शिक्षा विभाग का कारनामा: मधेपुरा के शिक्षक को सहरसा व सहरसा के शिक्षक को मधेपुरा से भुगतान
सहरसा में शिक्षा विभाग की लापरवाही के कारण एक शिक्षक और शिक्षिका के भुगतान में गड़बड़ी हुई है। शिक्षक नंदन कुमार ने बताया कि उनकी बहन स्नेहा श्रुति का डेटा एचआरएमएस पर गलत तरीके से दर्ज है। इस कारण...

सहरसा हिन्दुस्तान संवाददाता। शिक्षा विभाग अपने कारनामों को लेकर हमेशा चर्चा में रहता है। अब विभाग का नया कारनामा सामने आया है। विभाग द्वारा सहरसा के एक शिक्षक का मधेपुरा से व मधेपुरा की शिक्षिका का सहरसा ट्रेजरी से भुगतान किया जा रहा है। विभाग के लापरवाही के कारण शिक्षक व शिक्षिका तो परेशान हैं लेकिन विभाग के अधिकारी चुप्पी साध बैठे हैं। मामला का खुलासा तब हुआ जब शिक्षक ने आरडीडीई कार्यालय में आवेदन दिया। आवेदन में कहा गया कि दोनों शिक्षक शिक्षिका भाई बहन है। वहीं एचआरएमएस पर मोबाइल से लॉगिन करने पर शिक्षिका बहन का यूजर आई डी ओपन हो रहा है। जबकि बहन सिंहेश्वर स्कूल में पदस्थापित है और भाई जिले के भेड़धरी स्कूल में विशिष्ट शिक्षक है। एचआरएमएस पर डाटा में गलती से शिक्षक शिक्षिका परेशान है। इस बाबत मध्य वि भेड़धरी के विशिष्ट शिक्षक नंदन कुमार ने जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) को आवेदन देकर सुधार की मांग की है। उन्होंने आवेदन में कहा कि मेरा ए/सी नं 33588188396, प्राण नं -110252.830007 टेल रजिस्टर्ड मो नं-82-98196010 है। जब में एचआरएमएस पर मोबाइल से लॉगिन करता हूं तो स्नेहा श्रुति के नाम से आईडी ओपन होता है। जबकि स्नेहा श्रुति मेरी बहन है, जो कन्या मध्य विद्यालय, सिंहेश्वर, मधेपुरा में विशिष्ट शिक्षिका के पद पर नियुक्त है। स्नेहा श्रुति का ए/सी नं-40948700778, प्राण नं -110252867042 , रजिस्टर्ड मो. नं-7004070409 है। जब एचआरएमएस पर उक्त मोबाइल नं-7004070409 से लॉगिन करता हूँ ती नन्दन कुमार का यूजर आईडी ओपन होता है।
शिक्षक ने कहा कि मेरा भुगतान मधेपुरा ट्रेज़री से जबकि स्नेहा श्रुति का भुगतान सहरसा ट्रेजरी से हो रहा है क्योंकि नन्दन कुमार के भुगतान का मैसेज प्राप्त होने पर ए/सी नं-33588188396 तथा पेमेंट फ्रॉम मधेपुरा ट्रेज़री ऑफिस शो करता है जबकि स्नेहा श्रुति का भुगतान प्राप्त होने पर ए/सी नं -40348700778 तथा पेमेंट फार्म सहरसा ट्रेज़री ऑफिस शो करता है। इसलिए लगता है कि एचआरएमएस पर हम दोनों का डाटा गलत प्रविष्ट हो गया है। शिक्षक ने एचआरएमएस पर डाटा सुधार करने की मांग की है।
इधर मामला सामने आने के बाद विभाग सकते में हैं। विभागीय सूत्रों का कहना है कि यह गलती पटना से हुई है। हालांकि उन्होंने माना कि इस तरह का मामला सामने आने के बाद वेतन भुगतान नहीं होना चाहिए लेकिन विभाग में इसे देखने की फुर्सत किसी का पास नहीं है। ऑफिस में शिक्षकों का जमावड़ा लगा रहता है लेकिन उनका सुनने वाला कोई नहीं है।
कहते हैं अधिकारी: इस संबंध में जानकारी ली जा रही है। जिसके बाद सही करवाया जाएगा।
अनिल कुमार, आरडीडीई
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