Rahul Gandhi attacks Modi in Nitish Nalanda said PM surrendering habit writes letter in 2 minutes उनको सरेंडर की आदत, 2 मिनट में चिट्ठी लिखते हैं; नीतीश के गढ़ में मोदी पर राहुल का अटैक, Bihar Hindi News - Hindustan
Hindi NewsBihar NewsRahul Gandhi attacks Modi in Nitish Nalanda said PM surrendering habit writes letter in 2 minutes

उनको सरेंडर की आदत, 2 मिनट में चिट्ठी लिखते हैं; नीतीश के गढ़ में मोदी पर राहुल का अटैक

राहुल गांधी ने ओबीसी सम्मेलन में कहा कि हमारे पीएम को सरेंडर करने की आदत है। ट्रंप ने कहा और सरेंडर कर गए।

Sudhir Kumar लाइव हिन्दुस्तानFri, 6 June 2025 03:33 PM
share Share
Follow Us on
उनको सरेंडर की आदत, 2 मिनट में चिट्ठी लिखते हैं; नीतीश के गढ़ में मोदी पर राहुल का अटैक

2025 में पांचवीं बार बिहार आए कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने नालंदा में आयोजित संविधान सुरक्षा सम्मेलन(ओबीसी सम्मेलन) मे पीएम मोदी बड़ा हमला किया। कहा कि हमारे प्रधानमंत्री को सरेंडर करने की आदत है। दो मिनट में चिट्ठी लिखने लगते हैं। ट्रंप के सामने सरेंडर कर गए। जब हमने दबाव बनाया तो जाति जनगणना की घोषणा की।

राहुल गांधी ने कहा कि मैंने लोकसभा में मोदी जी की आंख में डालकर कहा कि जाति जनगणना होगा। आप लोग तो जानते हैं कि उनको सरेंडर करने की आदत है। दो मिनट में चिट्ठी लखना शुरू कर देते है। मॉडर्न जमाने में वाट्सऐप से काम करते हैं। ट्रंप साहब ने 11 बार बोला है कि उन्होंने नरेंद्र मोदी को सरेंडर करवा दिया। नरेंद्र मोदी कुछ नहीं बोल रहे हैं। वे कह नहीं पा रहे कि ट्रंप झूठ बोल रहा है क्योंकि इसमें सच्चाई है। मुझे मालूम था कि जिस दिन थोड़ा सा दबाव डाल देंगे कि सरेंडर कर देंगे। लेकिन आप लोग गलतफहमी में मत रहिए, ये लोग कभी सही जाति जनगणना नहीं कराएंगे। क्योंकि जिस दिन सही जाति जनगणना करा लिया उस दिन इनकी राजनीति समाप्त हो जाएगी।

ये भी पढ़ें:तो राहुल गांधी किडनैप हो जाते, सोनिया को लालू से डील करना पड़ता;क्यों बोले मांझी

राहुल गांधी ने कहा कि जिसे हम इंडिया कहते हैं उसमें नब्बे प्रतिशत वालों की भागीदारी है ही नहीं। किसी भी सेक्टर को देख लें। 500 सबसे बड़ी कंपनियां हैं उनमें अतिपिछड़ा, पिछड़ा और दलितों का प्रनिधित्व काफी कम है। उनका लाखों करोड़ का कर्जा माफ होता है। बजट में कानून बनाकर उन्हें सुविधाएं दी जाती हैं। लेकिन इनमें कहीं भी दलित, आदिवासी या पिछड़ा वर्ग का सीईओ नहीं है। मैनेजमेंट टीम में भी नहीं हैं। उपर से गरीबों का कर्ज माफ नहीं किया जाता। प्राइवेट अस्पतालों को सरकार आपकी जमीन देती है। पर उनमें आपका इलाज नहीं होता। डॉक्टर भी इन समाज के नहीं मिलते। सभी स्कूल और यूनिवर्सिटी को प्राइवेटाइज किया जा रहा है। उनमें 90 प्रतिशत वाले कहां हैं। ब्यूरोक्रैसी में आपके लोग पीछे बैठते हैं।

ये भी पढ़ें:दशरथ मांझी के बेटे कांग्रेस के टिकट पर लड़ना चाहते हैं चुनाव, इस सीट से दावेदारी

लेकिन मनरेगा मजदूरों या ऑटो ड्राइवर की लिस्ट निकालें तो इनमें ये नब्बे प्रतिशत वाले हीं दिखेंगे। आबादी 90 परसेंट होने के बावजूद कंट्रोल 5 प्रतिशत भी नहीं है। हमे पता लगाना है कि इस देश में किसकी कितनी भागीदारी है। ये लोग दुख दर्द के सबसे बड़े शेयर होल्डर हैं। हमारा लक्ष्य है जाति जगणना।

ये भी पढ़ें:मोदी जी 50 बार, राहुल गांधी बचपन से पचपन तक कितनी बार? पूछ रहे दिलीप जायसवाल