विश्वविद्यालय में कुलपति, रजिस्ट्रार, विषय विशेषज्ञ, तकनीशियन, लिपिक सहित लगभग 100 पद सृजित होंगे। वोकेशनल कोर्स के छात्र-छात्राओं को इस विश्वविद्यालय के माध्मय से ही सर्टिफिकेट मिलेगा। सभी वोकेशनल कोर्स को इस विश्वविद्यालय से संबद्ध करने से डिग्री संबंधी फर्जीवाड़े पर पर भी अंकुश लगेगा। कौशल विकास केंद्र का संचालन भी इस विश्वविद्यालय के माध्यम से होगा।
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