धुरलख: कहने को शहर पर सड़क नाले जैसी जरूरी सुविधाएं भी नहीं
धुरलख मोहल्ला, जो अब नगर निगम क्षेत्र में शामिल हो गया है, बुनियादी सुविधाओं से वंचित है। यहाँ जलजमाव, सफाई की कमी और बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। स्थानीय लोग नगर निगम से नियमित सफाई और जलनिकासी की...
शहर का धुरलख मोहल्ला वार्ड-40 का हिस्सा है, लेकिन यहां सुविधाएं गांव जैसी भी नहीं है। हाल ही में यह नगर निगम क्षेत्र में शामिल किया गया है। यह इलाका आज भी बुनियादी सुविधाओं के लिए मोहताज है। बरसात में जलजमाव, बीमारियों के खतरे, सफाई की अनदेखी और सरकारी योजनाओं से वंचित स्थानीय लोग कहते हैं कि केवल नाम बदलने से हालात नहीं बदलते। सबसे गंभीर समस्या यहां बनी सड़क व नाले हैं। यहां के नालों से जलनिकासी होती ही नहीं है। नगर निगम में भी शामिल होने के बाद पीने के पानी की अनश्चितिता और सरकारी तंत्र की बेरुखी ने स्थानीय लोगों को संकट में डाल रखा है।
वार्ड के लोगों ने ‘बोले समस्तीपुर के तहत खुलकर अपनी समस्याएं रखीं। स्थानीय मुकेश कुमार ने कहा कि क्षेत्र की सबसे बड़ी समस्या जलनिकासी को लेकर बड़े और कनेक्टिंग नाले का निर्माण नहीं होना है। वहीं सड़क का हाल बेहाल है। विनय कुमार कहते हैं कि शहर से सटे होने के कारण कई वीआईपी मोहल्ले अब यहां बसते जा रहे हैं। लेकिन सुविधा के नाम पर तीन साल में भी कुछ नहीं किया जा सका है। पहले बारिश का पानी खेतों की ओर चला जाता था, लेकिन अब बड़े-बड़े घर बन जाने के कारण सड़क पर पानी जमा हो जाता है। इस कारण से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। संतोष कुमार बताते हैं कि अब तो हालात ऐसे हो गए हैं कि घरों का गंदा पानी भी सड़क व बचे गड्ढ़ों में जमा होकर सड़ता रहता है, जिससे दुर्गंध और बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। वार्ड में सफाई व्यवस्था लगभग ठप है। पप्पू कुमार का कहना था कि नगर निगम में शामिल होने के बावजूद नियमित सफाई सेवाएं नहीं पहुंचतीं। कूड़ा-कचरा गलियों में कई-कई दिनों तक पड़ा रहता है, जिससे दुर्गंध और बीमारी फैलने का खतरा बना रहता है। बरसात के दिनों में यह समस्या और भी विकराल हो जाती है, क्योंकि पानी के साथ गंदगी चारों तरफ फैल जाती है। स्थानीय लोगों की शिकायत है कि नगर निगम केवल नाम के लिए है, सुविधाएं कुछ भी नहीं मिल रहीं। सफाईकर्मियों की उपस्थिति नियमित नहीं होती और कूड़ा उठाने के लिए कोई निश्चित समय नहीं है। नगर प्रशासन कूड़ा प्रबंधन के लिए समुचित व्यवस्था कराए। जब गांव को शहरी क्षेत्र में शामिल किया गया है, तो यहां भी वैसी ही सुविधाएं मिलनी चाहिए जैसी शहर को मिलती हैं। लेकिन ऐसा नहीं है। मनोज सिन्हा ने बताते हैं सड़क की स्थिति सही नहीं होने के कारण बुजुर्गों, बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए कई बार मुश्किल हालात हो जाते हैं। जब यह इलाका निगम में शामिल किया गया तो उम्मीद जगी थी कि स्वास्थ्य सेवा भी मिलेगी, लेकिन यह अब तक केवल उम्मीद ही बनी हुई है। सड़क पर जलजमाव और गंदगी के कारण मच्छरों का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है। हल्की बारिश और नालियों की सफाई नहीं होने के कारण गंदा पानी सड़कों पर जमा हो जाता है। इससे मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। लोगों का कहना है कि रात होते ही मच्छरों की संख्या इतनी बढ़ जाती है कि बिना मच्छरदानी के सोना मुश्किल हो गया है। क्षेत्र में नियमित फॉगिंग की व्यवस्था की जाए, ताकि मच्छरों से फैल रही बीमारियों पर काबू पाया जा सके।
-बोले जिम्मेदार-
वार्ड में बेहतर सुविधा बहाल हो इसका प्रयास किया जा रहा है। गर्मी में प्राथमिकता के आधार पर पानी की आपूर्ति की जा रही है। इसको लेकर टैंकर मोहल्ले में लगाया जा रहा है। सड़क व नाला का निर्माण भी जल्द ही शुरू होगा। इसके अलावा स्थानीय समस्याओं का पता लगाकर निदान कराया जाएगा।
-अनिता राम, मेयर, नगर निगम।
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