Fraudulent Agricultural Loans in Saharsa Union Bank Under Scrutiny जालसाज़ी से ऋण लेने मामले में गिरफ्तारी से हडकंप, Saharsa Hindi News - Hindustan
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जालसाज़ी से ऋण लेने मामले में गिरफ्तारी से हडकंप

सहरसा में युनियन बैंक के शाखा प्रबंधक ने जाल भू स्वामित्व प्रमाणपत्र और मालगुजारी रसीद के आधार पर कृषि लोन लेने के मामले में दर्जनों खाताधारकों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है। आरोप है कि फर्जी...

Newswrap हिन्दुस्तान, सहरसाTue, 22 April 2025 03:36 AM
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जालसाज़ी से ऋण लेने मामले में गिरफ्तारी से हडकंप

सहरसा, नगर संवाददाता। शहर के पुरब बाजार स्थित युनियन बैंक आफ इंडिया शाखा में जाल भू स्वामित्व प्रमाणपत्र एवं मालगुजारी रसीद के आधार पर कृषि लोन लेने के मामले में कई गिरफ्तारी से हडकंप मचा हुआ है।मामले में बैंक शाखा प्रबंधक शैलेश कुमार राय के द्वारा कोर्ट नालिसी के आधार पर सदर थाना में दर्जनों खाताधारकों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराया गया था । जिन खाताधारकों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज हुई है वे सभी सुलिंदाबाद के रहने है।वहीं इस बात पर भी सवाल उठ रहे हैं कि आखिर इतनी बड़ी संख्या में बिना कागजातों की जांच-पड़ताल किए कैसे कृषि लोन का भुगतान कर दिया गया है।जबकि बैंक बिना किसी छानबीन के लोगों को लोन नहीं देती है। शाखा प्रबंधक के द्वारा जिन लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराया गया था उसमें सुलिदाबांद के अलग अलग वार्ड के रामदेव सादा, अवध बिहारी सादा, इंग्लिश शर्मा, राधे कृष्ण, अयोध्या साह, सरयू पंडित, शिवेंद्र साह, दीनबंधु शर्मा, खोखा सादा, कैलाश राय, राजु साह, पंकज शर्मा, संजू तांती, रघुनन्दन साह, लक्षमण साह,महेंद्र पोद्दार, मनोज पंडित, मदन राय, मुलो शर्मा,कामो शर्मा, ढोराय सादा, तारामणि कुमार, मणिकांत साह, संकित शर्मा, सुजीत कुमार, अंगद कुमार, उदय पंडित, मन्नु साह,बाबुल राय, कुमोद साह के नाम शामिल हैं।सदर थाना पुलिस ने जालसाजी मामले से जुड़े कांड संख्या 588/24 प्राथमिक अभियुक्त को गिरफ़्तार संजन सादा, विजय सदा, राजीव सहनी, रामचंद्र सादा को गिरफ़्तार किया।कांड संख्या 1036/24 के प्राथमिकी अभियुक्त सुलिदाबांद निवासी विशो सादा को भी गिरफ्तार किया गया है। मामले में नालसी के आधार पर अलग-अलग कई रिपोर्ट में 70 से अधिक लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज है। कांड संख्या 1036 /24 में भी बड़ी संख्या में लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया गया है। दर्ज रिपोर्ट में नामित व्यक्तियों के खिलाफ भू स्वामित्व प्रमाणपत्र एवं मालगुजारी रसीद के आधार पर बैंक द्वारा ऋण की राशि का भुगतान खाते में किया गया। समर्पित किए गए भू स्वामित्व प्रमाणपत्र एवं मालगुजारी रसीद का सत्यापन जब बैंक द्वारा अंचल कार्यालय कहरा से कराया गया तो पता चला कि सभी फर्जी है।अपराधिक षड्यंत्र रच कर जाल भू स्वामित्व प्रमाणपत्र कहरा अंचलाधिकारी का जाली हस्ताक्षर करा कर और जाली लगान रसीद तैयार कर बैंक में जमा करते हुए बैंक से कृषि ऋण नाजायज तरीके से प्राप्त कर लिया गया। कोर्ट नालसी के आधार पर सदर थाना में रिपोर्ट दर्ज हुआ।कहरा सीओ द्वारा बैक को दी गई रिपोर्ट में बताया गया कि करीब 90 लोगों का भू स्वामित्व प्रमाणपत्र एवं मालगुजारी रसीद फर्जी है। सभी सुलिदाबांद पंचायत के हीं रहने वाले हैं।

बैंक अधिकारी पर भी हो चुकी है रिपोर्ट:वर्ष 2021 में इसी प्रकार के अनियमितता मामले में बैंक अधिकारी सहित बिचौलिए के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज हुई थी। जबकि बिचौलिया को जेल भेजा गया था। तत्कालीन एसपी लिपि सिंह के निर्देश पर सदर थाना में रिपोर्ट दर्ज किया गया था।

यूनियन बैंक ऑफ इंडिया सहरसा शाखा के मैनेजर सहित अन्य कर्मियों द्वारा बिचौलिया के माध्यम से सुलिदाबांद पंचायत के करीब आठ सौ लोगों के नाम पर करीब आठ करोड़ रुपये की बड़ी राशि के बंदरबांट का आरोप लगाया गया था। पीड़ित लोगों की शिकायत पर फर्जीवाड़ा कर सुलिदाबांद पंचायत के सैकड़ों लोगों के साथ गलत ढंग से रूपया निकासी करने के मामले में धराये बिचौलिया सहित यूनियन बैंक ऑफ इंडिया सहरसा शाखा के खिलाफ सदर थाना में प्राथमिकी दर्ज किया गया था। धराये बिचौलिया बनगांव थाना क्षेत्र के रहुआ निवासी बाना ठाकुर को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। पीड़ित लोगों द्वारा दिए गए आवेदन में बताया गया था कि बाना ठाकुर, बिहरा निवासी अमित जायसवाल, यूनियन बैंक के मुख्य मैनेजर सहित सभी बैंक कर्मियों के मिलीभगत से सैकड़ों लोगों का जाली हस्ताक्षर, जाली जमीन का रसीद दर्शाकर गलत तरीके से राशि निकाला गया। जिसका पता लोक अदालत के दौरान पता चला। पीड़ित लोगों के अनुसार सुलिदाबांद पंचायत के करीब 785 लोगों के नाम पर फर्जीवाड़ा करते हुए करीब आठ लाख रुपये की राशि का हेराफेरी किया गया है। यूनियन बैंक की शाखा से अनुदान दिलाने के नाम पर कई कागजात ले लिया। कई कागजात पर हस्ताक्षर भी करवा लिया। एक दिन सभी को बैंक बुलवा कर खाता खोलने के नाम पर कई फार्म पर भी दस्तखत करवा लिया। समझौते के आधार पर लोन सेटलमेंट करने का नोटिस मिला तो हडकंप मच गया। लोगों का कहना था कि करीब सात से आठ सौ लोगों के खिलाफ नोटिस जारी किया गया। जबकि किसी ने कोई लोन नहीं लिया है। लोन में सभी लोगों के पास कई एकड़ जमीन दर्शाया गया है। जबकि हमलोगों के पास कोई जमीन नहीं है।

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