हत्याकांड में अभियुक्तों की नहीं हो रही गिरफ्तारी
सहरसा पुलिस पिछले कई हत्याकांडों का खुलासा नहीं कर सकी है। कई अभियुक्तों की गिरफ्तारी के बावजूद, प्रमुख अभियुक्त फरार हैं। मो फखरूद्दीन और अश्विनी कुमार की हत्याओं में पुलिस ने अब तक कोई ठोस कार्रवाई...

सहरसा, नगर संवाददाता। सहरसा पुलिस बीते कई हत्याकांड का अभी तक उद्भेदन नहीं कर सकी है। कई हत्याकांड में कुछ अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया है लेकिन कई फरार अभियुक्तों की गिरफ्तारी नहीं हुई है। सदर थाना क्षेत्र के हकपाड़ा निवासी अफसेर हत्याकांड में भी कई अभियुक्त अभी तक फरार चल रहे हैं। हकपाड़ा निवासी मो फखरूद्दीन हत्याकांड मामले में पुलिस अभी तक असली साजिशकर्ता सहित मुख्य अभियुक्तों को गिरफ्तार नहीं कर सकी है। मो फखरूद्दीन की हत्या बीते 22 अप्रैल को हुई थी। सदर थाना क्षेत्र के हकपाड़ा निवासी मो फखरूद्दीन को बीते 22 अप्रैल को घर जाने के दौरान त्रिमुति चौक समीप फखरूद्दीन को गोली मारी गई थी।
जिसकी इलाज के दौरान मौत हो गई थी। हत्या मामले में मृतक की पत्नी ने जमीन विवाद को लेकर अपने पति की हत्या करने की आंशका व्यक्त करते हुए मो मजबुद्दीन उर्फ नदीम, मो फिरोज, मो शमशेर, मो शमसुद्दीन उर्फ बबलू आदि को नामजद अभियुक्त बनाते हुए रिपोर्ट दर्ज कराया था। इधर सहरसा थाना मे दर्ज कांड संख्या 481/2025 मामले में मृतक फखरूद्दीन की पत्नी नाजिया प्रवीण ने एसपी को आवेदन देकर कार्रावाई करने की मांग की है। महिला ने बताया कि कांड में पुलिस पदाधिकारी सही ढंग से अनुसंधान नहीं कर रहे हैं। जबकि मार्च महीने में हुए अफसेर हत्याकांड में भी पुलिस कई अभियुक्त को गिरफ्तार नहीं कर सकी है। 23 मई को हुई थी नृशंस हत्या: बीते 23 मई को सदर थाना क्षेत्र के कोसी कालोनी में कोसी चौक निवासी उमेश पासवान के पुत्र अश्विनी कुमार की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। इस मामले में पुलिस के हाथ अब तक खाली हैं। सदर थाना क्षेत्र के कोसी कालोनी प्रसार भारती के जर्जर भवन के एक कमरे में अश्विनी का शव बरामद किया था । अपराधी ने युवक की बेरहमी से हत्या किया। अपराधी ने उसने ईंट के टुकड़े को अपना हथियार बनाया। मृतक के सिर गर्दन सहित शरीर पर कई जगह गहरे और कटे हुए जख्म के निशान थे। साल भर बाद भी उद्भेदन नहीं :बीते साल अप्रैल महीने में सहरसा सदर अस्पताल परिसर में 21 वर्षीय युवक हत्याकांड का अभी तक खुलासा नहीं हुआ है।मृतक युवक मनोज मल्लिक का पुत्र ऋषभ कुमार मल्लिक नगर निगम कार्यालय में सफाईकर्मी था। घटना के दिन वह अहले सुबह शौच के लिए घर से निकला था।जहां अस्पताल परिसर स्थित ओपीडी समीप हीं बदमाशों ने सीने में गोली मार कर हत्या कर दी थी।छानबीन के दौरान पुलिस को मौके से देसी कट्टा भी मिला था। मृतक युवक के पिता के बयान पर रिपोर्ट दर्ज कराया गया था।जिसमें बताया गया था कि रात करीब एक बजे किसी का काॅल आने पर ऋषभ सदर अस्पताल परिसर से सटे ही आवास से घर से निकला था ।सुबह पांच बजे अस्पताल के ओपीडी समीप उसका शव मिला। मौके से हथियार व कारतूस भी पुलिस को मिला था। हत्या किस कारण हुई इसका अभी तक पता नहीं चला है। साल भर से अधिक समय बीत जाने के बाद भी पुलिस अभी तक हत्याकांड का खुलासा और हत्यारों की गिरफ्तारी नहीं कर सकी है।
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