शवदाह गृह नहीं हुआ चालू, लगेगा जुर्माना
सहरसा के कोरलाही मुक्ति धाम में विकास कार्य चल रहा है, लेकिन समय सीमा समाप्त होने के बावजूद यह चालू नहीं हो पाया है। संवेदक द्वारा दो महीने की समय सीमा बढ़ाने की मांग की गई है। सुप्रीम कोर्ट की...

सहरसा, हिन्दुस्तान संवाददाता । नगर निगम के वार्ड 44 स्थित कोरलाही मुक्ति धाम में विकास कार्य किया जा रहा है। जिस मुक्ति धाम निर्माण कार्य का लगभग समय सीमा समाप्त हो चुका है। इसके बाद भी मुक्ति धाम चालू नही हो पाया है। ऐसे में मुक्ति धाम निर्माण करने वाले संवेदक को जुर्माना भी लग सकता है। जानकारी अनुसार समय सीमा के तहत कार्य पूरा नहीं करने के कारण 10 प्रतिशत जुर्माना के तौर पर राशि कटौती की जाएगी। हालांकि संवेदक द्वारा दो महीने की समय सीमा बढ़ाने की मांग की गई है। जानकारी अनुसार लगभग 9 करोड़ से अधिक लागत से मुक्ति धाम में विकास कार्य किया जा रहा है।
सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन तहत पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाने, शवों को खुले में न जलाने को लेकर नगर निगम तहत कोरलाही में दो इलेक्ट्रिक शव दाह गृह एवं चार लकड़ी का शव दाह गृह का निर्माण किया जाना है। इसके अलावा मुक्ति धाम में बैठक हाॅल, शौचालय, स्नानागार, गार्ड रूम बाउंड्री बाॅल सहित अन्य कई योजनाओं का काम किया जा रहा है। इस शव दाह गृह के बनने से आसपास के लोगों को शव जलाने में काफी सुविधा मिलेगी। इस मुक्ति धाम में बेहतर सुविधा नहीं रहने से लोग इस मुक्ति धाम में दाह संस्कार के लिए आने से हिचकते थे। लोगों का कहना है कि इस मुक्ति धाम से अब इलाके के शव को जलाने में काफी सुविधा मिलेगी और दाह संस्कार में भाग लेने वाले लोगों को भी काफी सहुलियत होगी। शव जलाने वाले एक ही पहुंचा इलेक्ट्रिक मशीन : जानकारी अनुसार शव जलाने के लिए लगाये जाने वाले दो इलेक्ट्रिक मशीन में अभी एक मशीन ही लाया है। दूसरा मशीन आने के बाद ही मशीन इंस्टाल नहीं किया जाएगा। इलेक्ट्रिक मशीन से शव को पूरी तरह से जलाने में मशीन एक घंटे से कम समय लेगी। इलेक्ट्रिक शवदाह गृह के लिए बिजली टांसफार्मर भी लगाया जाना है। चार लकड़ी वाला चैम्बर में दो बांकी: मुक्ति धाम में चार लकड़ी चैम्बर का भी निर्माण किया जाना है। जिसमें अभी मात्र दो चैम्बर का ही निर्माण किया गया है। लकड़ी चैम्बर बनने से अगर लोग लकड़ी से शव जलाना चाहेगे तो लकड़ी के सहारे भी दाह संस्कार किया जाएगा। लकड़ी चैम्बर वाले शवदाह गृह में भी ऊपर धूंआ निकलने के लिए चिमनी का भी निर्माण किया जा रहा है। पांच वर्ष तक संवेदक द्वारा रखरखाव: मुक्ति धाम निर्माण करने वाले संवेदक को पांच वर्षों तक मुक्ति धाम में किये गये कार्यों का रखरखाव करना है। किसी भी तरह की समस्या आने पर समस्या हर करने की जिम्मेदारी संवेदक की होगी। हालांकि मुक्ति धाम संचालन की व्यवस्था नगर निगम के जिम्मे होगी।
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